(बुन्देली बाबू) मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक बहुमत के साथ सरकार बना रही भाजपा में अंदरूनी कलह और गुटबाजी भी खुलकर सामने आ रही है, भाजपा के हारे हुई प्रत्याशी भाजपा संगठन और पदाधिकारियों पर खुलकर भीतरघात और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगा रहे है।
ताजा मामला सागर जिले की बीना विधानसभा से जुड़ा हुआ है, जहाँ से भाजपा के पराजित प्रत्याशी महेश राय ने अपनी हार के लिए पार्टी के जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया और पार्टी संगठन को जिम्मेदार ठहराते हुए भीतरघात करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाया है।
दर असल हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पूरे जिला में शानदार प्रदर्शन करने वाली भाजपा ने 7 सीटे हासिल कर कांग्रेस को हाशिये पर धकेल दिया है। मौजूदा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ बीना सीट पर ही जीत हासिल हुई है। यहाँ कांग्रेस की प्रत्याशी निर्मला सप्रे ने भाजपा विधायक महेश राय को लगभग 6 हजार मतो से पराजित किया है।
अपनी पराजय के बाद बीना पार्टी के प्रत्याशी महेश राय ने पत्रकार वार्ता कर अपनी हार के लिए पार्टी के जिलाध्यक्ष सहित अन्य संगठन पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा के पराजित प्रत्याशी महेश राय का आरोप है कि पार्टी संगठन में उनके विरोधी को नियुक्ति किया गया था। जिनके द्वारा ओपन घात एवं भीतरघात कर उन्हे हराया गया है। महेश राय का आरोप है कि भाजपा जिलाध्यक्ष जो सागर में रहते है और उनके नेतत्व में उन्हे हराने का कार्य किया गया है।
उनका आरोप है कि पार्टी के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य, किसान मोर्चा एवं पार्टी संगठन के अधिकारियों द्वारा उन्हे हराने का कार्य किया गया है। उनका आरोप है कि पार्टी संगठन के नेताओं ने चुनाव में उनके विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं की सभाये नही होने दी गई।
उन्होने ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होने शायराना अंदाज में कहा कि उनकी कस्ती डुबाने वाले पार्टी के अपने नेता थे। उन्होने कांग्रेस की विजयी प्रत्याशी निर्मला सप्रे से बीना को जिला बनाये जाने की मांग पूरी कराये जाने की मांग की है।
मौजूदा विधानसभा चुनाव में सागर जिले में भाजपा को मिली अप्रत्याशित सफलता के बाद पार्टी के अंदर चल रही खेमेबाजी भी खुलकर सामने आ गई है। जिले में गुटो में बंट चुकी भाजपा में नई सरकार में वर्चस्व को लेकर खीचतान आगे और भी बढ़ सकती है।
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