(बुन्देली बाबू डेस्क) बुन्देलखण्ड की काशी कहे जाने वाले दमोह जिले के जागेश्वर महादेव धाम बांदकपुर में इन दिनो महाशिवरात्रि पर्व की धूम है। इस दिन आयोजित होने वाले शिव-पार्वती विवाह को लेकर पारंपरिक रस्मों की अदायगी की
जा रही है। विगत गुरूवार को जागेश्वर महादेव मंदिर हल्दी रस्म अदा की गई। इस मौके पर मंदिर के पुजारी एवं श्रद्धालु
महिलाओं द्वारा शिवलिंग पर हल्दी का लेपन कर मंगल गीतों का गायन किया।
बाबा जागेश्वर के इस प्राचीन मंदिर में सैकड़ों वर्षो से महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती के विवाह का आयोजन किया जाता है। जिसमें शामिल होने के लिए लाखों कांवड़िये एवं श्रद्धालु प्रदेश के कोने कोने से बांदकपुर पहुँचते
है। प्रति वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर आयोजित बाबा जागेश्वर के इस पारंपरिक विवाह की संपूर्ण रस्में बुन्देली परंपरा के अनुरूप निर्वाह की जाती है। जिसमें मंडप, गणेश पूजन, हल्दी, तेल आदि की रस्मों का निर्वाहन भी परंपरा के अनुसार किया जाता
है।
हल्दी रस्म में महिलाओं ने गाए मंगल गीत
महाशिवरात्रि पर्व के ठीक एक दिन पूर्व गुरुवार को बांदकपुर में दूल्हा बने भगवान जागेश्वरनाथ के विवाह की हल्दी की रस्म
अदा की गई। इस अवसर पर गुरूवासर सुबह बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर पहुंची और भोलेनाथ को हल्दी का लेपन किया।
इस मौके पर श्रद्धालु महिलाओं द्वारा पारंपरिक बुंदेली बन्ना गीत गाये गए। समूचे बुंदेलखण्ड में वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान वर
पक्ष की महिलाओं के द्वारा मंगल बन्ना गीतों का गायन किये जाने की परंपरा है। जागेश्वर धाम में आयोजित हल्दी कार्यक्रम
के दौरान महिला श्रद्धालुओं द्वारा बन्ना गीतों का गायन किया गया। जिनकी बानगी इस प्रकार रही-
‘‘बना को चढ़ रव हरदी तेल बना मोरो पीरो पर गओ री ’’
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तैयारियां पूर्ण कल निकलेगी भव्य बारात
बांदकपुर के जागेश्वर धाम में महाशिवरात्रि पर्व पर शिव विवाह के आयोजन की परंपरा सैकड़ो वर्षो से चली आ रही है,
इस आयोजन में शामिल होने के लिए प्रदेश भर से लाखों श्रद्धालु बांदकपुर पहुँचते है। आयोजन को लेकर तैयारिया कई
दिन पूर्व से ही आरंभ हो जाती है। मंदिर समिति स्थानीय निकाय एवं प्रशासन द्वारा इस आयोजन को लेकर व्यापक
तैयारिया की जाती है। मंदिर एवं परिसर सहित मुख्य मार्गो की साफ सफाई, रंग रोगन, विद्युत व्यवस्था एवं साज सज्जा
का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। आयोजन को लेकर जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक सुनील तिवारी
ने बांदकपुर पहुँचकर तैयारियों का जायजा लिया एवं मंदिर समिति एवं राजस्व टीम को आवश्यक निर्देश दिये। जिला कलेक्टर
मयंक अग्रवाल ने भीड़ प्रबंधन एवं निशक्तजन श्रद्धालुओं को लेकर आवश्यक व्यवस्थाये सुनिश्चत करने के निर्देश दिए।
एक लाख कांवड़ चढ़ने पर होगा मंदिर के ध्वजों का गठबंधन
बांदकपुर स्थित बाबा जागेश्वर महादेव के प्राचीन मंदिर को लेकर कई जनश्रुतिया प्रचलित है। सैकड़ों वर्षो से इस मंदिर में
कावड़ियों द्वारा शिवरात्रि पर्व पर नर्मदा एवं अन्य पवित्र नदियों का जल भगवान शिव को अर्पित करने की परंपरा है। ऐसी
मान्यता है कि शिवरात्रि पर्व पर अर्पित की जाने वाली कावड़ों की संख्या जब एक लाख से अधिक हो जाती है तो परिसर में
स्थित माता पार्वती के मंदिर एवं जागेश्वर महादेव के मंदिर पर लहराने वाले ध्वजों में अपने आप गांठ बंध जाती है। इस
आलोकिक गठबंधन के साक्षी बनने के लिए प्रतिवर्ष हजारों लोग आंखों में टकटकी लगाकर मंदिर के शिखरों को निहारते
रहते है। बुंदेलखंड के कई जिलो सहित आसपास के क्षेत्र में जागेश्वर महादेव के प्रति गहन आस्था है। महाशिवरात्रि पर्व
पर होने वाले आयोजन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते है। इस अवसर पर भव्य बारात निकाली जाती है।
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