(बुन्देली बाबू डेस्क) केसली थाना में विगत दिवस हुए राजनैतिक घटनाक्रम के बाद जिला प्रशासन हरकत में है मामले में सरकारी अस्पताल के चिकित्सक पर एफआईआर दर्ज होने के बाद जिला कलेक्टर सागर के निर्देश पर संबंधित चिकित्सक को कारण बताओं नोटिस देकर स्थानांतरित किया गया है। साथ मामले में केसली थाना प्रभारी को भी लाईन हाजिर किया गया है।
विगत दिवस सागर जिले के केसली थाना में सर्पदंश मामले में पीड़ित पक्ष से कथित रूप से सरकारी चिकित्सक द्वारा रिश्वत मांगे जाने के मामले में क्षेत्रीय विधायक के धरने और इस्तीफे के बाद अब प्रशासनिक हलको में हड़कंप है। मामले में जिला कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ममता तिमोरी के द्वारा उक्त घटना को दृष्टिगत रखते हुये डॉ दीपक दुबे को तत्काल प्रभाव से सिविल अस्पताल बीना मे कार्य करने हेतु निदेर्शित किया है। वही मामले में केसली थाना प्रभारी भी प्रशासनिक कार्रवाई की जद में आ गये है पुलिस अधीक्षक सागर द्वारा केसली थाना प्रभारी अजय कुमार बैगा को लाइन हाजिर किया गया है।
चिकित्सक को कारण बताओं नोटिस
जिला कलेक्टर सागर कार्यालय जारी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री देवेन्द्र सिंह ठाकुर के द्वारा अवगत कराये गये अनुसार डॉक्टर दीपक दुबे के द्वारा द्वारा सर्प के काटने से मृतक स्व. श्री धनसींग यादव उम्र 70 वर्ष , के पोते श्री रोहित यादव से पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के एवज में मृतक के परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि 4 लाख रूपये की 10 प्रतिशत राशि की मांग की गई एवं राशि न देने की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे सर्प के काटने से मृत्यु का उल्लेख न कर नार्मल रिपोर्ट थाना में भेजने को कहा गया।
राशि न देने के कारण डॉ दुबे के द्वारा मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर्प काटने से मृत्यु होना नहीं लिखा गया और नार्मल मृत्यु की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उक्त संबंध मे संबंधित मृतक के पोते रोहित यादव के द्वारा पुलिस थाना केसली मे डॉक्टर श्री दीपक दुबे के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। डॉक्टर का उक्त कृत्य कार्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनतापूर्ण सिद्ध होता है। साथ ही उक्त कृत्य से विभाग की छवि आमजन के समक्ष धूमिल हुई है। कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ममता तिमोरी ने इस संबंध में कारण बताओ नोट जारी किया है।
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नोटिस के अनुसार डॉक्टर दीपक दुबे चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केसली का उपरोक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के अनुरूप न होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है, डॉ द्वारा उक्त नियमों का पालन न करने के कारण, स्वयं अनुशासनात्मक कार्यवाही के भागी बन गए हैं। अतः उक्त संबंध में नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु वरिष्ठ कार्यालय को भेजा जाकर एवं 2 वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। तत्संबंध में डॉक्टर दुबे से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जबाब अप्राप्त रहने या समाधानकारक न होने की स्थिति में उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
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सर्पदंश पीड़ित के पोस्ट मार्टम रिर्पोट के लिए कथित रूप सें चिकित्सक द्वारा रिश्वत की मांग किये जाने के इस गंभीर मामले में चिकित्सक द्वारा थाना पुलिस को दी गई पोस्टमार्टम रिर्पोट पर सवालिया निशान खड़े किये जा रहे है। मामले में संबंधित चिकित्सक पर एफआईआर दर्ज किये जाने के बाद अब बिसरा रिर्पोट से ही मृत्यु के प्रमाणिक कारण ज्ञात हो सकेंगे। मामले में चल रही राजनैति उठापटक एवं प्रशासनिक हलचल के बीच जिला प्रशासन द्वारा चिकित्सकों की 3 सदस्यों वाली जांच समिति का गठन किया गया है जो मामले में जांच कर 7 दिवसों में अपनी रिर्पोट सौपेगी।
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