(बुंदेली डेस्क) पुलिस एवं वन विभाग में सेवाये देने वाले पशु भी अधिकारियों के समान ही सेवा एवं सम्मान के हकदार होते है, तमिलनाडू फॉरेस्ट सेवा में कार्यरत 60 वर्षीय हथिनी के रिटायर होने पर अधिकारियों द्वारा उसे गॉड आफ आनर दिया गया।
दरअसल कलीम नाम का प्रतिष्ठत कुमकी हाथी तमिलनाडू फारेस्ट फोर्स के लिए विगत लंबे समय से सेवाये दे रहा है। उसके द्वारा विभाग के 99 बचाव अभियानों में भाग लेकर अपने कर्तव्य का बेहतर ढंग से निर्वाहन किया गया है।
सभी के पसंदीदा और स्वाभाव से बेहद शांत इस हाथी का अपने महावत मणि के साथ प्यार भरा रिस्ता है। महावत उसके लिए बड़े भाई जैसा है। विभाग द्वारा समय समय पर उसके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया। तमिलनाडू के अन्नामलाई टाइगर रिजर्व के कोझिकमुत्थी शिविर में कार्य कर रहा यह हाथी विभाग के लिए एक शान और गौरव का विषय रहा जिसकी कई कहानिया है।
अब जब वह विभाग के नियमानुसार 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है, तक उसकी सेवानिवृत्ति तय थी इसे जानकर वन विभाग के अधिकारी दुखी थे। परंतु इस मौके को यादगार बनाने के लिए अधिकारियों ने उसे रेट कार्पेट बिछाकर वार्म वेलकम किया एवं उसे गॉड ऑफ आनर पेश किया। तमिलनाडू वन विभाग के अधिकारियों के लिए यह दिल छू देने वाला पल था जब उनके सम्मान से बेहद प्रसन्न हाथी कलीम ने उन सभी का सूड़ उठाकर अभिवादन किया।
इस आयोजन में शामिल रही भारतीय वन सेवा अधिकारी सुप्रिया साहू अपनी ट्वीटर पोस्ट पर लिखती है कि इस सेवा निवृति कार्यक्रम का साक्षी होना मेरे लिए सम्मान की बात है, इस याद को मैं हमेशा संजो कर रखूंगी, अपनी दूसरी पोस्ट में उन्होने लिखा कि हमारी आंखे नम है और दिल कृतज्ञता से भरे हुए हैं।
एक वन्य प्राणी होने के बाद भी मानव समाज के बेहद करीब रहने वाले हाथी अपने विशालकाय ताकतवर शरीर के साथ ही सबसे समझदार और मददगार प्राणि के रूप में जाने जाते है। मानव विकास के हर चरण में इनकी भूमिका को कभी नकारा जा सकता परंतु आधुनिकीकरण की अंधी दौड़ के बाद निर्मित स्थितियां हाथी सहित अन्य वन्यप्राणियों के लिए बेहद चुनौती पूर्व है ऐसे में इनके प्रति हमारे रवैये में भी जागरूक बदलाव आवश्यक है।
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