(देवरीकलाँ) मध्यप्रदेश में इन दिनो नये निजाम के बाद बदले हालात में भाजपा के मंत्री, पूर्व मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायक भी सिस्टम में सुनवाई न होने के कारण खासे नाराज है। विगत गुरूवार को जिले के केसली थाना में ऐसे ही एक वाकये के बाद क्षेत्रीय विधायक थाना के मुख्य द्वार पर समर्थकों और पीड़ित परिवार के साथ धरने पर बैठ गये और विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भी लिख दिया। मामले को लेकर मचे हड़कंप के बाद थाना पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम रिर्पाेट के ऐवज में रिश्वत मांगने के आरोपी सरकारी चिकित्सक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। जिसके बाद देर रात्रि में घटनाक्रम का पटाक्षेप हुआ और विधायक द्वारा धरना समाप्त किया गया।
दरअसल देवरी क्षेत्र से भाजपा के विधायक बृजबिहारी पटैरिया अपने ही क्षेत्र के केसली सरकारी अस्पताल में पदस्थ एक चिकित्सक के विरूद्ध केसली थाना रिर्पाेट दर्ज करवाने पहुँचे थे। चिकित्सक के विरूद्ध आरोप है कि उसने सर्पदंश के एक मामले में पोस्टमार्टम रिर्पोट के ऐवज में 40 हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी। मामले में थाना पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में नानुकर की गई तब विधायक द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई परंतु मामले में कोई कार्रवाई नही हुई जिसके चलते वह इतने आहत हुए कि थाने के मुख्य द्वार पर ही पीड़ित पक्ष के साथ धरने पर बैठ गये और विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा लिख दिया।
FIR की मांग को लेकर भाजपा विधायक थाने में धरने पर बैठे, पद से इस्तीफा लिख दिया
उनका कहना था कि यदि मैं विधायक होने के बाद भी इस गंभीर मामले में न्याय नही दिला सकता तो मुझे पद पर रहने का कोई अधिकार नही है। मुझे ऐसी विधायकी नही करनी है इसलिए पद से इस्तीफा दे दिया है। मामले में प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा भी सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई एवं प्रशासनिक लापरवाही को बर्दास्त न किये जाने की बात कही गई।
पूर्व मंत्री ने कहा प्रशासनिक लापरवाही बर्दास्त नही
मामले में जिले वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव सोशल मीडिया साइट ट्वीटर एक्स पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए लिखा कि अभी-अभी देर रात जानकारी लगी कि मेरी नजदीकी विधानसभा क्षेत्र देवरी के विधायक श्री बृज बिहारी पटेरिया ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र मा. विधानसभा अध्यक्ष को भेजा है और वे केसली थाना में धरने पर बैठ गए हैं। इसकी जानकारी लगते ही मैने वरिष्ठ विधायक श्री पटेरिया से दूरभाष पर चर्चा कर विषय जाना। उन्होंने मुझे जो बताया उसे सुनकर मैं स्तब्ध हूं और सोच पड़ गया। पूर्व मंत्री ने लिखा कि उक्त घटनाक्रम दुखद है, किसी व्यक्ति की मृत्यु जैसी घटना पर भी शासकीय कर्मचारियों द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए पैसे की मांग की जा रही है। भाजपा की सरकार जो गरीबों के लिए ही दिन रात कार्य कर रही है, ऐसी सरकार में पुलिस के अधिकारियों या चिकित्सकों कोई भी हो जो जनता से चुने विधायक की भी न सुने उनकी ऐसी कार्यप्राणली बर्दास्त नही की जावेगी।
आरोपो से घिरे चिकित्सक पर प्रकरण दर्ज
प्राप्त जानकारी के अनुसार देवरी विधायक बृजबिहारी पटैरिया के धरने और इस्तीफे के बाद केसली थाना पुलिस द्वारा मामले में रोहित पिता राजेश यादव 19 वर्ष की रिर्पाेट पर आरोपी चिकित्सक दीपक दुबे के विरूद्ध अपराध खंड 308 (2) बीएनएस का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। रिर्पाेट में बताया गया कि प्रार्थी के दादा धनसींग यादव 70 वर्ष को विगत 10 सितम्बर को रात्रि लगभग 1 बजे घर की दहलान में सोते समय सर्प ने डस लिया था। जिसके बाद वह उन्हे लेकर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र केसली ले गये थे जहाँ उनकी मौत हो गई।
शव का पोस्टमार्टम चिकित्सक दीपक दुबे द्वारा किया गया था। रिर्पाेट में आरोप लगाया गया कि पोस्टमार्टम रिर्पाेट को लेकर चिकित्सक द्वारा 3 अक्टूबर 2024 को अपनी क्लीनिक पर 40 हजार रूपये की मांग की गई थी। पूरी न होने पर नार्मल रिर्पाेट लिखे जाने की धमकी दी गई। मामले में पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री 181 पर भी शिकायत की गई थी। पुलिस द्वारा मामले में आरोपी चिकित्सक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर संज्ञान में लिया गया है।
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