राजस्व महा-अभियान में अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह ने किया सागर नगरनिगम के वार्डाे का भ्रमण

राजस्व प्रकरणों के निराकरण एवं अभिलेखों की त्रुटिया दूर करने 15 जनवरी से 29 फ़रवरी तक चलेगा महाभियान

Additional Collector visited the ward of Sagar Municipal Corporation in the Rajaswa Maha- abhiyan.
Additional Collector visited the ward of Sagar Municipal Corporation in the Rajaswa Maha- abhiyan.

(बुन्देली बाबू) राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेख में दर्ज त्रुटियों को ठीक करने के उद्देश्य प्रदेश में 15 जनवरी से 29 फरवरी तक चलाये जा रहे राजस्व महा अभियान के तहत सागर के अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों का भ्रमण किया एवं लोगो को अभियान के जनकल्याणकारी प्रावधानों से अवगत कराया।

शासन द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान को लेकर जिला कलेक्टर श्री दीपक आर्य के द्वारा समस्त राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे राजस्व महा अभियान में उपस्थित होकर राजस्व के प्रकरणों का तत्काल निराकरण करें। इसी परिप्रेक्ष्य में अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में पहुंचे, जहां उन्होंने राजस्व महा अभियान के अंतर्गत चल रहे शिविरो में उपस्थित होकर प्रकरणों का निराकरण किया एवं मौजूद व्यक्तियों से जानकारी प्राप्त की।

महा-अभियान का प्रमुख उद्देश्य राजस्व न्यायालयों (RCMS) में लम्बित प्रकरणों (नामांतरण, बँटवारा, सीमाकंन, अभिलेख दुरुस्ती इत्यादि) का समय सीमा में निराकरण, नए राजस्व प्रकरणों को RCMS पर दर्ज कराना, नक़्शे पर तरमीम, PMKISAAN का सेचुरेशन एवं समग्र का आधार से e-KYC और खसरे की समग्र/आधार से लिंकिंग सहित आमजन की राजस्व से संबंधित समस्याओं का निराकरण करना है।

कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने जिले में महा-अभियान के दौरान जो गतिविधियाँ सम्पादित की जानी है ,के संबंध में सभी राजस्व अधिकारियों एवं राजस्व कर्मियों को दिशा-निर्देश जारी कर महा अभियान से संबंधित सभी कार्य शत् प्रतिशत पूरे करना सुनिश्चित करें और हर रोज की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए ताकीद किया है।

राजस्व महा अभियान के दौरान क्रियान्वित गतिविधियां तदनुसार
राजस्व रिकार्ड का वाचन : पटवारी पूर्व निर्धारित समय सारणी के अनुसार गांव में खसरा, बी-1 का वाचन करेंगे। ये कार्यवाही 7 दिवस में पूरी की जाए।

समग्र e-KYC तथा समग्र से खसरे की लिंकिंग ,समग्र वेब पोर्टल, MPONLINE/ CSC के कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की e-KYC कराने की सुविधा नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध रहेगी, तथा इस हेतु निर्धारित राशि संबंधित MPONLINE/ CSC के कियोस्क को विभाग के द्वारा MPSEDC के माध्यम से प्रदान की जायेगी। सभी खातेदारों और उनके परिवार के सदस्यों की समय E-KYC करने के लिए प्रेरित किया जाए।

RCMS पर प्रकरण दर्ज कराना – महा-अभियान के अंतर्गत राजस्व सम्बन्धी प्रकरण RCMS में दर्ज कराए जाएँ। नागरिकों की सुविधा के लिए लोक सेवा केंद्र के अलावा अब MPONLINE और CSC के कियोस्क के माध्यम से भी RCMS पर प्रकरण दर्ज कराए जा सकेंगे।

RCMS पर लम्बित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण – राजस्व अधिकारियों दवारा 31दिसंबर2023 की स्थिति में समय सीमा पार कर चुके लम्बित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए, तथा न्यायालय में नियमित सुनवाई आयोजित कर नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण किया जाए। प्राथमिकता से पुराने प्रकरणों का निराकरण किया जाए। ये सुनिश्चित किया जाए कि अभियान अवधि में 6 माह से अधिक (30 जून 23 तक दर्ज) लम्बित प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण कर लिया जाए। साथ ही अभियान के दौरान प्राप्त अविवादित प्रकरणों का निराकरण भी अभियान अवधि में सुनिश्चित किया जाये। प्राप्त नामांतरण अविवादित होने की स्थिति में 1 माह की समयसीमा की भीतर निराकरण किया जाए, लथा बंटवारा संबंधी प्रकरण अविवादित होने की दशा में तीन माह की समय सीमा में निराकरण किया जाए, साथ ही यह प्रमाण पत्र प्रेषित किया जाए कि सभी निराकृत प्रकरणों का अभिलेख में अमल सुनिश्चित किया जा चुका है।

उतराधिकार नामांतरण – रिकार्ड में बहुत से भूमिस्वामी ऐसे दर्ज है, जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है. परन्तु उनके उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। महा-अभियान के तहत उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को दर्ज कर निराकरण किया जाना है और 29 फरवरी तक ये प्रमाण पत्र प्रेषित किया जाये, कि दिनांक 31दिसंम्बर2023 तक के इस प्रकार के समस्त अविवादित नामांतरण का निराकरण कर अभिलेख में अमल सुनिश्चित किया गया है।

सीमांकन – राजस्व अधिकारियों द्वारा 31दिसंम्बर की स्थिति में समय सीमा पार
कर चुके लंबित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए, तथा ऐसे चिन्हित प्रकरणों का सीमांकन करने की कार्यवाही अभियान के दौरान पूर्ण की जाए।

खसरे में बटांकन होना परंतु नक्शे में नहीं होना: नामांतरण। बंटवारा आदेश के आधार पर यदि खसरे में तो बटांकन किया गया, परंतु उसकी तरमीम नक्शे पर अमल नहीं की गई हो, तब इस प्रकार की त्रुटि नक्को में दिखाई देती है। इस प्रकार की त्रुटि को ग्राम नक्शा में उपलब्ध खसरा बटाक्रम सूची के अनुसार भूलेख पोर्टल पर नक्सा बटांकन” (Map Rectification) मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा नक्शे में तरमीम अमल का कार्य किया जा सकता है। वर्तमान में इस प्रकार की तरमीम के प्रकरण काफी अधिक संख्या में लंबित है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुधार किया जाए।

इस प्रकार की त्रुटि से खसरा एवं नक्शा लिंकिंग में समस्या होती है और कम्प्यूटर यह पता नहीं कर पाता कि किस खसरा नंबर का दोहराव हो रहा है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर “नक्शा संख्या अद्यतन (Map Number/Attribute Update) मॉडयूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया जाए।

नक्शे में बटांकन होना एवं खसरे में नही होना – यदि किसी खसरा नंबर के नक्शे में बटांकन दर्ज है किन्तु खसरे में मूल नंबर प्रदर्शित हो रहा है तो नक्शे में दर्ज बटांको को मर्ज कर खसरा अनुसार मूल नंबर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर “ग्राम नक्शा बटांकन (Village Map Correction) मॉड्यूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाए।

शामिल खसरे को भिन्न किया जाना सभी शामिल खसरो को बंदोबस्त के रिकॉर्ड एवं वर्तमान खसरा नक्शे एवं कब्जे के आधार पर रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाए। राजस्व महा-अभियान के अतंर्गत उल्लेखित समस्त कार्यों को निर्धारित समय सीमा में निराकरण करना सुनिश्चित करें। अभियान की जिलेवार समीक्षा के लिए पृथक से सारा एप एवं पोर्टल में प्रावधान किया जा रहा है, जिससे प्रगति का अवलोकन किया जा सके।

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