(देवरीकलाँ) देवरी नगर में लंबे समय से प्रेक्टिसरत एक झोलाछाप चिकित्सक के उपचार के चलते नवविवाहित महिला की मौत के बाद उस पर लापरवाही का गंभीर आरोप है। मामला गरमाने के बाद चिकित्सक अपना दवाखाना बंद करके रफूचक्कर हो गया है। पुलिस द्वारा परिजनों की शिकायत पर मर्ग कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है। विकासखण्ड में चिकित्सकों की कमी एवं लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के कारण दर्जनों झोलाछापअपने दवाखाने संचालित कर लोगो की जान से खिलवाड़ कर रहे है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतिका सरस्वती पति सीताराम अहिरवार 27 वर्ष ग्राम इमझिरा की निवासी है। उनके पति सीताराम ने बताया कि उनकी पत्नि को उल्टी एवं सिरदर्द की शिकायत थी जिसके कारण वह उसके उपचार के लिए सुबह 9 बजे देवरी के बस स्टेण्ड के समीप नगर के मुख्य मार्ग पर स्थित विश्वास फार्मा क्लीनिक गये थे जहाँ चिकित्सक समीर विश्वास द्वारा उनकी पत्नि की उपचार किया गया था। सीताराम के मुताबिक चिकित्सक द्वारा एक पर्चे पर लिखकर उससे दवाये इंजेक्शन मंगाये गये थे जो उसकी पत्नि को लगाये गये थे। दोपहर लगभग 1 बजे उसकी पत्नि की हालत बिगड़ने लगी और उसके मुँह से फेन आने लगा जिसे देखकर घबराये चिकित्सक द्वारा उसे मरीज को सरकारी अस्पताल ले जाने को कहा गया। इस दौरान उसकी पत्नि पूरी तरह बेहोशी की स्थिति में थी, वह आटो रिक्शा से अपनी पत्नि सरस्वती को लेकर दोपहर 1.34 बजे सरकारी अस्पताल पहुँचा तो वहाँ उपस्थित चिकित्सक द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। सीताराम ने बताया कि उसका विवाह लगभग 4 वर्ष पूर्व हुआ था उसके दो बच्चे भी है पत्नि की अकस्मिक मौत के कारण उसका परिवार उजड़ गया। सीताराम आरोप है कि चिकित्सक समीर विश्वास द्वारा उसकी पत्नि के उपचार में लापरवाही की गई है जिसके के कारण गलत दवाओं के दुष्प्रभाव से उसकी मौत हुई है। मामले को लेकर उसके द्वारा देवरी पुलिस थाने में चिकित्सक समीर विश्वास के विरूद्ध शिकायती आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई है। प्रकरण में थाना पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर संज्ञान लिया गया है, शव के पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौपा गया है।
दवाखाना बंद कर चिकित्सक फरार, क्लीनिक सील किया गया
घटना के बाद आरोपो से घिरा चिकित्सक समीर विश्वास अपनी क्लीनिक बंद कर फरार हो गया है, पुलिस द्वारा उसके आवास भी उसकी पूछताछ की गई थी परंतु उसके संबंध में कोई जानकारी प्राप्त न होने के बाद पुलिस ने क्लीनिक सील कर दी है। थाना प्रभारी श्रीमति उपमा सिंह ने बताया कि शव के पोस्टमार्टम में मृत्यु के कारण स्पष्ट होने की संभावना है जिसके बाद चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। पुलिस द्वारा शव का बिसरा भी प्रिजर्व किया गया है जिसकी एफएसएल जांच कराई जाएगी।
नगर के मुख्य मार्ग पर क्लीनिक चंद कदम पर बीएमओ आवास
देवरी विकासखण्ड में फैले झोला छाप चिकित्सकों के मकड़जाल का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि मामले का आरोपी विगत कई वर्षो से नगर के मुख्य मार्ग पर क्लीनिक सचालित कर लोगों का उपचार धड़ल्ले से कर रहा है, स्वास्थ विभाग द्वारा ही उसे कई बार नियम विरूद्ध बिना सक्षम योग्यता के एक ऐलोपैथी चिकित्सक के रूप में उपचार करने को लेकर पकड़ा गया है, परंतु सक्षम कार्रवाई नहि की गई जिसके बाद से उसका दवाखाना बेरोकटोक चल रहा है। इस पूरे मामले में सबसे आश्चर्यजक तथ्य है कि जिस परिसर में कई वर्षो से उसका दवाखाना चल रहा है उसी में बीएमओं का आवास है इसके बाद भी न तो उसकी ड्रिग्री की जांच हो सकी न ही उसके इस गोरखधंधे पर रोक लगाई गई है।
एक कंपनी ने बनाये दर्जनो डॉक्टर, घासफूस थमाकर हुई फरार
देवरी विकासखण्ड में चिकित्सा क्षेत्र में चल रहे गोरखधंधे का यह अकेला मामला नही है, इसके पूर्व एक आयुर्वेद कंपनी द्वारा अपने प्रोडक्ट बैचने के नाम पर क्षेत्र के कई ग्रामों में बेरोगारों को झांसा देकर उनसे लाखों रूपये वसूल किये गये और उन्हे अपने प्रोडक्ट और घास-फूस देकर वाकायदा उनके दवाखाने भी खोले गये। लगभग एक दर्जन से अधिक स्थानों पर फर्जी चिकित्सक तैयार कर वह कंपनी फरार हो गई मामले शिकवा-शिकायत भी हुए परंतु उस पर क्या कार्रवाई की गई ज्ञात नही हो सकी है।
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