33 वर्ष पहले युवक की जघन्य हत्या के बाद एक आरोपी बना वैद्य दूसरे ने ओढ़ा बाबा का चोला

उच्चतम न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा के बाद छिपते रहे पुलिस ने किया गिरप्तार

After the heinous murder of a young man 33 years ago, one accused, Desi Vaidya, became the second priest.
After the heinous murder of a young man 33 years ago, one accused, Desi Vaidya, became the second priest.

(देवरीकलाँ) देवरी थाना के ग्राम मछरिया में विगत 33 वर्ष पूर्व खेत में मवेशी घुसने के विवाद को लेकर 34 वर्षीय युवक की नृशंस हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस द्वारा ग्राम के ही दो युवकों को आरोपी बनाया गया था जिन्हे माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। परंतु उक्त आरोपी फरार हो गये और पुलिस से बचने के लिए वैद्य और बाबा का चोला ओढ़कर छिपते फिर रहे थे। देवरी थाना पुलिस द्वारा दोनो आरोपी इनामी वारंटियों को इंदौर एवं नागपुर से गिरप्तार करने में सफलता प्राप्त की है।

मवेशी घुसने के विवाद को लेकर की थी हत्या
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के मछरिया ग्राम में विगत वर्ष 1991 में गांव के निवासी बाबूलाल पिता चन्द्रभान पचौरी 34 वर्ष के खेत में मवेशी घुसने को लेकर उसका विवाद गांव के ही हिब्बू उर्फ प्रभुदयाल पिता गया प्रसाद पचौरी एवं उम्मी उर्फ उमाशंकर पिता दशरथ तिवारी से हो गया था। आरोप है कि विवाद के चलते आरोपियों ने 31 मई 1991 की रात्रि लगभग 2 बजे बाबूलाल पचौरी को घर से ले जाकर गांव की नदी के समीप कतरना एवं कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। कत्ल की इस जघन्य वारदात में मृतक के शरीर पर धारदार हथियार के कई घाव पाये गये थे जिनके कारण उसकी मौत होना पाया गया था। मामले में पुलिस द्वारा परिजनों की रिर्पाेट के आधार पर दोनो को आरोपी बनाया गया था। मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरप्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था। प्रकरण में जिला न्यायालय द्वारा दोष मुक्त होने बाद आरोपी गायब थे।

उच्चतम न्यायालय ने दी आजीवन कारावास की सजा
भाई की हत्या के बाद न्याय के लिए संघर्षरत मृतक के भाई रमेश पिता चन्द्रभान पचौरी ने बताया कि उक्त मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा आरोपियों को अजीवन कारावास से दंडित किया गया है। पुलिस थाना देवरी से प्राप्त जानकारी के अनुसार माननीय उच्चत्तम न्यायालय द्वारा दंड़ित अपील क्रं. 1118/2007 दिनाँक 04.02.2011 में जारी आदेश अनुसार आरोपी हिब्बू उर्फ प्रभुदयाल पिता गया प्रसाद पचौरी एवं उम्मी उर्फ उमाशंकर पिता दशरथ तिवारी दोनो निवासी ग्राम मछरिया थाना देवरी को आजीवन कारावास की सजा भुगताये जाना है। जो दिनाँक 20.05.2011 से फरार थे जिनकी गिरप्तारी के लिए पुलिस द्वारा सरगर्मी से तलाश की जा रही थी। आरोपियों की गिरप्तारी को लेकर पुलिस अधीक्षक सागर द्वारा 10 हजार रूपये इनाम घोषित किया गया था।

पुलिस से बचने के लिए एक वैद्य बना दूसरा बाबा
देवरी पुलिस थाना प्रभारी रोहित डोंगरे ने बताया कि विगत 13 वर्षाे से फरार दोनो वारंटी पुलिस से बचने के लिए अपना नाम बदलकर छिपते फिर रहे थे। आरोपी हिब्बू उर्फ प्रभुदयाल पिता गया प्रसाद पचौरी दाड़ी और बाल बढ़कार गेरूआ वस्त्र धारण बाबा बन गया था और मंदिरों की परिक्रमा करने लगा था। पुलिस अधीक्षक सागर के निर्देशन में थाना पुलिस द्वारा मुखबिर की सूचना एवं साइबर सेल की मदद से उसे इंदौर जिले के मउ रोड में जाम गेट के पास मंदिर से गिरप्तार किया गया गया है। आरोपी उक्त मंदिर में 12 वर्षाे से बाबा बनकर रह रहा था। जिसे विगत 15 मई 2024 को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर माननीय सत्र न्यायालय महोदय सागर के यहाँ पेश किया गया था।

वही वारदात का दूसरा आरोपी उम्मी उर्फ उमाशंकर पिता दशरथ तिवारी अपना नाम बदलकर नागपुर में शर्मा पंडितजी के नाम से जड़ी बूटी बैचने वाले वैद्य के रूप में छिपकर रह रहा था। पुलिस के अनुसार आरोपी नागपुर के जगदम्बा नगर में मसाला टोली खसाला में किराये के मकान में रह रहा था। जिसका किराया उसके द्वारा 15 सौ रूपये महीने दिया जाता था आरोपी लोगो को देशी जड़ी बूटी बैचने का धंधा करता था। जिसे पुलिस टीम द्वारा गिरप्तार कर 24 मई को सत्र न्यायालय सागर में में पेश किया गया है।

33 वर्ष बाद पूरी हुई न्याय की प्रत्याशा
अपने भाई हत्या के इस जघन्य मामले को लेकर लगातार न्यायालय में दस्तक दे रहे मृतक के भाई रमेश पचौरी ने वारदात में आजीवन कारावास से दंडित आरोपियों की गिरप्तारी पर राहत की सांस लेते हुए माननीय न्यायालय एवं पुलिस विभाग के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है। उसने बताया कि वारदात के शिकार बने उसके भाई के 3 पुत्र एवं पत्नि है जो वर्षाे से न्याय के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे। उसने बताया कि मामूली विवाद के चलते उनके खेत पड़ोसी ने उसके भाई की बेरहमी से हत्या कर दी थी। नौजवान भाई को खोने का दुख वह आज भी भुला नही पाया है।

33 years of struggle for justice after brother’s murder

इनकी रही सराहनीय भूमिका
जघन्य हत्या के मामले में विगत 13 वर्षाे से फरार वारंटियों की गिरप्तारी में देवरी थाना प्रभारी रोहित डोंगरे उनि अनिल कुजूर, आर. 245 मनीष तिवारी, आर. 758 आशीष गौतम, आर.984 लवकुश एवं साइबर सेल प्र.आर.398 सौरभ रैकवार की भूमिका सराहनीय रही।

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