झोला छाप चिकित्सक पर FIR की मांग को लेकर सेन समाज ने किया प्रदर्शन

थाने के सामने सड़क पर शव रखकर की नारेबाजी आश्वासन के बाद हटाया जाम

Sen Samaj protested demanding FIR on quackery doctor
Sen Samaj protested demanding FIR on quackery doctor

(देवरीकलाँ) देवरी नगर में विगत दिवस फर्जी चिकित्सक से उपचार कराये जाने के दौरान एक ग्रामीण की मौत के मामले में आक्रोशित सेन समाज के सैकड़ों व्यक्तियों ने एफआईआर की मांग को लेकर पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन किया एवं सड़क पर शव रखकर जमकर नारेबाजी की।

मामले में अधिकारियों द्वारा कार्रवाई के आश्वासन के बाद उनके द्वारा जाम हटाया गया और मृतक का अंतिम उसके पैत्रिक ग्राम में संस्कार कराया गया।

विदित हो कि विगत 26 अप्रैल बुधवार को थाना क्षेत्र के ग्राम सुना बीजागौर निवासी बलराम पिता जमना प्रसाद सेन उम्र 42 वर्ष अपनी पत्नि श्रीमति सरोज के साथ देवरी नगर के बस स्टेण्ड के समीप मुख्य मार्ग पर स्थित समीर विश्वास के बंगाली दवाखाना उपचार के लिए पहुँचे थे।

आरोप है कि चिकित्सक द्वारा उनको ड्रिप और इंजेक्शन दिये जाने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी जिसके बाद उक्त चिकित्सक द्वारा उन्हें एवं उनकी पत्नि को अपनी कार में सागर के एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया था जहाँ मृत घोषित कर दिया गया।

जिसके बाद चिकित्सक समीर विश्वास मृतक के शव को दिव्यांग पत्नि के भरोसे छोड़कर फरार हो गया। उक्त मामले में मृतक की पत्नि श्रीमति सरोज द्वारा पुलिस अधिकारियों को के समक्ष चिकित्सक के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई गई थी।

जिस पर पुलिस द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज कर मर्ग कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया था। परंतु मामले में मृतक के परिजनों द्वारा चिकित्सक पर उपचार में लावरवाही बरतने के आरोपों को लेकर आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग की जा रही थी।

पोस्टमार्टम के बाद शव रखकर किया प्रदर्शन

गुरूवार दोपहर मृतक के पोस्टमार्टम के दौरान सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र परिसर में सैकड़ों की संख्या में मृतक के परिजन, रिश्तेदार एवं सेन समाज के व्यक्ति जमा हो गये और चिकित्सक पर प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग को लेकर जुलूस की शक्ल में थाने पहुँचे।

परंतु थाना पुलिस द्वारा आश्वासन न मिलने पर वह एसडीओपी कार्यालय के सामने सड़क पर शव रखकर बैठ गये और अपनी मांग के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। लगभग 1 घंटे तक चले इस प्रदर्शन के दौरान सड़क पर यातायात पूर्णतः बद रहा और प्रदर्शनकारियों का धरना प्रदर्शन जारी रहा।

बाद में अनुविभागीय अधिकारी पूजा शर्मा और अधिकारियों कंे मामला दर्ज किये जाने के आवश्वासन के बाद प्रदर्शन कारियों ने शव सड़क से हटाया और अंतिम संस्कार के लिए ले गये।

विधायक ने किया मांग का समर्थन

प्रदर्शन के दौरान उक्त स्थल पर पहुँचे क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव ने प्रदर्शनकारियों की मांग का समर्थन करते हुए मामले की निष्पक्ष जांव एवं कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होने कहा कि पूरे विकासखण्ड में स्वास्थ सुविधाये बेहाल झोला छाप चिकित्सक भोले-भाले ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ कर रहे है। यह खेदजनक स्थिति है कि 3 माह पूर्व एक ग्रामीण महिला की मौत के बाद भी प्रशासन और संबंधित विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया जिसके कारण एक और ग्रामीण को अपनी जान गवांनी पड़ी। उन्होने मामले में कर्तव्य विमूढ़ अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग की।

3 माह में 2 ग्रामीणों ने गवांई जान फिर भी कार्रवाई नही

देवरी विकासखण्ड में चिकित्सकों की कमी और बदहाल स्वास्थ व्यवस्थाओं के चलते झोलाछाप फर्जी चिकित्सकों का बोलबाला है। जिनके संदिग्ध प्रमाण पत्र न तो उन्हें पीड़ित के ऐलोपैथिक उपचार का अधिकार देते है न ही उन्हें इंजेक्शन और ड्रिप लगाने की पात्रता प्रदान करते है।

मौजूदा मामले में आरोपो से घिरे चिकित्सक समीर विश्वास पिछले 3 माह में दूसरी बार उपचार में लापरवाही से मौत के आरोपो का सामना कर रहे है। विगत 23 जनवरी को उन पर ग्राम इमझिरा के भटिया टोला निवासी सरस्वती पति सीताराम के उपचार में लापरवाही के कारण मौत होने का अरोप लगा था। उक्त मामले में मामले में शिकायत के बाद उनका दवाखाना सील कराया गया था और प्रशासन द्वारा मामले जांच की बात भी की गई।

परंतु बाद में मामला ठंडा पड़ने के बाद उनका दवाखाने के ताले खुल गये और फिर संचालित हो गया उसे खोले जाने की अनुमति किसने दी थी और किस आधार पर दी अब तक अज्ञात है। लोगों के स्वास्थ्य और जान से जुड़े गंभीर मामले में जिम्मेदारों द्वारा की जा रही लीपापोती गंभीर है। नगर के बसस्टेण्ड परिसर में लगभग 2 दशक से अधिक समय से 2 बंगाली दवाखाने संचालित है जिन पर सरकारी अभियानों में दिखावे के लिए कार्रवाई होती है।

पूरे क्षेत्र में झाोलाछापों चिकित्सकों की भरमार

देवरी विकासखण्ड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में फर्जी झोलाछाप चिकित्सकों की भरमार है जो बिना किसी वैद्य पात्रता के ऐलोपैथिक उपचार के महारथी बने हुए है। देवरी नगर में ही ऐसे चिकित्सकों का आकड़ा एक दर्जन से अधिक है। वही ग्रामीण क्षेत्रों में अमूमन हर बड़े गांव या कस्बे में ऐसे दो से तीन चिकित्सक है जो अपनी सेवाओं का झोला लेकर बड़े बड़े रोग से जूझ रहे ग्रामीणों को अपने हुनर की जादूगरी दिखा रहे है। ये चिकित्सक इन क्षेत्रों में लंबे समय से प्रेक्टिसरत है, जो मनमाने उपचार और फर्जी दवाओं के जरिये भोले-भाले ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ कर रहे है। ऐसे मामलों में विभागीय अधिकारियों की बेरूखी और निगरानीकर्ताओं की सहमति के चलते झोलाछाप डॉक्टरों और अमानक दवाओं का कारोबार चरम पर है

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