(बुन्देली बाबू डेस्क) गुना जिले में डंपर से टकराने के बाद बस में आग लगने से 12 लोगों के जिंदा जलने सहित 13 की मौत के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना को लेकर कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। गुरूवार को उन्होने घटना के घायलों से मुलाकात कर उनकी कुशल क्षेम पूछी एवं घटना की जानकारी ली।
मामले में लापरवाही एवं उदासीनता के लिए उन्होंने परिवहन विभाग की सर्जरी की है। परिवहन विभाग के आयुक्त संजय झा के साथ गुना के कलेक्टर तरुण राठी और पुलिस अधीक्षक विजय कुमार खत्री को हटा दिया है। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए। सुबह गुना आरटीओ रवि बरेलिया और सीएमओ बीडी कतरोलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
मध्य प्रदेश सरकार के गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में विशेष पुलिस महानिदेशक/परिवहन आयुक्त मध्य प्रदेश ग्वालियर संजय कुमार झा को विशेष पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय पदस्थ किया है। इसके साथ ही गुना के पुलिस अधीक्षक विजय कुमार खत्री को सहायक पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय पदस्थ किया गया है। पुलिस अधीक्षक गुना के रिक्त पद का प्रभार जिले में पदस्थ वरिष्ठतम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को अस्थाई रूप से पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना किए जाने तक सौंपा गया है।
वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में गुना कलेक्टर तरुण राठी को हटा कर मंत्रालय में अपर सचिव पदस्थ किया गया है। उनकी जगह पर गुना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रथम कौशिक को अस्थाई रूप से कलेक्टर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव गृह विभाग राजेश कुमार राजौरा को अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग का अतिरिक्त रूप से प्रभार सौंपा गया। प्रमुख सचिव परिवहन विभाग के अतिरिक्त प्रभार से आईएएस अधिकारी सुखबीर सिंह को मुक्त किया गया।
मुख्यमंत्री ने घायलो से की मुलाकात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शासकीय जिला चिकित्सालय, गुना पहुंचकर बस हादसे में घायल लोगों से उनकी कुशलक्षेम पूछी एवं चिकित्सकों से घायलों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर समुचित उपचार के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि घटना दुखद और पीड़ा दायक है हमारी सरकार मृतक एवं घायलों के परिवार के साथ खड़ी है।
मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी
गुना बस हादसे की निष्पक्ष जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी दुर्घटना के कारणों, बस और डंपर की विभिन्न प्रकार की अनुमतियां आदि की जांच, आग लगने के कारण एवं उत्तरदायी विभागों की जांच समेत विभिन्न पहलुओं पर 3 दिन में अपनी रिपोर्ट गुना कलेक्टर को सौंपेगी। मामले के संबंध ने बयान देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि गुना बस हादसा मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। जो गंभीरता से जांच कर घटना की रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होने बताया कि मुख्य सचिव को इस मामले से जुड़े संबंधित विभाग के सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
साथ ही परिवहन विभाग को दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने को कहा है। सभी कलेक्टर्स और एसपी को भी बगैर परमिट चलने वाले वाहनों पर सतर्कता बरतने और दोषियों के विरुद्ध कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि गुना हादसा मामले को लेकर मेरे मन में अत्यंत पीड़ा है। मध्यप्रदेश की संवेदनशील सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है
डिप्टी टीसी को भी हटाया, सेवाएं जीएडी को सौंपी
सरकार ने उप परिवहन आयुक्त संभागीय, ग्वालियर अरुण कुमार सिंह की सेवाएं परिवहन विभाग से वापस ले ली। उनको मध्य प्रदेश शासन मंत्रालय में उप सचिव पदस्थ किया गया है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अरुण कुमार सिंह क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के रूप में परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर गए थे। वर्तमान में वह उप परिवहन आयुक्त संभागीय पद पर पदस्थ थे। उनके पास भोपाल, नर्मदापुरम और ग्वालियर संभाग का प्रभार था।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने उठाए थे सवाल
इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीएल मुकाती ने दुर्घटनाग्रस्त बस के कागज सोशल मीडिया पर शेयर किए। साथ ही लिखा कि‘महोदय, बस 15 वर्ष पुरानी है। रोड पर कैसे चल रही थी? फिटनेस, बीमा नहीं है। त्ब् डिटेल डाली है। परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ बहुत गहरी है। मोहन (यादव) सरकार को सुदर्शन चक्र चलना पड़ेगा विभाग पर। ऐसी दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन जिम्मेदार लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं।
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