(बुन्देली बाबू डेस्क) विगत 23 जून को दमोह के बजरिया वार्ड इलाके में स्थित एक राशन दुकान में सेल्समेन द्वारा आत्महत्या किये जाने के मामले में पुलिस द्वारा भाजपा नेता और सांसद प्रतिनिधि सहित 4 पर मामला दर्ज कर लिया है। जिसके बाद मामले में पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटैल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होने इसे बगैर जांच किये जल्दबाजी में की गई पुलिस कार्रवाई बताते हुए दमोह पुलिस की सेवाओं से इंकार कर दिया है। मामले भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री की नाराजगी के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा मामले को सीआईडी को सौपे जाने का आदेश दिया है। और जांच में दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।
आत्महत्या के बाद परिजनों ने किया था प्रदर्शन
दरअसल विगत 23 जून को दमोह के बजरिया वार्ड 3 में स्थित राशन दुकान सद्भावना प्राथमिक उभोक्ता भंडार बड़पुरा में सेल्समैन विक्रम उर्फ विक्की रोहित का शव फंदे से लटका हुआ पाया गया था। उसके पास से दो पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें धरमपुरा वार्ड पार्षद पति और नगरपालिका सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर, भाजपा नेता मोंटी रैकवार, नरेंद्र परिहार और नर्मदा सूर्यवंशी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया गया था।
मामलो लेकर नाराज परिजन ने शव के पोस्टमॉर्टम के बाद शव के साथ अस्पताल चौराहे पर बैठकर प्रदर्शन किया था। उनकी मांग थी कि जिन लोगों के नाम सुसाइड नोट में हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। पुलिस ने जांच के बाद इन सभी लोगों को आरोपी मानते हुए मामला दर्ज कर लिया है।
प्रकरण दर्ज होने के बाद गरमाया माहौल
पुलिस द्वारा मामले में मृतक विक्की उर्फ विक्रम के पिता डेलन रोहित एवं वार्ड ब्याय कृष्णा की रिर्पोट पर सुसाइड नोट के आधार पर पार्षद यशपाल ठाकुर, भाजपा नेता मोंटी रैकवार, नरेंद्र परिहार और नर्मदा सूर्यवंशी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये जाने के बाद मामला गरमा गया है। मामले को लेकर रैकवार समाज के लोगों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर मोंटी रैकवार को निर्दाेष बताते हुए इस प्रकरण में से उसका नाम हटाने की मांग की गई है।
वही गुरुवार को दमोह पहुंचे केंद्रीय मंत्री से मिलने धरमपुरा क्षेत्र के लोग पहुंचे। उन्होंने यशपाल ठाकुर को बेगुनाह बताया। साथ ही पुलिस पर झूठा मामला दर्ज करने का आरोप लगाया।
प्रहलाद बोले झूठा मामला दर्ज कराने वालों के मंसूबे पूरे नही होंगे
प्रकरण के संबंध में मीडिया से चर्चा करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटैल ने कहा की यशपाल ठाकुर मेरे प्रतिनिधि हैं। सम्मानित जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच नहीं की। इस कार्यप्रणाली के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक और दमोह पुलिस से मैं असंतुष्ट हूं।
मैंने पहले भी कहा था की मृतक एवं उसके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस मामले की गहराई से जांच की जाए। सुसाइड नोट की हैंडराईटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जाए, लेकिन जो लोग इस तरह के झूठे मुकदमे दर्ज करा कर अपने मंसूबे में सफल होना चाहते हैं। वह कान खोल कर सुन लें कि उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे। दमोह पुलिस ने जो किया है मैं उस कार्रवाई के खिलाफ, पुलिस अधीक्षक के खिलाफ हूं। यह जल्दबाजी में किया गया फैसला है।
यशपाल मेरे कार्यकर्ता हैं, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं। मैं हर कीमत पर उनके साथ हूं। उसमें बाकी लोग भी हैं जिनके नाम लिखे हुए हैं, उसमें मेरा भी नाम है फिर तो मेरे खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। मैंने कहा था इसकी बारीकी से जांच होना चाहिए। मैं दमोह पुलिस की कोई भी सेवा नहीं लूंगा। मेरे निजी सुरक्षा गार्ड के अलावा दमोह पुलिस के किसी भी कर्मचारी की मैं सेवा नहीं लूंगा।
गृहमंत्री ने दिये मामले की सीआईडी जांच के निर्देश
दमोह में पुलिस कार्रवाई पर केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटैल द्वारा सवाल उठाये जाने के बाद मामले में प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान देते हुए कहा कि देखिए वो हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता बड़े नेता है और हमारे सम्मानीय है, जो विषय संज्ञान में आया है।
बहुत गंभीरता से लिया जाएगा और उसको तत्काल सीआईडी में भोपाल ट्रांसफर करने के आदेश सुबह ही की दिये गये थे और आदेश निकल भी गये है। और उसकी जांच होगी और जो गलती पर होगा जो जिम्मेदार होगा उसे बख्शा नही जाएगा। उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।
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