
(सागर) सागर जिले में सड़क सुरक्षा मानकों की कोताही और यात्री परिवहन में लापरवाही के कारण कई सड़क दुर्घटनाओं के मामले सामने आ चुके है। विगत दिनों सागर बस स्टेण्ड के समीप हुए यात्री बस हादसे में पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत के बाद अब परिवहन विभाग हरकत में है। जिला प्रशासन के निर्देश के बाद नींद से जागे परिवहन विभाग के जांच दल ने यात्री बसों में सुरक्षा मानकों की जांच के बाद लगभग 90 बसों पर 3 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है।
सागर जिले में लचर परिवहन की दुरवस्था किसी से छिपी नही है, हाईवे और ग्रामीण सड़कों पर आए दिन होने वाले दर्दनाक हादसे अक्सर अखबारों की सुर्खिया बनते है। बड़े हादसों के शोर और जन आक्रोश के बाद परिवहन विभाग द्वारा फौरी कार्रवाई एक रिवाज बन चुकी है। विगत दिनो सागर बस स्टेण्ड के समीप मुख्य सड़क पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद जिला प्रशासन के सख्त रवैये के चलते अब परिवहन विभाग की टीम यात्री बसा में सुरक्षा मानकों की जांच कर रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिता-पुत्र बस हादसे को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है, मामले को लेकर जिला कलेक्टर के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक टीम तैयार की गई है। जिसने जिले भर में यात्री बसों की जांच आरंभ कर दी है। जिला प्रशासन के निर्देश पर गठित टीम के द्वारा बसों की फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस, बस में फायर सेफ्टी उपकरण और बीमा की बारीकी से जांच की जा रही है। इसमें किसी तरह की कमी पाए जाने पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया जा रहा है। अब तक चेकिंग में 90 से अधिक यात्री बसों पर साढ़े तीन लाख से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है।
दरअसल, बीते दिनों पिता और पुत्र की बस के नीचे दबने से जान चली गई थी, जिसके बाद से प्रशासन एक्शन मोड में हैं। संयुक्त टीम लगातार बसों में यात्रियों की सुरक्षा, सुविधाओं और बसों के तमाम दस्तावेजों की जांच कर रही है। सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा बस संचालकों को गाड़ी बस स्टैंड पर ही रोकने की हिदायत दी है, अगर बस को बीच में या इधर-उधर रोका जायेगा तो कार्रवाई होगी। फिलहाल परिवहन विभाग की चेकिंग का क्रम जारी है। अब देखना यह है कि यह अभियान कितने दिन तक चलता है और इसके क्या सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं।
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