(बुन्देली डेस्क) देश की राजधानी दिल्ली में फसलों के समर्थन मूल्य को लेकर फिर शुरू हुए किसान के आंदोलन के बीच सागर जिले के देवरी में सरकारी समर्थन मूल्य खरीदी धान केन्द्र पर विक्रय के बाद महिला कृषक की 148 क्विंटल धान गायब होने का मामला सामने आया है। पीड़ित कृषक द्वारा मामले की शिकायत जिला कलेक्टर एवं विभागीय अधिकारियों की है परंतु मामले में अब तक कोई कार्रवाई संभव नही हो सकी है।
किसानों को उनकी श्रम अर्जित कृषि उपज का उचित मूल्य एवं सही तौल मिल सके इस मंशा से आरंभ की गई सरकारी समर्थन मूल्य व्यवस्था खरीद केन्द्रों पर गड़बड़ी और भृष्टाचार का शिकार है। विगत वर्षो में इन्ही फर्जीबाड़ें के गोरखधंधे के चलते क्षेत्र के देवरी, केसली एवं गौरझामर थानों में आधा दर्जन से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जा चुके है परंतु इसके बाद भी न तो ऐसे मामलों पर अंकुश लग सका है न ही विभागीय निगरानी व्यवस्था में सुधार संभव हुआ है। नतीजन सरकारी खरीद प्रक्रिया अब भी संदेह के दायरे में है।
खरीद केन्द्र से विक्रय के बाद 148 क्विंटल धान गायब
पीड़ित किसान श्रीमति सियारानी विष्णु प्रसाद कुर्मी उम्र 96 वर्ष देवरी विकासखण्ड के ग्राम डुुंगरिया निवासी है। जिनके द्वारा विगत 5 जनवरी को सरकारी समर्थन मूल्य धान खरीद केन्द्र प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति देवरी किसान बेयर हाऊस रजौला पर अपनी 148.80 क्विंटल धान के विक्रय के लिए स्लाॅट बुकिंग की थी। जिसका किसान कोड 219127843688 था। जिसके बाद उनके पोते दीनदयाल पिता काशीराम के द्वारा खरीद केन्द्र पर 7 जनवरी 2024 को 148.80 क्विंटल धान की तौल कराई कराई गई थी जिसे सर्वेयर द्वारा पास किया गया था। बाद में 09 जनवरी को समिति द्वारा उन्हें आनलाइन फीडिंग की रसीद क्रमांक एस 219127843688001 प्रदान की गई थी जिसका तौल पत्रक क्रमांक 0245 प्रदान किया गया था।
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समिति द्वारा प्राप्त रसीद में उन्हें सरकारी समर्थन मूल्य 2183 के भाव से 3 लाख 24 हजार 830 रूपये का भुगतान उनके खाता में प्राप्त होने का वायदा किया गया था। उक्त सौदे के संबंध में उनके मोबाइल फोन पर विभागीय मेसेज भी उन्हे उसी दिन शाम को प्राप्त हो गया था। जिसके बाद वह अपने कृषि कार्यो में व्यस्त हो गये एक सप्ताह बाद उनके खाते में सिर्फ 1 रूपया प्राप्त हुए जिसके बाद उनके द्वारा केन्द्र पर संपर्क किया गया तो उन्होने बताया कि राशि आपके खाते में एक दो दिन में आ जाएगी। किसान द्वारा अपनी धान वापिस मांगे जाने पर केन्द्र प्रभारी एवं सर्वेयर ने उन्हें गुमराह किया एवं लगातार 15 दिवसो तक भटकाते रहे। अब उसका फोन भी रिसीव नही किया जा रहा है।
148 क्विंटल धान बेची खाते में 1 रूपया आया
कृषक के पोते दीनदयाल के मुताबिक उसके द्वारा अपनी दादी के किसान कोड पर केन्द्र पर 148.88 क्विंटल धान का
विक्रय किया गया था परंतु उनके खाता क्रमांक 167003373643 में सिर्फ एक रूपया ही आनलाईन जमा कराया गया है।
शेष राशि अब तक आप्राप्त है यहाँ यह अहम है कि विभाग द्वारा यदि सौदा रद्ध किया गया था तो किसान को टेस्टिंग
राशि का एक रूपया कैसे प्राप्त हुआ।
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पोर्टल से बिल डिलीट केन्द्र से धान गायब
96 वर्षीय वृद्ध महिला कृषक के साथ हुए इस वाकये के बाद महिला के परिजन लगातार परेशान है, उसके पोते दीनदयाल ने बताया कि उसके द्वारा मामले में विभाग के ई उपार्जन पोर्टल पर पड़ताल की तो उसे ज्ञात हुआ कि सौदे का बिल डिलीट कर दिया गया है। जिसका कोई ब्यौरा पोर्टल पर उपलब्ध नही है। वही विभाग के जिला के अधिकारियों से शिकायत करने पर उसे बताया गया है कि विगत 26 जनवरी 2024 को किसान के द्वारा शपथ पत्र देकर अपना सौदा रद्ध कराया गया है।
जिसमें कृषक की आयु 66 वर्ष दर्शायी गई है जबकि वृद्ध कृषक सियारानी विष्णुप्रसाद कुर्मी 96 वर्षीय आयु की है। तो चलने फिरने में अक्षम है ऐसे उसका शपथ पत्र कैसे विभाग को कैसे प्राप्त हुआ जांच का विषय है। पूरे मामले में वृद्ध कृषक के साथ हुई यह गंभीर घटना विभाग की संदेहास्पद कार्यप्रणाली और गैर जिम्मेदाराना रवैये को उजागर करती है। वही सरकारी केन्द्र पर विक्रय के लिए लाई गई उसकी 148 क्विंटल घान गायब है जिसके संबंध मे समिति द्वारा कोई जानकारी नही दी जा रही है।
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कलेक्टर जन सुनवाई में शिकायत
समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र से कृषक की धान गायब को लेकर परेशान कृषक द्वारा मामले की शिकायत 2 फरवरी को जिला कलेक्टर सागर की जन सुनवाई में 10 जनवरी को एसडीएम देवरी को एवं विभाग के आला अधिकारियों को भी की परंतु मामले में अब न तो कृषक को उसकी धान की राशि प्राप्त हो सकी है न ही उसकी धान केन्द्र द्वारा लौटाई गई है।
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क्या कहते है अधिकारी
उक्त संबंध में कनिष्क आपूर्ति अधिकारी पलक खरे का कहना है कि उन्हे अब तक किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नही हुई है। उन्होने बताया कि उक्त संबंध में उनके द्वारा केन्द्र के आपरेटर से पूछताछ की तो उसके बताया कि उक्त धान खरीद केन्द्र पर किसी अनूप नाम के व्यक्ति द्वारा लाई गई थी जिसकी तौल एवं फीडिंग के बाद धान गड़बड होने के कारण उसी दिन धान रिजेक्ट कर दी गई थी। और उसे धान वापिस लौटा दिया गया था।
परंतु उक्त संबंध में विभाग द्वारा संबंधित कृषक को सूचना न दिये जाने एवं रिजेक्शन मैसेज न भेजे के संबंध के प्रश्न पर विभाग चुप है। विभाग द्वारा सौदा मध्यस्थ के द्वारा होना बताया जा रहा है ऐसे में खरीद केन्द्रों पर सक्रिय मध्यस्थों की भूमिका भी विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करती है।
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