हरदा ब्लास्ट में सरकारी राहत ऊँट के मुँह में जीरा, धरने पर बैठी महिलायें

प्रभावित और पीड़ितों के न्याय के लिए भूख हड़ताल कर रही तीन महिलाओं की हालत बिगड़ी

Government relief to Harda blast victims is not enough, women sitting on strike.
Government relief to Harda blast victims is not enough, women sitting on strike.

(बुन्देली डेस्क) हरदा में विगत दिनों फटाखा फेक्ट्री में हुए भयानक विस्फोट के बाद अब पीड़ितों और घटना के प्रभावितों को सरकारी राहत पर सवाल खड़े हो रहे है। प्रशासन द्वारा द्वारा दी गई सरकारी राहत को पीड़ित ऊँट के मुँह में जीरा बता रहे है। मामले में प्रभावित लोगों और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर हरदा के सर्व समाज ने हरदा के मुख्य बाजार चैक पर 23 फरवरी से धरना शुरू किया था जो अभी भी जारी है. धरना स्थल पर 12 लोग भूख हड़ताल पर भी बैठे हैं. सभी का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी. इनकी शिकायत है कि प्रभावितों को सही मुआवजा नहीं दिया गया है.

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घायल को दी गई 5 हजार की राशि
सर्व समाज के लोगों का कहना है कि प्रभावितों को सही मुआवजा नहीं दिया गया. घायल लोगों को सिर्फ 5 हजार की राशि दी गई है. साथ ही जिन प्रभावितों के मकान टूटे हैं उन्हें सिर्फ एक लाख 25 हजार की राशि दी जा रही है, जो सही नहीं है. इन प्रभावितों को बाजार मूल्य के हिसाब से मकान का मूल्य मिलना चाहिए.

तीन महिलाओं की तबियत बिगड़ी
पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के मामले में तीसरे दिन भूख हड़ताल पर बैठीं तीन महिलाओं की तबियत ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मिली जानकारी के अनुसार जिन महिलाओं को भर्ती कराया गया है उनमें अर्चना, मीणा और कमला बाई शामिल हैं. तीनों महिलाओं का हरदा जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

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