(बुन्देली बाबू) मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के शाहपुर में पदस्थ एसडीएम निशा नापित की संदिग्ध मौत का मामला पुलिस ने 24 घंटे के अंदर सुलझा लिया है। मामले में पुलिस के सनसनीखेज खुलासे में सामने आया है कि उनके बेरोजगार पति ने ही सर्विस बुक में नामिनी न बनाये जाने से नाराज होकर तकिये से मुँह दबाकर घटना को अंजाम दिया और पुलिस को झूठी कहानी सुनाकर गुमराह करने का प्रयास किया। मामले में पुलिस ने
आरोपी पति को हिरासत में ले लिया है।
दरअसल डिंडौरी जिले के शहपुरा में पदस्थ एसडीएम निशा नापित की विगत 28 जनवरी रविवार को संदिग्ध मौत हो गई थी। मामले में आज सोमवार (29 जनवरी) को सनसनीखेज खुलासा हुआ. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एसडीएम की मौत सामान्य मौत नहीं बल्कि उसकी हत्या की गई थी. हत्यारा और कोई नहीं, बल्कि एसडीएम का पति मनीष शर्मा निकला. डीआईजी मुकेश श्रीवास्तव के मुताबिक एसडीएम की हत्या उसके पति ने तकिए से मुंह दबाकर की थी.
24 घंटे में पुलिस ने किया मामले का खुलासा
डीआईजी बालाघाट मुकेश श्रीवास्तव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस सनसनीखेज मामले का 24 घंटे में खुलासा कर दिया है. उन्होंने बताया कि सबूत को छिपाने के लिए पति ने घटना के बाद कपड़ों को वाशिंग मशीन में धोकर सुखा डाला. पुलिस ने पीएम रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर पति मनीष शर्मा (45 साल) के खिलाफ आईपीसी की धारा 302,304 बी व 201 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस को गुमराह करने झूठी सुनाई कहानी
एसडीएम निशा नापित की रविवार दोपहर को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी. जिसके बाद एसडीएम के पति मनीष शर्मा ने झूठी मनगढ़ंत कहानी सुनाकर गुमराह करने का प्रयास किया उसने पुलिस को बताया कि सीने में दर्द उठने के बाद उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे थे. इलाज के दौरान उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था. इस मामले में पोस्टमार्टम करने वाले डॉ रत्नेश द्विवेदी ने पुलिस को बताया कि एसडीएम निशा नापित को जब अस्पताल लाया गया था, उससे कुछ घंटे पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। इसके पहले मनीष शर्मा ने बताया था कि निशा का एक ही गुर्दा काम करता था. उनको हमेशा सर्दी-खांसी रहती थी. शनिवार को उनका व्रत था. इस दौरान वे अमरूद खा रही थीं. मना करने के बावजूद वे दो अमरूद खा गईं. रात 10 बजे के आसपास उनको उल्टी हुई. फिर उनकी नाक से ब्लड आया. उन्होंने बताया कि दोनों के बीच बहस भी हुई थी. वो नहीं मानी और गुस्से में सो गईं.
भीम आर्मी ने जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन, पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौपा
आरोपी पति मनीष शर्मा ने पुलिस को बयान दिया कि रविवार को कोई काम रहता नहीं, इसलिए उन्हें जगाया ही नहीं. फिर दो बजे के आसपास उन्हें जगाने गया तो वे नहीं जागी. संदेह होने पर सीपीआर दिया और तीन बजे के आसपास ड्राइवर को फोन लगाया, वो डॉक्टर को लेकर आया. डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल ले चलो. अस्पताल में भी उन्होंने सीपीआर दिया गया
नॉमिनी में नाम न देने के कारण हुआ था विवाद
पुलिस की शुरुआती जांच में यह पता चला कि निशा ने अपने सरकारी दस्तावेज और बैंक डिटेल में पति की जगह बहन नीलिमा और उसके बेटे स्वप्निल का नाम बतौर नॉमिनी दिया है. सामान्य तौर पर विवाहित महिलाएं पति का नाम देते हैं. इस वजह से भी मनीष शर्मा अपनी पत्नी निशा से विवाद करता था.
मृतिका के परिजनों ने पति पर शंका जाहिर की
मामले को लेकर मृतिका के परिजनों को आरंभ से ही उसके पति मनीष पर शक था। मृतिका निशा की बहिन नीलिमा ने बताया कि साल 2020 में निशा ने ग्वालियर निवासी मनीष शर्मा से शादी की थी. दोनों की मुलाकात मेट्रोमोनियल साइट पर हुई थी. इसके बाद निशा ने परिवार को बिना बताए शादी कर ली थी. हम लोगों को बाद में जानकारी लगी थी. निशा एक बार हमसे मिलने घर आई तो पति भी साथ में था. मंडला में पोस्टिंग के दौरान भी दोनों के बीच खूब विवाद हुआ था. तत्कालीन एसपी ने दोनों को समझाइश दी थी. एसडीएम निशा की बड़ी बहन नीलिमा नापित ने आरोप लगाया था कि आरोपी मनीष शर्मा के कई लोगों से संबंध हैं. वो पैसे को लेकर निशा को प्रताड़ित करता था. उन्होंने दावा किया कि निशा को कोई बीमारी नहीं थी. सर्दी-जुकाम तो सभी को होता है. उन्होंने मनीष शर्मा पर संदेह जताया. एफएसएल टीम को चादर, तकिए और निशा के कपड़े वाशिंग मशीन में मिले हैं. मतलब वो साक्ष्य छिपाने का प्रयास कर रहा है.
विधानसभा चुनाव में दर्ज मामले से मंत्री गोविंद सिंह को राहत, हाईकोर्ट ने मामला खारिज किया
Leave a Reply