(देवरीकलाँ) कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले राज्य मध्यप्रदेश में किसानों की रीढ़ कहे जाने वाले जल संसाधन विभाग में इन दिनों ठेकेदारों का राज कायम है। जो अपने आर्थिक हितों के लिए विभाग की स्वीकृत योजनाओं में काट छांट कर किसानों के हितों पर कुठाराघात कर रहे है। विभाग के उच्च अधिकारियों की सरपरस्ती में चल रही इन नियम विरूद्ध गतिविधियों को लेकर विभाग के अधिकारी हैरान है परंतु राजनैतिक रसूख और विभागीय अनुशासन के चलते चुप्पी साधे हुए है।
ताजा मामला सागर जिले के देवरी विकासखण्ड की मसूरवारी लघु सिंचाई परियोजना से जुड़ा हुआ है। दरअसल प्रदेश सरकार द्वारा देवरी विकासखण्ड में पानी की कमी से जूझ रहे 9 ग्रामों के कृषकों को फसलों की सिंचाई हेतु नहर विस्तार कार्य के लिए वर्ष 2016 में 10 करोड़ 64 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी। योजना में मसूरवारी जलाशय की बांयी तट नहर की लंबाई में विस्तार एवं सरंचना में सुधार कार्य सहित 2 माइनर नहरों का निर्माण कार्य प्रस्तावित था।
इस कार्य से विकासखण्ड में जलआभाव से जूझ रहे ग्राम गोरखपुर, सेमराखेरी, कटंगी, सिलारी, पुरैनाकरन, खमरिया, बिछुआ भवतरा,, डोंगर सलैया एवं समनापुर सेठ के कृषकों की 1 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होने का प्रावधान था। योजना अंतर्गत 18.5 किलोमीटर लंबाई में नहर का निर्माण एवं मरम्मत कार्य कराया जाना था। टर्नकी पद्धति से कराये जाने वाले इस कार्य का अनुबंध विभाग द्वारा विगत 22 अप्रेल 2022 ठेका कंपनी मेसर्स कौशल प्रसाद पटैल रीवा के साथ कराया गया था।
भूअर्जन एवं नहर खुदाई के बाद ठेका कंपनी ने बंद किया काम
टर्नकी पद्धति से कराये जा रहे इस कार्य में ठेका कंपनी द्वारा योजना में अधिग्रहीत की गई 149 कृषकों की भूमि के ऐवज में भूअर्जन की कार्रवाई में अवार्ड राशि 354.52 लाख रूपये पारित कराया गया एवं राशि का भुगतान कृषकों के खातों में कराया गया। ठेका कंपनी द्वारा योजना के लाभान्वित ग्रामों गोरखपुर कटंगी से समनापुर सेठ तक 18480 मीटर लंबाई में भूअर्जन के साथ ही नहर की खुदाई एवं गहराई का कार्य भी कराया गया। जिसका भुगतान भी प्राप्त किया गया था। नहर खुदाई के बाद ठेका कंपनी द्वारा जून 2023 से योजना का कार्य बंद कर दिया गया। जो विगत 10 माह से पूर्णतः बंद बना हुआ है।
आधे काम के प्रस्ताव का अनुमोदन कराने फिराक में ठेका कंपनी
विगत 2 वर्षो से चल रहे योजना के कार्य में नहर निर्माण में अर्जित भूमि के एवज में 3 करोड़ 54 लाख से अधिक के भुगतान एवं नहर खुदाई का भुगतान प्राप्त करने के बाद अब ठेका कंपनी विभाग द्वारा स्वीकृत डीपीआर एवं लाभान्वित ग्रामों से पृथक नया पुनरीक्षित प्रस्ताव को स्वीकृत कराने का प्रयास कर रहा है।
ठेका कंपनी द्वारा तैयार नये प्रस्ताव में स्वीकृत योजना से लाभान्वित 3 ग्राम डोंगरसलैया, समनापुर सेठ एवं खमरिया मौजे को अलग कर दिया गया है। कंपनी के मनमाफिक प्रस्ताव में तर्क दिया गया है कि योजना अंतर्गत मुख्य नहर के एल सेक्शन कटिंग के कारण नहर के दोनो तरफ कृषकों द्वारा लिफ्ट द्वारा अपने रकबे की सिंचाई की जाएगी जिससे योजना में स्वीकृत 9 ग्रामों के स्थान पर 6 ग्रामों में ही 1 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। ठेका कंपनी द्वारा योजना में स्वीकृत 18480 मीटर नहर निर्माण को घटाकर 11500 मीटर में नहर निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव दिया गया है। जिससे शासन को भूअर्जन में कृषकों को भुगतान की गई करोड़ों रूपये के साथ ही नहर खुदाई में खर्च की गई भारी भरकम राशि की चपत लगाने की पूरी संभावना है।
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विभाग द्वारा पूर्व में ठुकराया गया था ठेका कंपनी का प्रस्ताव
अपने आर्थिक हितों के संवर्धन के लिए ठेका कंपनी द्वारा पूर्व में भी विभाग से पुनरीक्षित प्रस्ताव का अनुमोदन किये जाने की मांग की गई थी। ठेका कंपनी द्वारा अपने आर्थिक हित के लिए विगत 25 जनवरी 2024 को मुख्य अभियंता जलसंसाधन क्रमांक-1 सागर को पुनरीक्षित प्रस्ताव अनुमोदन हेतु आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई थी। परंतु विभाग द्वारा पूर्व में स्वीकृत डीपीआर से पृथक नये मसौदे में 9 के स्थान पर 6 ग्रामों में नहर निर्माण प्रस्ताव किये जाने एवं भूअर्जन सहित योजना में हुए व्यय के कारण ठेका कंपनी के प्रस्ताव को अस्वीकार किया गया था। जिसके बाद से ठेका कंपनी द्वारा विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य ये पृथक अपने प्रस्ताव को स्वीकृत कराने का प्रयास किया जा रहा है।
नये प्रस्ताव से किसानों में आक्रोश
विगत 8 वर्ष पूर्व स्वीकृत योजना से लाभान्वित 3 गांव को पृथक किये जाने के कुत्सित प्रयास को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। मामले को लेकर ग्रामीणों एवं कृषक संघों द्वारा जिला कलेक्टर, विभागीय अधिकारियों एवं मुख्यमंत्री को शिकायत कर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। मामले में पूर्व जनपद सदस्य योगेन्द्र सिंह डोंगरसलैया का कहना है कि विभाग के भ्रष्ट अधिकारी ठेकेदार को लाभ पहुँचाने के लिए किसानों के हितों से खिलावाड़ कर रहे है जिनके विरूद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। कृषक नेतराज सिंह बिछुआ एवं प्रेमसींग समनापुर सेठ, अजय सिंह राजपूत डोंगरसलैया ने मामले में शासन से हस्तक्षेप की मांग की है।
इनका कहना है
मामले को लेकर जल संसाधन विभाग सागर के चीफ इंजीनियर आरडी अहिरवार का कहना है कि योजना में नहर की लंबाई घटाये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। परंतु योजना को पुनरीक्षित किये जाने संबंधी प्रस्ताव अभी तक उन्हे प्राप्त नही हुआ है। कार्य ठेका शर्तो के अनुसार ही कराया जाएगा मामले में वह टीम भेजकर कार्रवाई करेंगे।
वही क्षेत्रीय विघायक बृजबिहारी पटैरिया का कहना है कि उनके द्वारा योजना को लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की गई है। उन्होने कहा कि नहर निर्माण कार्य तय डीपीआर के अनुसार ही कराया जाएगा। मामले में किसी को मनमानी नही करने दी जाएगी, न किसी ग्राम के कृषकों को योजना के लाभ से वंचित किया जाएगा।
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