(दमोह) स्वयं को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का निज सचिव बताकर अधिकारियों को गुमराह करने वाले दमोह निवासी युवक पुलिस ने फर्जीबाड़े का प्रकरण दर्ज कर गिरप्तार कर लिया है।
दरअसल आरोपी द्वारा दमोह एसपी राकेश कुमार सिंह को अपनी बहन की शादी का कार्ड भेज गया था। कार्ड पर लिखा था- आकाश दुबे (निज सचिव, मुख्यमंत्री म. प्र. शासन भोपाल)। यह पढ़कर पुलिस अधीक्षक दमोह ने संदेह के चलते मामले की छानबीन की जिसके बाद युवक पर प्रकरण किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह निवासी आकाश दुबे द्वारा अपनी बहिन का कार्ड पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार को भेजा गया था जिसमें कार्ड के लिफाफे पर अंकित प्रेषक में उसने स्वयं मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश का निज सचिव बताया था। कार्ड देखने के बाद पुलिस अधीक्षक का माथा ठनका तो उन्होने मामले की पड़ताल की जिसमें उन्हे जानकारी मिली कि ऐसा कोई व्यक्ति निज सचिव नही है। जिसके बाद उन्होंने कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत को मामले की सत्यता जानने के लिए निर्देशित किया। टीआई राजपूत ने उक्त युवक आकाश दुबे को कोतवाली बुलाया और पूछताछ की, जिसमें उसके द्वारा यह फर्जीवाड़ा स्वीकार किया गया। जिसके बाद पुलिस ने मुख्यमंत्री के फर्जी निज सचिव को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस का कहना है कि आरोपी युवक लगभग 2 वर्षो से स्वयं को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का निज सचिव बताकर अधिकारियों पर धौंस जमाता था। अधिकारियों को संदेह ना हो और इसके लिए वो आरएसएस के बड़े नेताओं का हवाला देता था। कई बार अधिकारियों से कुछ नेताओं की सामान्य बातचीत भी करा देता था। परंतु संबंधित अधिकारियों एवं पुलिस द्वारा मामले की पड़ताल नही की गई जिसके कारण सत्यता उजागर होने में 2 वर्ष लग गये।
रोब दिखाने के लिए बनाया आडंबर
मामले में पुलिस द्वारा आरोपी बनाये गये युवक आकाश दुबे की कई कहानिया अब सामने आ रही है, पुलिस का कहना है कि आरोपी अक्सर एक सफेद रंग की कार में घूमता था जो किसी शहजाद खान के नाम पर रजिस्टर्ड। अधिकारियों और जनसामान्य पर रोब गाफिल करने के लिए उसके द्वारा कार चलाने के लिए बकायदा एक ड्रायवर रखा गया था जो बकायदा उसका स्टेटस मेंटेन रखता था और कार का गेट खोलता और लगाता था, आरोपी लोगों को प्रभावित करने के लिए माथे पर तिलक लगाकर अच्छी पोशाक में घूमता था।
हत्थे चढ़ने पर किया पुलिस को गच्चा देने का प्रयास
पुलिस द्वारा कोतवाली थाने बुलाये जाने पर पहुँचे युवक ने पहले तो पुलिस अधिकारियों को भ्रमित करने का जतन किया और आरएसएस में एक नये काल्पनिक पद की कहानी सुना दी। उसने पुलिस को बताया कि कार्ड पर मुख्यमंत्री निज सचिव लिखा है उसके आगे आरएसएस लिखा जाना था परंतु वह प्रिंट नही हो सका है। परंतु पुलिस द्वारा उसके समक्ष ही पुष्टि कराये जाने के बाद उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली। उसने बताया कि सिर्फ अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए कुछ कार्डो पर उसके द्वारा मुख्यमंत्री के निज सचिव वाली जानकारी अंकित कराई गई थी।
नोटिस पर आरोपी रिहा
कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने बताया कि आरोपी आकाश दुबे के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 419, 170 के तहत मामला दर्ज किया गया है। क्योंकि इस अपराध में 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है, इसलिए आरोपी को नोटिस पर रिहा कर दिया गया है।
इनका कहना है
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार का कहना है कि युवक दमोह का निवासी है जिसके द्वारा एक शादी के कार्ड में स्वयं को मुख्यमंत्री का निज सचिव प्रिंट कराया था। उक्त युवक पहले भी लोगो को अलग अलग तरीके से लोगो को यह परिचय देकर हरकते करता रहा है। इस प्रकार की चीजे खतरनाक गलत है, कोई व्यक्ति जिस पद पर पदस्थ नही है वह न तो उसकी जानकारी दे सकता है न ही प्रिंट करवा सकता है। इस प्रकार कृत्य घोखाधड़ी छद्म की श्रेणी में आता है इसलिए यह मेरे द्वारा संज्ञान में लेकर प्रकरण की जांच कराई गई एवं प्रकरण दर्ज कराया गया है।
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