(बुन्देली बाबू डेस्क) सागर जिले के केसली थाना में सर्पदंश से वृद्ध की मौत के बाद सरकारी चिकित्सक द्वारा दी गई पोस्टमार्टम रिर्पोट एवं कथित रूप से रिश्वत की मांग किये जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच के लिए चिकित्सकों के 3 सदस्यीय दल का गठन किया गया है जो मामले की जांच कर 7 दिवसों में अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करेगा। मामले में पोस्टमार्टम रिर्पोट को लेकर उठ रहे संशय के चलते बिसरा रिर्पोट में मामले की सच्चाई उजागर होने की पूरी संभावना है जिसके बाद प्रशासन बड़ा कदम उठा सकता है।
सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक दुबे द्वारा कथित रूप से पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एवज में राशि मांगने के प्रकरण की जांच करने के लिए कलेक्टर श्री संदीप जी आर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ममता तिमोरी के द्वारा तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है। गठित जांच दल उक्त प्रकरण की जांच कर 7 दिवस में अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।
सर्पदंश से 70 वर्षीय वृद्ध की मौत के बाद उसकी पोस्टमार्टम रिर्पोट के ऐवज में रिश्वत की मांग किये जाने के इस मामले की जांच के लिए गठित दल में डॉ. जे.एस. धाकड़ डी.एच.ओ 1 स्थानीय कार्यालय सागर, डॉ. जी.पी. आर्य डी. एच.ओ.-3 स्थानीय कार्यालय सागर एवं डॉ. विपिन खटीक अर्बन नोडल अधिकारी जिला सागर को शामिल किया गया है। जो पूरे मामले की जांच करेगा एवं 7 दिवसों में अपनी रिर्पोट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रस्तुत करेगा।
पोस्टमार्टम रिर्पोट पर संशय बिसरा रिर्पोट से सच उजागर होगा
विगत 10 सितम्बर को केसली थाना के ग्राम मेढ़की निवासी धनसींग यादव उम्र 70 वर्ष को मृत अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र केसली लाया गया था। जिसका पोस्टमार्टम चिकित्सालय के डॉक्टर दीपक दुबे चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया गया था। जिनके द्वारा केसली थाना पुलिस को दी गई मृतक की पोस्टमार्टम रिर्पोट पर सवाल उठाये जा रहे है। पीड़ित परिवार का आरोप है चिकित्सक द्वारा मामले में रिश्वत की मांग की गई थी परंतु न दिये जाने के कारण पोस्टमार्टम रिर्पोट में सर्पदंश से मृत्यु का उल्लेख नही किया गया है।
मामले में शिकवा शिकायतों एवं राजनैतिक उठापटक के बाद अब चिकित्सक के विरूद्ध केसली थाने में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। मामले में बिसरा रिर्पोट आने के बाद ही मौत के कारणों से पर्दा हटेगा और सच्चाई सामने आऐगी। प्रशासन द्वारा पूरे मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जो 7 दिवसों में अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करेगी।
क्या है पूरा मामला खबर पढ़े-
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