(बुंदेली डेस्क) समाज में जंगल की आग की तरह फैल रही भीड़ संस्कृति कानून व्यवस्था के लिए कठिन चुनौती बनकर सामने आ रही है, ताजा मामला खंड़वा के बामदा का है जहाँ शक में अंधी भीड़ ने भाई बहिन को पेड़ से बांधकर कोड़े बरसाकर तालीबानी सजा दी। मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर उन्हे गिरप्तार कर लिया है।
समाज में लगातार बढ़ रहे अराजक व्यवहार और भीड़ हिंसा से अशांति और सामाजिक ताना बाना नष्ट होने की आशंका बढ़ रही है। धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम समाज में विष बेल की तरह जड़े फैल रही अराजक स्थिति ने समाज को भेदभाव और विषमता के चौराहे पर खड़ा कर दिया है।
शांत और गंभीर कहे जाने वाले ग्रामीण समाज पर भी इन दिनों तालीबानी कल्चर हावी हो रहा है लगातार सामने आ रही प्रतिक्रिया की आग अब खून के रिश्तों को भी झुलसाने लगी है।
समाज में चल रहे नकारात्मक विचारों के उद्देलन के प्रभाचों का अंदाजा इस घटना से आसानी लगाया जा सकता है। मामला मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के ग्राम बामदा का है जहाँ चरित्र संदेह में अंधी ग्रामीणों की भीड़ ने बहिन से मिलने उसके घर आये भाई को बहिन के साथ पेड़ से बांधकर निर्ममता से मारपीट की।
रिश्तों को सार्वजनिक रूप से शर्मसार करने वाले इस मामले में अराजक भीड़ ने बहिन के घर के अंदर बैठे भाई को बाहर खीचकर अर्धनग्न कर दिया और बहिन के साथ नीम के पेड़ से बांधकर पीट दिया। हिंसा पर उतारू भीड़ ने रोकर गिड़गिड़ा रहे भाई-बहिन की फरियाद नही सुनी साथ ही महिला के पति की बात को भी अनसुना कर दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद पहुँची पुलिस ने दोनो को बमुश्किल आजाद कराया।
मामला खंडवा के पिपलौदा थाने का है जानकारी के मुताबिक झारीखेड़ा का निवासी ज्ञानलाल अपनी बहिन कलावती से मिलने बामंदा गांव गया था। जब वह पहुँचा तो बहन घर में अकेली थी, भाई को सामने पाकर वह खुशी से झूम उठी और उसे कमरे के अंदर पड़ी खाट पर बैठाकर आवभगत में लग गई।
परंतु वही गांव में सक्रिय अराजक तत्वों के दिमाग में कुछ और चल रहा था उन्होने सोचा कि नया शख्स महिला से मिलने आया है और उनकी शंका भरी कल्पनाओं को पंख लग गये और वह सड़क पर तालीबानी न्याय करने उतारू हो गये। उन्होने गांव के अन्य लोगो को एकत्र किया और आतंक शुरू कर दिया पहले भाई-बहिन को घर से बाहर खींचा गया।
फिर चरित्र शंका को लेकर दोनों को पेड़ से बांधकर लकड़ी और कोड़ों से 1 घंटे तक पीटा। इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची डायल 100 के जवानों ने आरोपियों के चुंगल से छुड़वाकर भाई-बहन को अस्पताल पहुंचाया।
भीड़ के हिंसक व्यवहार से सहम गये भाई-बहिन
घटना के पीड़ित ज्ञानलाल ने थाना पुलिस जो आपबीती सुनाई उसके अनुसार वह ड्राइवरी करता है। जीजा और मौसेरा भाई रमेश भी रतलाम में नौकरी करता है। वह काफी समय से बहन कलावती से मिल नहीं पाया था। उस दिन फुर्सत में था तो मिलने चला गया और इस घटना का शिकार बन गया।
उसके अनुसार वही बहिन के घर कें भीतर खटिया पर बैठा था, बहन घर का काम कर रही थी। इतने में आठ-दस लोग आए और मुझे पकड़ लिया। मेरे पीछे बहन को भी घर से बाहर किया। फिर पीटते-पीटते गांव के बाहर ले गए। नीम के पेड़ के पास ले जाकर रस्सी से बांध दिया। मुझे अर्धनग्न कर एक घंटे तक वो लोग पीटते रहे। इस दौरान उसके बहिन के पति ने भी ग्रामीणों को फोन पर समझाने का प्रयास किया परंतु उन्होने उसकी बात को अनसुना कर दिया और उनके साथ निर्ममता से मारपीट की।
शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियो को धर दबोचा
घटना के बाद ज्ञानलाल और उसकी बहन कलावती का प्राथमिक उपचार हुआ। दूसरे दिन वे थाने पहुंचे और मारपीट की शिकायत की। पपलोद टीआई हरेसिंह रावत के अनुसार झारीखेड़ा निवासी ज्ञानलाल पिता बिहारीलाल काजले (21) की शिकायत पर बामंदा गांव के रामदास मंगतू, दयाराम टीकाराम और ईश्वर उर्फ हनू के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की, दोपहर के समय गांव में गए तो वे नहीं मिले। फिर देर रात को एक टीम गांव पहुंची और आरोपियों को दबोच लिया।
एक ही पिता और दो माँ की संतान है पीड़ित
पीड़ित युवक ज्ञानलाल के पिता ने दो शादी की थी। पहली पत्नी से बेटी कलावती और दूसरी पत्नी से बेटा ज्ञानलाल का जन्म हुआ। दोनों रिश्ते में एक-दूसरे के भाई-बहन लगते हैं। कलावती की शादी बामंदा गांव में रहने वाले रमेश से हुई है।
Leave a Reply