(बुन्देली बाबू डेस्क) विगत दिनो गंगा-जमना स्कूल के कथित हिजाब विवाद को लेकर चर्चाओं में रहा दमोह शहर एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार मामला शहर के सेंट जॉन्स स्कूल से जुड़ा हुआ है जिसके मुख्य प्रवेश द्वार पर पुलिस महकमे के ठेकेदार ने रातो-रात बाउन्ड्री बॉल खड़ी कर दी जिसके बाद स्कूल में अध्ययनरत हजारों बच्चो और उनके अभिभावकों को परेशानी झेलनी पड़ी। स्कूल प्रबंधन द्वारा मामले में पुलिस विभाग द्वारा किसी भी प्रकार नोटिस जारी न करने पर ऐतराज जताया है। फिलहाल स्कूल अनिश्चतकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
दरअसल मामला उस समय सामने आया जब स्कूल में अध्ययरत बच्चे विगत शुक्रवार सुबह जब बच्चे स्कूल पहुंचे, तो स्कूल के मुख्य द्वार का दरवाजा बंद मिला। जिसके बाद स्कूली बच्चे और अभिभावक परेशान होते रहे और स्थिति हंगामाखेज निर्मित हो गई। स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को स्कूल में प्रवेश के लिए प्रयास किया परंतु वह विफल रहे। दरअसल उक्त स्कूल के दो प्रवेश द्वार है एक स्कूल पुलिस विभाग द्वारा अपनी भूमि बताकर उसके सामने अचानक बाउन्ड्रीबाल खड़ी कर दी गई है। वही दूसरे प्रवेश द्वार पर स्कूल प्रबंधन द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसके कारण वह बंद पड़ा हुआ है फिलहाल स्कूल प्रबंधन द्वारा शीघ्र ही बच्चों के प्रवेश संबंधी समस्या को दूर किये जाने पर कार्य करना आरंभ कर दिया गया है।
रातो रात बन गई दीवार तो स्कूल में प्रवेश बंद
दरअसल, यह स्कूल पुलिस पुलिस कंट्रोल रूम के ग्राउंड से सटकर बना हुआ है विगत 17 वर्षो से स्कूली बच्चे और प्रबंधन उक्त मैदान से होकर स्कूल पहुँच रहा था भूमि को खाली सरकारी भूमि मानकर उसी से होकर जाने वाले रास्ते पर स्कूल द्वारा अपना मुख्य प्रवेश द्वार भी बनाया गया था। दरअसल इस स्कूल भवन का निर्माण वर्ष 2006 कराया गया था तभी से स्कूल खाली पड़ी जमीन को पहुँच मार्ग के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। अब पुलिस द्वारा उक्त भूमि पर निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है इसलिए बाउन्ड्रीबाल उठाये जाने से स्कूल का रास्ता बंद हो गया है। इस संबंध में पुलिस आरआई हेमंत बरैया ने कहा कि जिस जमीन पर बाउंड्री वॉल बनी है, वह पुलिस विभाग की है। वहां पर पुलिस के आठ राजपत्रितअधिकारियों के क्वार्टर बन रहे हैं। इस वजह से ठेकेदार ने रात को बाउंड्री वॉल बनाई और पुलिस की जमीन को संरक्षित किया।
प्राचार्य बोलीं- हमें नोटिस तक नहीं दिया
सेंट जॉन्स स्कूल की प्राचार्य सिस्टर सोफी ने कहा कि हम पिछले कई वर्षों से स्कूल का संचालन कर रहे हैं। नक्शे में यह मार्ग एप्रोच रोड के रूप में स्वीकृत है। पुलिस ने यहां काम शुरू किया और रास्ता ही बंद कर दिया। स्कूल में दो हजार 300 बच्चे पढ़ते हैं। दस साल पहले शासन ने ही इस रास्ते को बनवाया था। अब इस रास्ते को पुलिस ने बंद कर दिया है। अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि बच्चे स्कूल कैसे आएंगे? पुलिस को कुछ बनाना था तो कम से कम हमें नोटिस दे देते। हमारा दूसरा द्वार भी बंद है। वहां निर्माण कार्य हो रहा है, जहां से हम बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दे सकते। शुक्रवार को जो बच्चे स्कूल पहुंचे, उन्हें अगली सूचना तक घर जाने को बोल दिया है।
पुलिस विभाग ने कहा हमने अपनी भूमि पर की हदबंदी
दमोह के एसपी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि यह जमीन पुलिस विभाग की है। अब उसका इस्तेमाल क्या और कैसे करना है, यह तो हम ही तय करेंगे। स्कूल प्रबंधन को अपने गेट का इस्तेमाल करना चाहिए। इतने दिन से वह पुलिस की जमीन का इस्तेमाल कर रहा था। अभी तक जो चलता रहा, वह ठीक है लेकिन अब पुलिस विभाग को जमीन की आवश्यकता है। बाउंड्री वॉल का निर्माण किया गया है।
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