(बुन्देली बाबू) अयोध्या स्थिम राम जन्म भूमि पर निर्मित भव्य राम मंदिर के गर्भ गृह में प्रतिष्ठित होने जा रही भगवान श्रीराम की प्रतिमा की तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल है। शुक्रवार को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होने जा रही 51 इंच और लगभग दो क्विंटल वजनी श्याम वर्ण प्रतिमा की पहली तस्वीर सामने आई है।
राम मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर 16 जनवरी से विभिन्न अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। अनुष्ठान के चौथे दिवस गर्भ गृह में रामलला की प्रतिमा लाई गई है। आज से शुरू हो रहे धार्मिक अनुष्ठान में प्रतिमा का अधिवास आरंभ होगा जिसमें प्रतिमा को जलाधिवास, फलादिवास, अन्नादिवास आदि के उपरांत अन्य अनुष्ठान आयोजित होंगे। इसी क्रम में शुक्रवार शाम से अस्थाई मंदिर में रामलला के दर्शन बंद हो जाएंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद नए मंदिर में 23 जनवरी से श्रद्धालुओं को दर्शन मिलेंगे।
रामलला की मूर्ति पूजन के अनुष्ठान चल रहे हैं। गुरुवार को मूर्ति को गर्भगृह के आसन पर विराजमान कर दिया गया है। इसकी पहली तस्वीर सामने आ गई है। रामलला की श्याम रंग की मूर्ति 51 इंच की खड़ी मुद्रा में है, इसलिए सिंहासन पर विराजमान न करवा कर सीधे गर्भगृह मे निर्मित आसन पर विराजमान करवाया गया है। रामलला की मूर्ति के विविध अनुष्ठान 22 जनवरी तक चलते रहेंगे।
वहीं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीटर एक्स पर अपनी एक पोस्ट में कहा कि अयोध्या में जन्म भूमि स्थित राम मन्दिर में आज दिन में साढ़े 12 बजे के बाद राममूर्ति का प्रवेश हुआ। दोपहर एक बजकर 20 मिनट पर यजमान द्वारा प्रधानसंकल्प होने पर वेदमन्त्रों की ध्वनि से वातावरण मंगलमय हुआ। मूर्ति के जलाधिवास तक के कार्य गुरुवार को संपन्न हुए। 19 जनवरी को प्रातः नौ बजे अरणि मंथन से अग्नि प्रकट होगी। उसके पूर्व गणपति आदि स्थापित देवताओं का पूजन, द्वारपालों द्वारा सभी शाखाओं का वेदपारायण, देवप्रबोधन, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, कुण्डपूजन, पञ्चभूसंस्कार होगा।
इससे पहले गुरुवार को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में बने आसन पर रख दिया गया था। कारीगरों ने मूर्ति को आसन पर खड़ा किया। इस प्रोसेस में 4 घंटे लगे। बताया गया है कि अब मूर्ति को गंध वास के लिए सुगंधित जल में रखा जाएगा। फिर अनाज, फल और घी में भी रखा जाएगा। आज श्रीरामलला का वैदिक मंत्रों के साथ औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास कराया गया। फिर आरणी मंथन से कुंड में अग्नि प्रकट की गई। श्रीरामलला 20 जनवरी को वास्तु शांति के बाद सिंहासन पर विराजेंगे।
इस बीच, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि गर्भगृह में नई प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा में कोई दिक्कत नहीं है। ऐसा लोगों के दर्शन के लिए किया गया है। आज शाम 7 बजे से अस्थाई राम मंदिर में दर्शन बंद हो जाएंगे।
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