सागर में शराब ग्राहकों से अधिक वसूली 4 शराब दुकानों पर कार्रवाई

जिले की शराब दूकानों पर निर्देश बेअसर, न रेट लिस्ट न मिल रही रसीद

Illegal recovery from liquor customers in Sagar, action on 4 liquor shops
Illegal recovery from liquor customers in Sagar, action on 4 liquor shops

परसराम साहू (सागर) सागर जिले में प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति और निर्देश बेअसर है, लंबे अरसे बाद भी जिले की अधिकांश कम्पोजिट शराब दूकानों पर न तो रेट लिस्ट है न ही रसीद काटी जा रही है, न ही ऑनलाईन भुगतान पेमेंट की व्यवस्था है। नतीजन जिले के सुराप्रेमी दूकानों पर अवैध वसूली का शिकार हो रहे है, नींद से जागे विभाग द्वारा अब जिले की 4 दूकानों पर कार्रवाई कर उन पर जुर्माना भी लगाया है जिसके बाद दुकानदारों में हड़कंप व्याप्त है।

इन दुकानों पर लगा जुर्माना

दर असल आबकारी विभाग द्वारा शराब दूकानों पर विक्रय के लिए अधिकतम मूल्य का निर्धारण किया गया है साथ ही इसके पालन के लिए रेट लिस्ट लगाया जाना अनिवार्य किया गया है , परंतु इससे विपरीत जिले के कस्बा और ग्रामीण इलाकों में संचालित दूकानों में मनमाफिक दामों पर शराब विक्रय किया जा रहा है।

मामले में शिकायतों के बाद विभाग द्वारा अब सख्त रूख अख्तियार किया गया है। जिले की कम्पोजिट शराब दूकान बीना शहर, खुरई शहर, सागर नाका खुरई और खिमलासा में निर्धारित दर संबंधी नियमों के पालन में कोताही के चलते कार्रवाई की गई है।

जिसमें बीना शहर की दूकान को कथित तौर पर 19 जून को बंद किया गया था। जबकि शेष 4 दूकाने 26 जून को विभाग द्वारा सील बंद रखी जायेंगी साथ ही विभाग द्वारा लाईसेंस धारकों पर दस-दस हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के निर्देश बेअसर

आबकारी विभाग द्वारा कम्पोजिट दूकान लाईसेंस धारकों को शराब विक्रय संबंधी तय किये गये नियम ग्रामीण क्षेत्रों में बेअसर साबित हो रहे है। विभाग के अधिकारियों के नियमित निगरानी के दावों के विपरीत सागर जिले की अधिकांश ग्रामीण दुकानों
पर न तो रेट लिस्ट लगाई गई है न ही दूकानों पर ग्राहकों को रसीद प्रदान की जा रही है।

जिले की ग्रामीण दूकानों पर देशी और विदेशी ब्रांडों की शराब शासन द्वारा निर्धारित दर से बहुत ज्यादा कीमत पर विक्रय की जा रही है। शराब खरीदारों के मुताबिक कम्पोजिट दूकानों पर उनसे ऑनलाईन भुगतान नही लिया जा रहा है।

ऐसे मामलों में आबकारी विभाग के वरिष्ठ कार्यालय द्वारा दूकानों पर आबकारी अधिकारियों के नंबर चस्पा किये जाने के सख्त निर्देश है परंतु जिले की दूकानों पर तैनात जिम्मेदार अधिकारियों के न तो नंबर नजर आते है न ही उनके नियमित निगरानी दौरों की जानकारी ग्राहकों को हो पाती है। शराब दुकानों पर सुराप्रेमियों से हो रही अवैध मनमानी वसूली के खिलाफ विभाग की कार्रवाई के बाद अब व्यवस्था में सुधार की संभावना निर्मित हुई है।

विभाग द्वारा तय किये गये है अधिकतम-न्यूनतम मूल्य

नई आबकारी व्यवस्था में विभाग द्वारा जिले में अधिकतम और न्यूनतम मूल्य निर्धारित किये गये है, जिसमें स्पष्ट है कि शराब के अधिकतम मूल्य से अधिक दर और न्यूनतम मूल्य से कम दर पर विक्रय करने पर लाईसेंस धारक के विरूद्ध
कार्रवाई की जाएगी।

परंतु जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की दूकानों पर निर्धारित अधिकतम मूल्य से अधिक दर पर शराब विक्रय किया जा रहा है, इसी को छुपाने के लिए न तो दुकानों पर रेट लिस्ट चस्पा की गई है न ही ग्राहकों से ऑनलाईन पेमेंट की व्यवस्था है और न ही उन्हे रसीद दी जा रही है। जिले में देशी मसाला मदिरा लाल के 180 एमएल के लिए विभाग द्वारा अधिकतम मूल्य 90 रूपये एवं न्यूनतम मूल्य 78 रूपये निर्धारित किया गया है।

इसी प्रकार देशी प्लेन शराब के 180 एमएल के लिए अधिकतम मूल्य 65 रूपये और न्यूनतम मूल्य 55 रूपये निर्धारित है परंतु इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों में दोनो प्रकार के शराब क्वाटर 100 रूपये से अधिक पर विक्रय किये जा रहे है। इसी प्रकार प्रचलित अंग्रेजी शराब एवं विदेशी शराब की दरों में भी भारी अंतर पर विक्रय कर अवैध वूसली की जा रही है।

विभाग की नियमित निगरानी पर सवाल

आबकारी विभाग द्वारा लाईसेंसधारी शराब दूकानों के स्टॉक मिलान तथा विक्रय की निगरानी नियमित व्यवस्था लागू है, विभाग द्वारा दूकानों के माल उठाव और भंडारण पर भी सतत निगरानी रखी जाती है। ऐसे में ये कैसे संभव है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शराब ठेकेदारों की इस नियम विरूद्ध वसूली और मनमानी से अनभिज्ञ बने रहे।

दर असल शराब ठेकेदारों के राजनैतिक रसूख और दबंगी के कारण न तो सुराप्रेमी इनकी इस अवैध वूसली के विरूद्ध आवाज उठा पाते है न ही विभाग के जमीनी अधिकारी इस गोरखधंधे पर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा पाते है। विभाग द्वारा जिले में सुराप्रेमियों से हो रही अवैध वसूली के विरूद्ध की गई कार्रवाई के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति सुधार की संभावनाओं को बल मिला है।

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