(देवरीकलाँ) सागर जिले के महाराजपुर थाना के ग्राम हरदुली के समीप तालाब में मिले सिर विहीन शव की गुत्थी पुलिस द्वारा सुलझा ली गई है। पुलिस द्वारा मामले की विवेचना के दौरान हिरासत में लिए गये 4 संदिग्धों की निशानदेही पर पुलिस द्वारा शव के शेष टुकड़े एक अन्य तालाब से बरामद कर आरोपियों को गिरप्तार कर लिया है। मामले में आरोपियों द्वारा अपराध को स्वीकार कर मृतक अर्जुन को चोरी के संदेह में लाठियों से निर्ममता से पीटे जाने की बात सामने आई जिसकी चोटों के चलते उसकी मौत हो गई थी। आरोपियों द्वारा अपराध छुपाने की नीयत से शव के टुकड़े कर उसे बोरी में भरकर पत्थर से बांधकर तालाब में फेंक दिया गया था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल विगत 02 सितम्बर को महाराजपुर थाना पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना के आधार पर ग्राम हरदुली के समीप जंगल में स्थित तालाब से एक शव सड़ी गली अवस्था में बरामद किया था। जिसका सिर एवं हाथ पैर के पंजे भी गायब थे संदिग्ध मामले को थाना क्षेत्र से गुमशुदा युवक अर्जुन कुचबंधिया से जोड़कर देखा जा रहा था। परंतु शव की शिनाख्त न हो पाने के कारण पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर शव को एफएसएल सागर भेजा गया था। एवं शव के सिर सहित अन्य अंगो की तलाश आरंभ कर दी। घटनास्थल के समीप सभी संभावित स्थानों पर तलाश में सफलता ने मिलने के बाद पुलिस द्वारा मामले में के आभाव में पुलिस द्वारा शव को सुरक्षित रखवा कर प्रकरण संज्ञान में लेकर प्रकरण विवेचना में लिया गया था।
मामले में ग्राम खकरिया से गुमशुदा युवक अर्जुन पिता इंदर कुचबंधिया के परिजनों द्वारा ग्राम के निवासी कोमल गौड़ पर शंका जाहिर की गई थी जिसके आधार पर पुलिस द्वारा खकरिया निवासी कोमल गौड़ एवं हरदुली निवासी मुन्ना कोल, गोलू कोल, जियालाल कोल को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। संदिग्धों द्वारा पुलिस को कई बार गुमराह करने का प्रयास किया गया परंतु बाद में उनके द्वारा बकरी चोरी की शंका के चलते उसकी लाठियो से पीटकर हत्या किये जाने एवं अपराध छुपाने की नीयत से उसके शव के टुकड़े अलग अलग तालाब में फेंके जाने की बात स्वीकार की गई।
पुलिस द्वारा आरोपियों की निशानदेही पर एक दूसरे तालाब से मृतक का सिर एवं हाथ पैर के पंजे बरामद किये गये है। पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध बीएनएस की धारा 103(1) बीएनएस 238 ,115,16,(2),3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
चोरी की आशंका के तहत दिया घटना को अंजाम
मृतक अर्जुन पिता इंदर कुचबंधिया 38 वर्ष महाराजपुर थाने के खकरिया ग्राम के समीप टोले में अपने परिवार के साथ निवास करता है। उसके परिजनों के मुताबिक लगभग कुछ दिन पूर्व खकरिया के ही निवासी कोमल गौड़ के दामाद की दूकान में कुरकुरे चिप्स के पैकिट चोरी हो गये थे। कोमल द्वारा उसकी शंका अर्जुन पर जाहिर की गई थी एवं मारपीट कर उसे थाने ले गया था परंतु पुलिस द्वारा पूछताछ कर अर्जुन को छोड़ दिया गया था जिसके कारण वह अर्जुन से खासा नाराज था।
जिसके चलते उसके द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है, परिजनों ने बताया कि मृतक अर्जुन दिन भर जंगलों और अन्य जगह पर घूमता फिरता रहता था और गई दिनों तक घर से भी गायब रहता था। विगत 23 अगस्त को वह अपने जीजा अकल कुचबंधिया के साथ जंगल गया था, इस दौरान हरदुली गांव में कोमल गौड़ एवं उसके 3 साथियों ने अुर्जन को घेरकर उसके साथ लाठियों से मारपीट की गई थी। इस दौरान उसके साथ मौके पर उपस्थित उसका जीजा अकल वहा से भागकर घर आया और परिजनों की पूरी घटना बताई थी। जिसके बाद से अर्जुन घर वापिस नही पहुँचा था जिसकी शिकायत परिजनों द्वारा पुलिस थाने में की गई थी।
कार्रवाई की मांग को कुचबंधिया समाज ने किया था प्रदर्शन
अर्जुन की गुमशुदगी के बाद मामले में कार्रवाई को लेकर कुचबंधिया समाज ने सड़क पर आकर प्रदर्शन किया था एवं ग्राम खकरिया में महाराजपुर झमारा मार्ग अवरूद्ध कर दिया था। उनके द्वारा मामले में कोमल गौड़ पर शंका जाहिर की गई थी। पुलिस अधिकारियों के समझाइश के बाद कुचबंधिया समाज के लोग सड़क से हटे थे और यातायात बहाल कराया गया था। मामले में पुलिस द्वारा कोमल गौड़ को थाने बुलाकर पूछताछ भी की गई थी परंतु वह पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा।
हत्या के बाद अपराध छिपाने किये शव के टुकड़े
आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन्हे शक था कि मृतक अर्जुन हरदुली गांव में बकरी चोरी की फिराक में घूम रहा था। जिसके कारण उन्होने उसे घेरकर लाठियों से मारपीट की जिससे उसकी मौत हो गई। जिसके बाद उन्होने उसके शव को गांव के प्लांटेशन नामक स्थान पर मक्के के खेत में छिपा दिया और रात्रि में शव की पहचान छुपाने के लिए कुल्होड़ी से उसका सिर और हाथ पैर के पंजे काट दिये और उन्हे बोरियों में भरकर पत्थर बांधकर अलग तालाबों में फेंक दिया। परंतु शव पानी से बाहर आने के कारण उनकी कारगुजारी सामने आ गई।
मामले के खुलासे एवं आरोपियों की धरपकड़ में देवरी थाना प्रभारी संधीर चौधरी, महाराजपुर थाना प्रभारी मुनेश भदौरिया, सहायक उप निरीक्षक गनगौर, प्रधान आरक्षक बाबू सिंह, धरमदास बंसल सहित थाना स्टॉफ शामिल रहा।
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