(बुन्देली डेस्क) मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के लवकुशनगर में एसडीएम के पद पर पदस्थ डेप्युटी कलेक्टर निशा बांगरे ने गृह प्रवेश और धार्मिक अनुष्ठान के लिए अवकाश न दिये जाने के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसे विभाग द्वारा अभी तक मंजूर नही किया गया है।
निशा बांगरे मध्यप्रदेश की चर्चित अधिकारी हैं जो पूर्व में अपनी सामाजिक सक्रियता को लेकर चर्चाओं में रही है, वह सबसे अधिक सुर्खियों में तब आई जब उन्होने संविधान को साक्षी मानकर अपना विवाह किया। उनके पति एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है। लंबे समय से निशा बांगरे के चुनाव लड़ने की भी अटकलें लगाई जा रही है उनके बैतूल जिले की आमला सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाये भी कई बार जाहिर की गई है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल विगत 22 जून को छतरपुर जिले के लवकुश नगर की एसडीएम निशा बांगरे के नाम से प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन को एक हस्तलिखित पत्र मीडिया और सोशल मीडिया पर जमकर वायरल रहा जिसे उनका पद इस्तीफा बताया गया था।
जिसमें जिक्र किया गया था कि अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित रहने की अनुमति न देने और धार्मिक भावनाओं के अनुरूप धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति ना देने के कारण इस्तीफा देना पड़ा है। जिसके बाद प्रशासनिक और राजनैतिक हलको में खलबली मच गई और कई प्रकार के दावे सामने आये बाद में एसडीएम निशा बांगरे द्वारा इस्तीफा दिये जाने की पुष्टि भी मीडिया से की गई।
निशा बांगरे अपने नये घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम एवं अंतर्राष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में आगामी 25 जून को आमला बैतूल जाना चाहती थी जिसका निर्माण उनके पति द्वारा कराया गया है। इसी के चलते अवकाश अनुमति बाबत उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को छुट्टी के लिए एक पत्र लिखा था परंतु उन्हे छुट्टी प्राप्त नही हो सकी जिसके बाद उनका हस्त लिखित इस्तीफा सामने आया।
इस आयोजन के संयोजक उनके पति हैं। वह अपने मकान के गृहप्रवेश के साथ ही विश्व शांति दूत तथागत बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने जाना चाहती थीं। धार्मिक आयोजन में जाने के लिए अवकाश और अनुमति न मिलने से नाराज निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, इसलिए वे इस्तीफा दे रही हैं।
राजनीति में प्रवेश की अटकले
इस्तीफा देने के बाद प्रशासनिक और राजनैतिक हलको में खलबली मचाने वाली निशा बांगरे को लेकर आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने की अटकले तेज हो गई है। बैतूल की आमला विधानसभा से उनके चुनाव लड़ने की भी खासी चर्चा है। पूर्व में वह स्वयं भी कह चुकी हैं कि जनता अगर ऐसा चाहती है, तो वे विचार करेंगी।
कौन है निशा बांगरे
प्रशानिक अधिकारी के साथ ही सामाजिक सक्रियता और सोशल मीडिया पर खासी चर्चित डिप्युटी कलेक्टर निशा बांगरे मूल रूप से बालघाट जिले की रहने वाली हैं। निशा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। बाद में उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। निशा बांगरे 2016 में डीएसपी बनी थीं।
उसके बाद 2017 में वो डेप्युटी कलेक्टर बनीं। डेप्युटी कलेक्टर बनने के बाद निशा बांगरे की पहली पोस्टिंग बैतूल जिले में हुई थी। निशा बांगरे ने अपना नया मकान बैतूल जिले के आमला के एयरोड्रम इलाके में बनवाया है। निशा बांगरे को लेकर चर्चाएं हैं कि वह राजनीति में आ सकती है।
बैतूल में डेप्युटी कलेक्टर रहते हुए वे आमला विधानसभा क्षेत्र में बहुत एक्टिव थीं। भोपाल ट्रांसफर होने के बाद भी उनका लगाव सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र से रहा। हालांकि वो किस राजनीतिक पार्टी से जुड़ेंगी इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है।
संविधान को साक्षी मानकर किया विवाह
निशा बांगरे सबसे पहले अपने अनूठे विवाह को लेकर चर्चाओं में आई थी, दरअसल उन्होने डेप्युटी कलेक्टर बनने के बाद विवाह किया जिसमें उन्होने संविधान को साक्षी मानकर वैवाहिक रस्मो की अदायगी की थी जिसके बाद उनकी जमकर चर्चा हुई और वह सोशल मीडिया पर सेलेब्रेटी के रूप में देखी जाने लगी। निशा के पति एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं।
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