(बुंदेली डेस्क) दमोह शहर के असाठी वार्ड में निर्माणाधीन मकान के पिलर खुदाई के दौरानं एक मजदूर को ब्रिटिशकालीन चांदी के सिक्के जमीन में गड़े घड़े से मिले जिसे वह पहले अपने घर ले गया बाद में उसके द्वारा उक्त सिक्के ईमानदारी से कोतवाली थाना में जमा कराये गये है।
कोतवाली पुलिस द्वारा मजदूर से प्राप्त सिक्कों की पंचनामा कार्रवाई कर सिक्के सुरक्षित रखे गए हैं, एवं अग्रिम की कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को सूचित किया गया है। इस मामले की भनक संबंधित मकान के मालिक को नही थी सोशल मीडिया एवं मीडिया से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह कोतवाली थाना क्षेत्र में आने वाले असाटी वार्ड इलाके में निमार्णाधीन मकान के पिलर के गड्ढे खोदते समय एक मजदूर को सैकड़ों की संख्या में ब्रिटिशकालीन चांदी के सिक्के मिले हैं।
मामले के संबंध में कोतवाली थाना टीआई विजय राजपूत ने बताया कि बड़ापुरा निवासी मजदूर हल्ले पिता गोविंद प्रसाद अहिरवार (26) ने थाना आकर पुलिस को जानकारी दी है कि असाटी वार्ड में मकान मालिक मीनाक्षी उपाध्याय के मकान निर्माण के लिए कॉलम खड़े करने के लिए गड्ढे खोद रहा था।
इसी दौरान पहले उसे कुछ सिक्के मिले, उसने ज्यादा खुदाई की तो बड़ी संख्या में प्राचीन सिक्के मिल गए। पहले तो हल्ले सिक्के लेकर , अपने बड़पुरा स्थित घर चला गया और किसी को कुछ बताए बिना ही रख लिए, लेकिन उसे डर लगने लगा इसलिए वह कोतवाली पहुंचा और टीआई को सभी सिक्के सौंप दिए।
कोतवाली पुलिस को सौपे गये 240 सिक्के
टीआई विजय राजपूत ने बताया कि मजदूर हल्ले द्वारा ब्रिटिशकालीन 240 सिक्के सुपुर्द किए गए हैं जो काफी पुराने है। उसने पुलिस को बताया है कि जब वह पिलर के लिए गढ्ढा खोद रहा था उसी दौरान जमीन में गड़ हुए एक घड़े में उसे सिक्के मिले थे। पुलिस इस मामले में स्थान निरीक्षण करने के बाद नियमानुसार कार्रवाई कर रही है।
निर्माणाधीन मकान की मालिक इस पूरे वाकये से अनभिज्ञ है, मकान मालिक मीनाक्षी उपाध्याय का कहना है पता ही नहीं चला कब सिक्के मिले और कब मजदूर सिक्के लेकर चला गया है। बुधवार को वह काम पर नहीं आया। सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि उनके घर में खुदाई के दौरान चांदी के सिक्के मिले हैं।
रानी दमयंती संग्रहालय के परिचायक डॉ. सुरेंद्र चौरसिया का कहना है कि सिक्के उन्होंने देखे हैं, वे चांदी के सिक्के हैं और ब्रिटिशकालीन हैं। कोतवाली में अभी यह सिक्के रखे गए हैं इसके आगे की कार्रवाई जिला प्रशासन को करनी हैं। यदि कलेक्टर चाहें तो इन सिक्कों को संग्रहालय में भी रखवा सकते हैं।
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