(बुन्देली बाबू डेस्क) संसार का कोई ऐसा धर्म और सम्प्रदाय नही है जो अपने अनुयायियों को स्वर्ग के सजीले सपने न दिखाता हो, इस अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने की चाहत में अनुयायी अक्सर कठिन साधना का मार्ग अपनाते है, परंतु कीनिया में एक पंथ गुरू ने सैकड़ों अनुयायियों को कठिन उपवास कर मौत के लिए प्रेरित किया ताकि कयामत के दिन उन्हे स्वर्ग मिल सके। इस अंधविश्वास पूर्ण अनुष्ठान के कारण सैकड़ों लोगो की मौत हो गई जिन्हें सामूहिक कब्रो में दफनाया गया। मामला उजागर होने के बाद पुलिस और प्रशासन द्वारा अब तक लगभग दो दर्जन कब्रो से 201 शव निकाले गये है। मामले में लोगो को मौत की राह पर धकेलने वाले पंथ गुरू मैकेंजी पॉल सहित 15 को हिरासत में लिया गया है।
सांसारिक जीवन में पाप-पुण्य या अच्छे-बुरे को नियंत्रित करने वाली धार्मिक व्यवस्था जब अंधश्रद्धा और परलोकिक जगत के सुनहरे सपनों को पूरा करने का माध्यम बन जाये तो वह समाज के लिए दुखदयी सिद्ध होती है। पूर्वी अफ्रीका में बसे देश केन्या में एक विवादित पंथ गुड न्यूज इंटरनेशनल चर्च के धर्म गुरू मैंकेंजी पॉल पर आरोप है कि उसने सैकड़ों लोगो का मौत के लिए प्रेरित किया जिसमें बड़ी संख्या में महिलाए एवं बच्चे भी शामिल है। बीबीसी हिन्दी द्वारा प्रकाशित खबर के मुताबिक कीनिया में ईसाई डूम्सडे कल्ट (क़यामत के दिन में यक़ीन रखने वाला पंथ) में सामूहिक आत्महत्या के मामले में मरने वालों का आँकड़ा 200 पार कर गया है. पुलिस ने अब तक 201 शव निकाले हैं.
सामूहिक आत्महत्या की ये घटना कीनिया के दक्षिण-पश्चिमी इलाक़े में स्थित शाकाहोला जंगल में हुई है. पुलिस अभी यहां खोजबीन अभियान चला रही है. स्थानीय लोगों के मुताबिक जहां ये घटना हुई, वहाँ 600 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं. इस पंथ से पूर्व में जुड़े रहे लोगों को कहना है कि सबसे पहले भूख से मरने वालों में बच्चे थे. लोगो का मामना है कि इस विवादित धर्म गुरू ने लोगो को स्वर्ग पहुँचने के लिए उपवास का रास्ता बताया जिसके कारण कई दिनो तक भूखे और प्यासे रहने के कारण सैकड़ों लोगो की मौत हो गई जिन्हें सामूहिक कब्रो में दफनाया गया और अनुयायियों को विश्वास दिलाया गया कि कयामत के दिन ये सभी फिर जीवित हो उठेंगे।
मामले में जांच और खोजबीन अभियान में लगी पुलिस द्वारा शनिवार को 22 और शव बरामद किए हैं. स्थानीय कमिश्नर रोडाह ओनयानचा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ष्हमारी फॉरेंसिक टीम ने आज 22 शव निकाले हैं लेकिन हमें कोई ज़िंदा नहीं मिला है। मामले में कार्य कर रही इंटरनेशनल संस्थाओं का मानना है कि इन सामूहिक कब्रो की संख्या 60 से अधिक हो सकती है। कब्रो से मिल रहे शवों के कारण स्थानीय इलाके के दो शव घर पूरी तरह भर जाने के कारण मोबाइल शव घर बुलाये
गये है।
चरणबद्ध योजना बनाकर दिया नरसंहार को अंजाम
इस पंथ से जुड़े एक डिप्टी पास्टर ने लंदन के टाइम्स अख़बार को बताया है कि इस सामूहिक आत्महत्या की योजना कई चरणों में बनाई गई थी. ये पास्टर अभी पुलिस जांच में मदद कर रहे हैं. पास्टर का कहना है कि सबसे बहले बच्चों को भूख से मारा गया, फिर महिलाओं ने जान दी और उसके बाद पुरुषों ने जान दी. अंत में पंथ के नेता पास्टर पॉल मैकेंज़ी के परिवार ने आत्महत्या की.
पॉल मैकेंज़ी फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं. पुलिस ने कुछ शवों का पोस्टमॉर्टम किया है. मारे गए
लोगों में भूख, दम घुटने और पीटे जाने के संकेत मिले हैं.
फोटो साभार– बीबीसी हिन्दी
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