खाकी के पहरे में लगी किसानों की लंबी कतारे, खाद के इंतजार में गुजरा दिन

मंडी परिसर में दिन भर के जतन के बाद भी आधे किसान खाली हाथ लौटे

Long queues of farmers under the guard of khaki, day passed waiting for fertilizers
Long queues of farmers under the guard of khaki, day passed waiting for fertilizers

(देवरीकला) रवि सीजन को लेकर तैयारियों में जुटे किसान खाद किल्लत से परेशान है। हालात यह है कि किसानों को धूप में लंबी लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ रहा है। लेकिन इसके बावजूद कई किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। पुलिस के पहरे में किसानों की लंबी कतारों की तस्वीरें सरकारी उन दावों की पोल खोलती दिख रही हैं, जिनमें बताया जा रहा है कि खाद की कोई किल्लत नहीं है।

ये तस्वीर देवरी कृषि मंडी परिसर की है, जहाँ खाद के आभाव का सामना कर रहे किसान अपने परिश्रम के बाद भी बेबस और लाचार हैं। अपने काम छोड़कर दिन-दिन भर लाइन में खड़े होने के बावजूद इनको खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इन लंबी लाईनों में युवा, अधैड़, बच्चे और महिलायें भी खाद मिलने के उम्मीद में घंटो से खड़ी अपनी बारी का इंतजार कर रही है। कई कृषक परिवारों से एक से अधिक व्यक्ति कतार में खड़े है। पूछने पर वह बताते है कि एक आधार कार्ड पर कम खाद मिलता है हमें अधिक खाद चाहिए इसलिए घर के अन्य सदस्यों को साथ लेकर आये है।

मौजूदा समय में किसानों को रवि की फसल बोबनी करनी है जिसके लिए उन्हें डीएपी और यूरिया खाद की आवश्यकता है। इसी कारण खाद की बोरिया के लिए वह खाद वितरण केंद्र पहुँचकर सुबह 4 बजे से आकर टोकन के लिए लाइन लगा लेते हैं। दिन भर भूखे प्यासे कतार में खड़े कई किसानों को ये उम्मीद रहती है कि इस परिश्रम से उन्हें टोकन मिल जाए तो वह खाद उठा सकें। लेकिन कई किसान ऐसे है जिन्हे विगत दिनों से टोकन मिल ही नहीं पा रहा है। वितरण केन्द्र भी राजनैतिक प्रभाव, सेटिंग और मध्यस्थों से अछूता नही है।

भूखे-प्यासे लाइन में खड़े होने को मजबूर किसान
रवि सीजन की फसलों को लेकर खाद का संकट देवरी क्षेत्र में नया नही है विगत 6 वर्षाे से यूरिया एवं डीएपी की किल्लत लगातार सामने आती रही है। इस सीजन में हर वर्ष किसानों को लंबी लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है। कई बार स्थिति बिगड़ने के कारण घरना और प्रदर्शन तक की नौबत आ चुकी है। हर बार अधिकारी और सरकार खाद के आभाव को नकारकर बेहतर वितरण का आश्वासन देती है परंतु हर इसी प्रकार किल्लत की स्थिति निर्मित होती है। सिंगपुर निवासी कृषक रामसींग खाद के लिए कई दिनों से वितरण केन्द्र का चक्कर लगा रहे है। उनका कहना है कि उन्हे बोबनी के लिए डीएपी की जरूरत है परंतु नही मिल पा रही है। सहकारी समिति एनपीके दे रही है जिससे उनका काम नही बन पा रहा है। वह और अन्य ग्रामों से आये किसान दिन भर से लाइन में भूखे प्यासे खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे है।

खाकी के पहरेे में हुआ खाद वितरण
विगत बुधवार को देवरी के मंडी परिसर स्थित खाद वितरण केन्द्र पर लगभग 700 कृषक खाद लेने पहुँचे केन्द्र के बाहर भारी भीड़ और अव्यवस्था के चलते पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसान कतार में रहे और किसी प्रकार के विवाद की स्थिति निर्मित न हो। सायं तक केन्द्र संचालकों द्वारा लगभग 450 कृषको को खाद प्रदाय किया गया इसके बाद खाद का स्टाक खत्म हो गया और लगभग 250 कृषक शेष रह गये। खाद खत्म होने को लेकर किसानों में रोष दिखाई दिया दिन भर की तपस्या के बाद खाली हाथ लौटने को लेकर वह नाराज थे जिसके चलते पुलिस द्वारा उन्हे टोकन पर्ची प्रदान की गई ताकि खाद आने पर उन्हे वितरण किया जाना सुनिश्चत हो सके।

मांग और आपूर्ति ने बिगाड़ा गणित
जानकारों और अधिकारियों की माने तो खाद की बढ़ती मांग ने इसके वितरण की व्यवस्था को प्रभावित किया है अधिकारियों के मुताबिक क्षेत्र में लहसुन, प्याज सहित सब्जियों की खेती के बढ़ते रकबे ने खाद की मांग को कई गुना कर दिया है। मौजूदा समय प्याज एवं लहसुन के उत्पादक कृषकों के लिए बोबनी के लिए सबसे मुफीद है जिसके कारण समस्या सामने आ रही है। परंतु विगत वर्षाे की तुलना में इस वर्ष सहकारी समितियों को डीएपीआवंटित न किये जाने के मुद्दे पर अधिकारी चुप्पी साध गये। अधिकारियों की इस बहानेबाजी से पृथक खाद की वितरण व्यवस्था पर नजर डाले तो इस वर्ष प्रशासन द्वारा अब तक सिर्फ 3 सहकारी समितियों को 15 टन के मान से डीएपी प्रदान किया है। शेष समितियों को डीएपी के स्थान पर एनपीके 210213 प्रदान किया गया है जिसकों लेकर कृषक नाराज है।

उनका कहना है कि प्रशासन यदि एनपीके 123216 उपलब्ध कराता तो वह उनके लिए उपयोगी होता। इससे पृथक विभाग द्वारा लाईसेंस धारी वितरकों को कितना खाद उपलब्ध कराया गया है इसके संबंध में अधिकारी जानकारी देने से इंकार कर रहे है। फुटकर लाईसेंस धारी दूकानदारों को विभाग द्वारा कब खाद उपलब्ध कराया जाता है और उसका वितरण कब किया जाता है जांच का विषय बना हुआ है। प्रशासन द्वारा अधिकारियों की उपस्थिति में वितरण के निर्देशों के बाद भी लाईसेंस धारकों की दूकानों पर न तो अधिकारी नजर आते है न ही खाद का स्टॉक दिखाई देता है। मौजूदा समय में विकासखंड में मंडी परिसर एवं गौरझामर में डबल लॉक दूकान से खाद वितरण कराया जा रहा है।

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