सीहोर के रूद्राक्ष महोत्सव में अब तक 3 मौते, अव्यवस्था पर मानव अधिकार आयोग ने मांगा जबाब

रूद्राक्ष वितरण रोका गया, पं. प्रदीप मिश्रा की घोषणा अब वर्ष भर मिलेंगे रूद्राक्ष

3 deaths so far in Sehore's Rudraksh Festival, Human Rights Commission sought response on chaos
3 deaths so far in Sehore's Rudraksh Festival, Human Rights Commission sought response on chaos

(भोपाल) देश के ख्यातिप्राप्त कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा शिवरात्रि पर्व पर सीहोर के कुबरेश्वर धाम में आयोजित रूद्राक्ष महोत्सव कार्यक्रम में अनुमान से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने से निर्मित अव्यवस्था की चर्चा के बीच दो दिनों में 3 मौते होने की सूचना प्राप्त हुई है। जिनमें 2 महिलाये एवं 1 तीन वर्षीय बच्चा शामिल है। खबरों के मुताबिक इस कार्यक्रम में 73 लोग बीमार हुए है जबकि लगभग 2 हजार लोगों को आयोजन स्थल पर दवा वितरित की गई है।

आयोजन में अव्यवस्था के कारण लोगों को हुई परेशानियों को स्वतः संज्ञान में लेकर प्रदेश मानव अधिकार द्वारा जिला कलेक्टर सीहोर एवं पुलिस अधीक्षक सीहोर से 5 बिंदुओं पर प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश के कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण में शामिल होने आईं दो महिलाओं और एक तीन साल के बच्चे की मौत हो गई। गुरुवार को महाराष्ट्र की एक महिला की मौत हुई थी, जिसके बाद शुक्रवार को एक महिला और एक तीन साल के बच्चे की मौत हो गई। बिगड़ती स्थिति को देखते हुए फिलहाल रुद्राक्ष वितरण रोक दिया गया है। पं. प्रदीप मिश्रा ने घोषणा की अब सालभर में कभी भी आकर रुद्राक्ष लिए जा सकते हैं।

बताया जा रहा है कि माता पिता महाराष्ट्र के जलगांव से बच्चे को लेकर कुबेरेश्वर धाम आए थे। बच्चे की तबीयत खराब थी, पैदल आने के चलते वह रास्ते में और ज्यादा बीमार हो गया, जिसके बाद माता-पिता उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।

अनुमान से अधिक भीड़ जुटने के कारण बदले हालात

शिवरात्रि पर्व पर आयोजित रूद्राक्ष महोत्सव में चमत्कारी रूद्राक्ष प्राप्त करने के लिए देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु कुबरेश्वर धाम पहुँचे थे जिसके कारण हालात बदतर हो गये और अव्यवस्था फैल गई, श्रद्धालुओं में भी बद इंतजामी को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिली, कई श्रद्धालुओं ने व्यवस्था के लिए बनाये गये बेरीकेट भी तोड़ दिये तो आयोजन स्थल पर ठसाठस भीड़ के कारण गहमा गहमी बनी रही।

आयोजन स्थल पर नाकाफी मूलभूत सुविधाओं को लेकर कई श्रद्धालु उबल पड़े और कुछ वापिस भी लौट गये। श्रद्धालुओं का कहना था कि उन्होने सोशल मीडिया पर मिला आमंत्रण स्वीकार कर आने का कार्यक्रम बनाया था।

चमत्कारी रुद्राक्ष पाने की ख्वाहिश लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से 10 लाख से ज्यादा लोग इस वक्त कुबेरेश्वर धाम पहुंचे हैं। बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने के चलते यहां हालात बेकाबू हो गए हैं। प्रशासन ने 10 लाख लोगों के यहां पहुंचने की तैयारी की थी, लेकिन लगातार आ रही भीड़ के चलते प्रशासन यहां व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संभाल नहीं पा रहा है।


कुबेरेश्वर धाम में 16 फरवरी से 22 फरवरी तक रुद्राक्ष वितरण और शिव कथा का आयोजन होना था, लेकिन फिलहाल बढ़ती भीड़ को देखते हुए रुद्राक्ष वितरण बंद कर दिया गया है। सीहोर जिले में हालात ये हैं कि स्टेशन से लेकर बस स्टैंड तक और कुबेरेश्वर धाम के आस-पास के क्षेत्र में पैर रखने तक की जगह नहीं है। वहीं, भोपाल-इंदौर हाईवे पर गुरुवार सुबह से ही कई किमी लंबा जाम लगा है। गुरुवार को देर रात करीब 15 किमी का जाम लगा रहा। जाम में बड़ी संख्या में कुबेरेश्वर धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु शामिल थे।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि बीते रुद्राक्ष महोत्सव में ये सीखने को मिला है कि लाखों रुद्राक्ष आएंगे पर इन्हें रुद्राक्ष महोत्सव, शिवमहापुराण के समय नहीं बांटा जाएगा। अब सालभर में कभी भी आकर रुद्राक्ष लिए जा सकते हैं। कोई फाइल नहीं, बस आकर कह देना कि बाबा का प्रसाद दे दो।

मानव अधिकार आयोग ने प्रशासन से पूछे 5 सवाल

कुबरेश्वर धाम में रूद्राक्ष महोत्सव के दौरान बदइंतजामी के कारण निर्मित हालातों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा सीहोर के जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से निम्न सवालों पर प्रतिवेदन मांगा गया है-

1- आयोजक ने कितने लोगों के आने की अनुमानित संख्या और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी देकर लिखित में अनुमति चाही थी ?
2- प्रशासन ने कितने लोगों की अनुमानित संख्या के हिसाब से सुरक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूल आवश्यकताओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया था?
3- आयोजन स्थल के पास स्थित स्टेट हाईवे पर सुचारू ट्रैफिक के साथ ही कार्यस्थल के आसपास यातायात, पार्किंग की क्या व्यवस्था की गई?
4- कार्यक्रम के पहले ही दिन अनुमान से ज्यादा लोगों और वाहनों के आने पर अनियंत्रित हुई स्थिति को काबू में करने के लिए क्या प्रयास किए गए?
5- पहले ही दिन व्यवस्थाओं से कई गुना अधिक संख्या में व्यक्ति और वाहनों के आने से अनियंत्रित हुए ऐसे वातावरण/परिस्थितियों को ठीक करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा क्या वैधानिक कार्यवाही की गई है ?

मत्कारी रूद्राक्ष पाने आये लोग अब स्टेशन और खुले आसमान में डेरा

ज्ञात हो कि रुद्राक्ष लेने के लिए कुबेरेश्वर धाम सीहोर में देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आए। इनमें से कुछ को जहां रुद्राक्ष मिला गया वहीं अत्यधिक भीड़ व फैल रही अव्यवस्थाओं को देखते हुए फिलहाल यहां रुद्राक्ष वितरण रोक दिया गया है। यहां मिल रहे रुद्राक्ष के के संबंध में लोगों का मानना है कि यह स्वास्थ्य लाभ के लिए काफी विशेष है साथ ही धार्मिक दृष्टि से भी ये विशेष है।

इस रुद्राक्ष में गहरी आस्था के चलते ही देश के कोने-कोने से लोग इस रुद्राक्ष को लेने के लिए कुबेरेश्वर धाम आश्रम पहुंच रहे हैं। गुरूवार को निर्मित स्थिति के बाद शुक्रवार को भीड़ छटने के कारण हालात में सुधार देखने को मिला फिर भी आयोजन स्थल के खुले मैदान, पार्क एवं स्टेशनों पर जमा हुई भारी भीड़ को देखकर इस मेले के झमेले का अंदाजा लगाया जा सकता है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*