परशुराम साहू (बुंदेली बाबू सागर) सागर जिले के केसली विकासखण्ड मुख्यालय पर विगत 7 जनवरी को उजागर हुए करोड़ो रूपये के धान खरीदी फर्जीबाड़े के मामले में लंबे समय से फरार 3 आरोपियों को थाना पुलिस द्वारा गिरप्तार किया गया है। उक्त आरोपियों पर पुलिस अधीक्षक सागर द्वारा इनाम की घोषणा की गई थी जिसके बाद से पुलिस द्वारा उनकी गिरप्तारी को लेकर प्रयास किये जा रहे थे।
प्रदेश भर में सुर्खियों में रहे समर्थन मूल्य धान खरीद के इस घोटाले में पुलिस द्वारा की गई जांच में कई कारगुजारिया सामने आई है, आगामी दिनों में इस फर्जीबाड़े में अन्य संलिप्तों की गिरप्तारिया होने के कयास लगाये जा रहे है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल विगत 7 जनवरी को केसली थाना क्षेत्र में सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियों में केसली मण्डी परिसर स्थित दिगम्बर स्व सहायता समूह द्वारा संचालित सरकारी समर्थन मूल्य धान खरीद केन्द्र पर सरकारी बारदानों में धान की जगह भूसे की तौल एवं पैकिंग के आरोप लगाये गये थे।
मामले में प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति में की गई 2 दिवसीय जांच में खरीद केन्द्र पर रखी लगभग 35 हजार बोरियों में भूसा मिश्रित अमानक धान पाई गई थी। जिसकी तौल निर्धारित वजन से लगभग आधी थी। जांच में बारदानों की संख्या में हेरफेर सहित खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में तय समर्थन मूल्य धान उपार्जन नीति के खुला उल्घंन पाया गया था।
मामले में पुलिस केसली थाना में कनिष्क आपूर्ति अधिकारी श्रीमति पलक खरे द्वारा की गई शिकायत पर कार्रवाई कर दिगम्बर स्व सहायता समूह बम्होरी, केन्द्र की प्रभारी श्रीमति मीना पति नरेन्द्र जैन, आपरेटर विवेक जैन एवं समिति स्तर पर नियुक्त सर्वेयर प्रशांत सेन के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 406, 409 एवं 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था।
मामले में आरोप था कि आरोपियों द्वारा द्वारा अवैधानिक रूप से लाभ कमाने के उद्देश्य से सरकारी खरीद में धोखाधड़ी की मंशा से अमानक स्तर की धान बोरियों में भरी गई जिससे शासन को भारी नुकसान पहुँचाया जाता। मामले में अपराध पंजीबद्ध होने के 7 माह बाद भी आरोपी फरार बने हुए है इस दौरान मामले की एक आरोपी को माननीय न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त होने की सूचना मिली है।
पुलिस जांच में कई राज सामने आये
मामले में थाना पुलिस द्वारा की गई क्रमशः जांच में कई नये राज उजागर हुए और अन्य संलिप्तों के चेहरे भी बेनकाब हुए है। पुलिस जांच में समिति के आपरेटर के रूप विवेक जैन के स्थान पर अनुपम दुबे को आरोपी बताया गया है। साथ अन्य संलिप्त व्यक्तियों को भी आरोपित किये जाने की सूचना सूत्रों से प्राप्त हुई है।
इनकी हुई गिरप्तारी
मामले में पुलिस अधीक्षक सागर के अधिकृत ट्विटर हैडिंल से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीना एवं अनुविभागीय पुलिस अधिकारी देवरी के मार्गदर्शन में टीम गठित कर आरोपियों की लगातार तलाश की गई इसी दौरान मामले के मुख्य आरोपी जिसके द्वारा उक्त अपराध की प्लानिंग की गई थी।
अतिशय पिता अवधेश जैन गांधी वार्ड देवरी, आरोपी सर्वेयर प्रशांत पिता राधेश्याम सेन निवासी छीर देवरी तथा कम्प्यूटर आपरेटर अनुपम पिता बृजकिशोर दुबे निवासी सहजपुर केसली को गिरप्तार किया गया है।
जिसके द्वारा ई उपार्जन पोर्टल पर इंट्री की जाती थी, गिरप्तारी कर पूछताछ में आरोपियों द्वारा पुलिस को बताया गया कि वह दिगम्बर स्व. सहायता समूह द्वारा संचालित धान खरीदी केन्द्र केसली में श्रीमति मीना जैन एवं राहुल जैन के साथ मिलकर सर्वेयर एवं ऑरेटर के रूप में किसानों का अच्छा धान खरीदकर उसमें खराब किस्म का धान (भूसी) मिलाकर किसानों एवं शासन के साथ धोखधड़ी कर मुनाफा कमाते थे।
पुलिस द्वारा आरोपियों से वारदात में प्रयुक्त सामग्री जब्त कर माननीय न्यायालय के आदेश से जेल भेजा गया है। प्रकरण में अन्य आरोपियों की गिरप्तारी एवं धान भूसी के स्त्रोत के विषय में जांच की जा रही है।
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