Kanpur Fire व्यापारिक शहर कानपुर में भीषण अग्नि कांड, अग्नि सुरक्षा पर सवाल

100 करोड़ से अधिक की संपत्ति जली, सूबे की सियासत गरमाई

Fierce fire in business city Kanpur, questions on fire safety
Fierce fire in business city Kanpur, questions on fire safety

(बुंदेली बाबू डेस्क) उत्तरप्रदेश के व्यापारिक शहर कानपुर की बांसमण्डी में बीती गुरूवार रात्रि शुरू हुए भीषण आग की लपटे सुबह तक उठती रही और धुंआ पूरे शहर के आसमान पर फैला रहा। सेना की मदद से काबू हुई आग के बाद अब प्रदेश की सियासत को गरमा गई है और अरबों के नुकसान और रोजगार छिन जाने गमजदा दूकानदार अपने भविष्य को लेकर फिक्रमंद है वही अग्नि सुरक्षा और लचर प्रबंधन के आरोपों से सियासत धधक रही है।

मामले को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादप ने ट्वीट कर अपनी पोस्ट में कहा कि जीएसटी के छापों और मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों के लिए अर्थक और मानिक रूप से बड़ी चोट है। प्रदेश भाजपा सरकार क्षति आंकलन कर तत्काल पीड़ितों को आर्थिक सहायता मुहैया कराये। वही उन्होने प्रदेश की दमकलों की क्षमता का आंकलन करने की मांग भी की है।

वही उनकी अपनी पार्टी के ट्वीटर हैडिंल से जारी पोस्ट में प्रदेश के फायर स्टेशनों पर बेसिक सुविधाये न होने एवं बाजार में फैले खतरनाक विद्युत तारों का मुद्दा भी उठाया गया है। समाजवादी पार्टी के चिधायक अभिताभ वाजपेयी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की एवं मामले में लेट लतीफी और लापरवाही किये जाने की बात उठाई। उन्होने मामले में प्रदेश सरकार से निराशा में डूबे व्यारियों के लिए बड़ी मदद देने की मांग की।

घटना की जानकारी मिलने बाद प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटनास्थल का निरीक्षण कर पीड़ित दूकानदारों से मुलाकात कर प्रशासनिक अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। उन्होने मामले में राज्य शासन की ओर से व्यापारियों को आशान्वित किया उन्होने कहा कि सरकार सुखदुख में व्यापारियों के साथ है। उन्होने कहा कि मामले में बीमा कंपनियों से भी बात की जाएगी।

क्या है पूरा मामला

विगत गुरूवार रात्रि कानपुर के बांसमंडी स्थित एआर टावर में देर रात 1.30 बजे अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। शुरूआती लचर व्यवस्था और गलत आंकलन के चलते भड़की आग की चपेट में आने से 6 कॉम्प्लेक्स की करीब 800 दुकानें पूरी तरह से जलकर राख हो गईं। घटना में अरबों रुपए के नुकसान होने की आशंका है।

जानकारों के मुताबिक रात्रि लगभग 1 बजे अज्ञात कारणों से लगी आग ने सबसे पहले एआर टावर की कुछ दूकानों को अपनी जद में लिया। बाद में यहं दुकानों के बाहर रखे सामान में लगी और तेज हवाओं के कारण आग ने कुछ ही समय में इस तीन मंजिला काम्पलेक्स की कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया और देखते पूरा तीन मंजिला टावर धधकने लगा।

इसके बाद आग हमराज कॉम्प्लेक्स, नफीस टावर, अर्जन कॉम्प्लेक्स, मसूद कॉम्प्लेक्स और सुपर हमराज कॉम्प्लेक्स तक फैल गई, जिससे इन 6 कॉम्प्लेक्स की लगभग 800 दूकाने एवं अन्य कार्यालय जलकर राख हो गये।

स्थिति काबू में न आने के कारण सेना, एयरफोर्स, पुलिस और फायर ब्रिगेड के जवानों ने मोर्चा संभाला और आग पर काबू होने के प्रयास रंग लाये। मामले में संजीदा शासन एवं प्रशासन द्वारा कानपुर, उन्नाव, लखनऊ समेत आस-पास के कई जिलों की 50 से ज्यादा फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग बुझाने में लगाई गई हैं।

इस भीषण हादसे में अभी तक किसी भी प्रकार की जनहानि की खबर सामने नही आई है परंतु एक व्यक्ति ज्ञानचंद के लपता होने की खबरे सामने आई है। उनकी पत्नि का कहना है कि वह रात्रि 12 बजे बिल्डिंग के 4 फ्लोर पर अन्य व्यक्तियों के साथ गये थे परंतु अब तक उनका कोई पता नही चल सका है।

अरबों रूपये का नुकसान पर जिम्मेदार कौन ?

व्यापारिक शहर कानपुर में हुए इस भीषण कांड में 4 व्यापारिक काम्पलेक्स में आग लगने के कारण लगभग 800 दूकाने एवं अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान खाक हो गये जिसमें एक बैंक शाखा भी होने की बात सामने आई है। पूरे मामले लगातार सामने आ रही बाते शहर के व्यापारिक और सघन इलाकों में लचर विद्युत व्यवस्था और कुप्रबंधन उजागर कर रही है।

प्रदेश का संभवतः सबसे बड़ा व्यापारिक केन्द्र होने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कभी भी फायर सेफ्टी जैसे मसले पर गंभीरता से विचार नही किया जिसके कारण एक बड़ी दुर्घटना सामने आई जो प्रदेश की संभवतः अब तक की सबसे बड़ी आगजनी है जिसमें 2 हजार करोड़ की संपत्ति जलने का अनुमान सामने आया है। मामले को लेकर पत्रकारों द्वारा की जा रही पड़ताल अग्नि सुरक्षा के मामले कानपुर में चल रही अंधेरगर्दी को उजागर कर रहे है।

खबरों के मुताबिक इस व्यापारिक शहर में अब्नि सुरक्षा को लेकर इटली से कानपुर लाई गई 5 करोड़ की हाइटेक हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन कबाड़ बनी हुई है। यह मशीन 14 मंजिल की इमारत में फंसे लोगों को निकालने और आग बुझाने में सक्षम है। इतना ही नहीं 30ः स्टाफ भी कम है। कंडम हुई फायर ब्रिगेड मशीनों के बदले में नई मशीनों का प्रस्ताव कई सालों से ठंडे बस्ते में पड़ा है। संसाधनों के अभाव में दमकल कर्मी जूझ रहे हैं।

अग्नि सुरक्षा और प्रबंधन के प्रति संजीदा हो सरकार

पूरे मामले में घोर लापरवाही सामने आने के बाद अब प्रदेश की अग्नि सुरक्षा और प्रबंधन को बेहतर बनाये जाने को लेकर नये सिरे से विचार किया जाना आवश्यक है। प्रदेश की बिगड़ी प्रशासनिक व्यवस्था और सुशासन के लिए प्रयासरत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रदेश के व्यापारिक केन्द्रों को पुर्नस्थापित करने और उनमें बेहतर प्रबंधन व्यवस्था कर उन्हें मॉडल के रूप में विकसित करने की दिशा में गंभीरता से विचार करना होगा।

प्रदेश के कई ऐसे शहर है जो अतीत में बड़े वयापारिक केन्द्र रहे है और देश और विदेशों में अपने द्वारा तैयार माल को बेचकर प्रदेश का राजस्व बढ़ाते रहे है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि मुख्यमंत्री योगी प्रदेश में शांति और सुशासन की मुहिम के साथ व्यापारिक केन्द्रों को स्थापित कर प्रदेश को और अधिक आत्मनिर्भर और बेहतर बनाने की दिशा में पहल करे।

यह तय है कि यह चुनौती बड़ी होगी परंतु कानपुर की इस घटना को एक संकेत के रूप देखकर एक बड़ी रणनीति तैयार करने की अहम जरूरत है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*