(देवरीकलाँ) देवरी विकासखण्ड के ग्राम रसेना स्थित श्रीराम दरबार में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण को लेकर ग्राम के मुख्य मार्गाे से भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। कथा के प्रथम दिवस कथाव्यास पंडित लखन तिवारी शास्त्री ने भागवत महापुराण कथा के महात्म्य का वर्णन किया।
साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ आयोजन को लेकर शुक्रवार सुबह ग्राम के श्री राम धाम मंदिर मंदिर को कलश यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में कलशधारी महिलाये शामिल हुई। कलश यात्रा बाजे गाजे के साथ राजराजेश्वरी मंदिर पहुँची जहां माता रानी की दरबार में पूजा अर्चना की गई। कलश यात्रा में पंडित श्री जगन्नाथ त्रिवेदी ने अपने सिर पर भागवत महापुराण को रखकर ग्राम में भ्रमण किया ग्राम के मंदिरों में पूजा अर्चना कर उन्हे कथा में पधारने का आमंत्रण दिया।
प्रथम दिवस की भागवत महापुराण कथा में कथावाचक पंडित श्री लखन तिवारी शास्त्री जी सागर वालों के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत महापुराण का शुभारंभ किया भागवत कथा के महात्म्य का वर्णन करते हुए उन्होने कहा कि भागवत महापुराण का सिर्फ एक अध्याय सुनने से मनुष्य के सारे पाप कट जाते हैं। और उसे समस्त सांसारिक दुखो से मुक्ति मिल जाती है।
जो व्यक्ति श्रीमद् भागवत महापुराण करवाता है उनकी कई पीढियां के पुण्य उदय हो जाते हैं जो सोता भागवत सुनते हैं उनको भी उतना ही फल मिलता है जो फल भागवत महापुराण करवाने वाले को मिलता है। भगवान की कथा सुनने से जिन घरों में नकारात्मकता रहती है वह भी नष्ट हो जाती है।
कथा व्यास ने कथा में बताया कि भगवान ने मनुष्य की रचना और पृथ्वी की रचना की कहां से शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि भगवान को फूल चढ़ाने में ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं उनके लिए कोई धन संपत्ति की जरूरत नहीं है ईश्वर सिर्फ भाव के भूखे है। कथा आयोजक पंडित श्री जगन्नाथ त्रिवेदी कमल त्रिवेदी जागेश्वर त्रिवेदी अंकित त्रिवेदी ने बताया कि हमारे पूर्वजों की आशीर्वाद से आज हमें भागवत महापुराण करवाने का अवसर मिला है।
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