शिक्षक ने स्कूल को दिया रेलगाड़ी लुक तो सरपट दौड़ने लगा पठन-पाठन

देवरी विकासखंड में मढपिपरिया का सरकारी स्कूल बना रेलगाड़ी विघालय

When the teacher gave the school a train look, teaching and learning started galloping.
When the teacher gave the school a train look, teaching and learning started galloping.

(बुन्देली बाबू) आधुनिक सुविधाओं संसाधनों से लैस निजी विद्यालयों से कड़ी चुनौती का सामना कर रहे ग्रामीण सरकारी विद्यालय भी अब अपने नवाचार, प्रयोगवादी रवैये, एवं नई शैक्षणिक तकनीकों के जरिए शैक्षणिक गुणवत्ता की प्रतिस्पर्धी जमीन तैयार कर रहे है। सागर जिले के एक शिक्षक ने ग्राम सरकारी स्कूल स्कूल को रेलगाड़ी का लुक देकर बच्चों में कौतूहल पैदा किया तो विद्यालय के शैक्षणिक स्तर में सुधार हुआ। अब उक्त स्कूल रेलगाड़ी विद्यालय के नाम से जाना जा रहा है।

सागर जिले के देवरी विकासखण्ड के ग्राम मढ़पिपरिया के माघ्यमिक विद्यालय के शिक्षक अशोक राजौरिया ने स्कूली बच्चों में समझ विकसित करने के लिए प्रयोगवादी रवैया अपनाते हुए एक नवाचार किया जिसके आश्चर्यजनक परिणाम सामने आये है। इससे बच्चों में नये परिवेश निर्माण से विषयों को समझने के साथ स्वयं को अभिव्यक्त करने एवं कठनाईया उजागर करने की क्षमता विकसित हुई है।

दरअसल जिले के शासकीय माध्यमिक शाला मढपिपरिया मे पदस्थ नवाचारी विज्ञान शिक्षक श्री अशोक राजौरिया ने विघालय में प्रिंट रिच वातावरण बनाया है। उन्होने विघालय की बाहरी दीवारों पर रेलगाड़ी जैसा पेटिंग कार्य कराया है। जिससे विघालय को दूर देखने पर वो रेलगाड़ी जैसा दिखाई देने लगा है। सभी लोग उसे रेलगाड़ी वाला विघालय के नाम से जानने लगे हैं।

इस नवाचार क कारण बच्चों को विघालय रेलगाड़ी जैसा महसूस होने लगा है। जिससे बच्चों में अनोखी प्रसन्नता की लहर आ गई है तथा शाला की प्रत्येक शिक्षण कक्षों में सभी दीवालो पर टी.एल.एम. सामग्री की प्रेटिंग कार्य को कराया गया। जिससे विघालय का वातावरण विधाथी को सरल रोचक रूचिकर माध्यम में सीखने का केंद्र बन गया।

विघालय का वातावरण प्रिंट रिच वातावरण का अनोखा केन्द्र बन गया है। इस वातावरण में कमजोर बच्चों में अनोखा सुधार हो रहा है वो जल्दी सीख रहे हैं। कक्षों की सभी दीवालो पर सभी विषय के कक्षा स्तर के आधार पर चित्र, सामान्य जानकारी, सामान्य ज्ञान विषयवस्तु, संबंधी ज्ञान , गणित के सूत्र , ज्यामिति आकृति , विज्ञान के रोचक नवाचार , बच्चों की उपलब्धि , सम्मान जिला ,प्रदेश ,देश ,महादीप आदि प्रकार रोचक रूचिकर सरल सहज,प्रेटिंग कार्य को कराया गया है। इस प्रिंट रिच वातावरण से बच्चों के ज्ञान में वृद्धि तो होगी साथ ही विद्यालय चारों ओर सुन्दर एवं आकर्षक दिखने लगा है। बाल पेंटिंग से छात्रों के स्मृति पटल पर अमिट छाप बनती है।

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