(बुन्देली बाबू) सागर में सरकारी कर्मचारियो से वेतनवृद्धि के एरियर और सातवें वेतनमान के निर्धारण करने के एवज में घूस लेते हुए रंगे हाथो पकड़े गये आरोपी सहायक ग्रेड-तीन सुरेन्द्र सिंह को विशेष न्यायाधीश आलोक मिश्रा की कोर्ट ने 4 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने आरोपी सुरेंद्र सिंह को मामले दोषी पाते हुए कारावास के साथ ही दस हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। मामले में सरकार की ओर से पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी द्वारा की गई।
मामले में अभियोजन द्वारा बताया गया कि विगत 6 मई 2019 को आवेदक छात्रावास बीना के अधीक्षक सतीश गोलंदाज ने पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त कार्यालय सागर में शिकायत मांगे जाने संबंधी लिखित शिकायत की थी।
जिसमें उनके द्वारा गया था बताया कि उनकी वार्षिक वेतनवृद्धि के एरियर और सातवें वेतनमान का निर्धारण करने के लिए आरोपी सुरेंद्र सिंह जो सहायक ग्रेड-तीन के पद पर कार्यरत है ने 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की है। शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने जांच शुरू की। जांच में शिकायत सही पाई गई।
लोकायुक्त ने रंगे हाथो किया था गिरप्तार
प्रार्थी की शिकायत की पुष्टि के उपरांत लोकायुक्त की टीम द्वारा अपनी तय योजना के अनुसार शिकायतकर्ता को रिश्वत की राशि लेकर भेजा गया था। जिसके बाद टीम द्वारा आरोपी द्वारा रिश्वत लिए जाने के बाद हिरासत में लेकर आरोपी की जेब से
10 हजार रुपए बराम किये गये थे।
मामले में लोकायुक्त सागर द्वारा आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया और जांच में लिया गया था। मामला न्यायालय में पहुँचने के बाद विचारण के दौरान अभियोजन ने मामले से जुड़े साक्ष्य व दस्तावेज पेश किए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और फैसला सुनाते हुए आरोपी सुरेंद्र सिंह को सजा सुनाई है।
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