(बुंदेली डेस्क) मघ्यप्रदेश में बेमोसम बरसात और ओलों की आसमानी आफत ने सूबे के किसानों को परेशानी में डाल दिया है, प्रदेश के एक के बाद एक इलाके में हो रही ओलावृष्टि के कारण फसले तबाही हो रही है। बुंदेलखण्ड के बाद विगत रविवार मालवा और निमाड़ में ओलावृष्टि ने रवि सीजन की पकी हुई फसलों से भरे खेतों को बर्फ की सफेद चादर से ढॅक दिया, खरगोन एवं डिंडोरी में हुई ओलावृष्टि के कारण काश्मीरे के नजारे देखने को मिले। सड़क से लेकर खेत और दूर दूर तक दिखाई देने वाले पहाड़ों बर्फ ही बर्फ नजर आई।
रविवार दोपहर को खरगोन के झिरनिया विकासखण्ड के कई ग्रामों में बड़े आकार के ओलों की बारिश ने फसलों को तबाह
कर दिया बर्फबारी के बाद कड़कड़ाती ठंड और शीत लहर ने किसानों की रही सही उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है। विकासखण्ड के कई ग्रामों में ओलावृष्टि के कारण गेंहू, चना, सरसो, मसूर सहित रवि सीजन की अन्य फसले पूरी तरह नष्ट हो गई। मार्च माह में भीषण गर्मी से जूझने वाले निमाड़ के इस इलाके में बर्फबारी और शीत लहर ने ग्रामीणों के समक्ष रोजी रोटी और परिवार के भरण पोषण की गंभीर समस्या खड़ी कर दी है।
यही स्थिति प्रदेश के डिंडोरी जिले में भी देखने को मिली रविवार दोपहर मौसम में आये बदलाव के साथ हुई भरी ओलावृष्टि के कारण खेतों और सड़कों पर लगभग 6 से 8 इंच बर्फ नजर आई। जिले के बजांग, समनापुर, करंजिया, गोरखपुर सहित कई ग्रामों में ओलावृष्टि के कारण फसले बुरी तरह तबाह हो चुकी है।
प्रदेश के छतरपुर, बुरहानपुर, बड़बाह, खंडवा,मंडला सहित अन्य जिलों में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर गर्मी से सूख चुके नदी नालों में बाढ़ के हाताल दिखे, बारिश और हल्की ओलावृष्टि के कारण खेतों में पक चुकी फसलों को नुकसान पहुँचा है तो खलिहानों में रखी हुई फसलों के पानी में भींगने के कारण सड़ने की समस्या सामने आ रही है। प्रदेश में बेमौसम बरसात के कारण एक के बाद एक जिले प्राकृतिक आपदा की चपेट में है।
सोशल मीडिया पर कही दर्द झलका तो कही ऐडवेंचर करते दिखे बच्चे
प्रदेश के डिंडोरी एवं खरगोन में हुई बर्फबारी को लेकर सोशल मीडिया पर कई तस्वीरे और वीडियो वायरल है जिनमें से कुछ में अपने खेतों में फसले नष्ट होने से किसान गमजदा दिखे तो कई स्थानों पर ग्रामीण और बच्चे बर्फ से खेलते नजर आये। ओलावृष्टि का वीडियो क्षेत्र में गुजर रहे वाहन चालकों द्वारा बनाकर सोशल मीडिया वार वायरल किया।
पहाड़ी क्षेत्र में बर्फबारी होना पर ग्रामीणों व बच्चों ने ओले खाली बर्तन और प्लॉस्टिक की बॉटलों में भर लिए। कुछ बच्चे उत्सुकतावश बर्फ के गोले बनाकर खेलने लगे। ओलावृष्टि से क्षेत्र में अभी कितना नुकसान हुआ है, यह स्पष्ट नहीं है। वहीं ग्रामीणों की मानें तो तेज बारिश करीब आधे से एक घंटे तक हुई। इस दौरान चने के आकार के ओलों की झड़ी लग गई और पहाड़ी नदी-नालों में भी पानी बह निकला है।
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