मुवीन खान (देवरीकलाँ) देवरी विकासखण्ड में स्वास्थ सुविधाओं और चिकित्सकीय अमले की भारी कमी है। इसी का फायदा उठाकर क्षेत्र में ऐसे कई झोलाछाप चिकित्सक उपचार में संलग्न है जिनके पास न तो कोई डिग्री है न ही चिकित्सा काउंसिल में कोई रजिस्ट्रेशन है।
विगत दिनो फर्जी चिकित्सक के उपचार से हुई मौत के बाद अब स्वास्थ विभाग हरकत में है विकासखण्ड के नवागत चिकित्सा अधिकारी ने विगत सोमवार को देवरी नगर में संचालित दवाखानों का औचक निरीक्षण किया जिसमें आधा दर्जन चिकित्सकों के पास कोई वैद्य प्रमाणपत्र नही पाया गया साथ ही उक्त चिकित्सालयों में भारी मात्रा में ऐलौपैथिक दवाये भी पाई गई। मामले में कार्रवाई कर विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी ने एक क्लीनिक को सील कर दिया है।
नगर में एक दर्जन से अधिक फर्जी दवाखाने
देवरी विकासखण्डीय मुख्यालय पर ही लभग एक दर्जन फर्जी चिकित्सक सक्रिय है जो नगर के मुख्य मार्ग एवं तंग गलियों में बैखौफ अपने दवाखाने संचालित कर लोगो की जान से खिलवाड़ कर रहे है।
जिनके पास न तो मध्यप्रदेश मेडीकल काउंसिल द्वारा ऐलोपैथिक उपचार के लिए तय आर्हता है न ही उनका रजिस्ट्रेशन है इसके बाद भी वह दशकों ने अपना कारोबार कर रहे है। स्वास्थ विभाग द्वारा विगत वर्षो में कई बार उनके दवाखाने भी सील किये गये और उन्हे नोटिस भी जारी किये गये परंतु इसके बाद भी उनके दवाखाने बेरोकटोक फिर आरंभ हो गये।
देवरी बस स्टेण्ड के आसपास ऐसे लगभग 3 दवाखाने है वही नगर के मुख्य मार्ग पर संचालित दवाखानें की संख्या आधा दर्जन है। परंतु उक्त दवाखाने न तो विभाग और प्रशासन की नजर में आते है न ही उन भोले भाले ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ और विभागीय नियमों के लगातार उल्धंन पर सख्त कार्रवाई होती है। नतीजन 2 ग्रामीणों की मौत होती है और बबाल के बाद प्रशासन जागता है।
स्वास्थ विभाग की कार्रवाई में सच आया सामने
विगत दिनो नगर के बस स्टेण्ड के समीप मुख्य मार्ग पर संचालित एक फर्जी दवाखाने में झोलाछाप चिकित्सक के उपचार से मौत के बाद दूसरी मौत का मामला सामने आया था। जिसके बाद कटघरे में आई चिकित्सा सुविधाओं को दुरूस्त करने की कवायद सामने आई और नवागत विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा विगत सोमवार को नगर की दवाखानों का औचक निरीक्षण किया गया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कार्रवाई में नगर के चर्चित चिकित्सकों के करीब आधा दर्जन क्लिनिको पर छापामार कार्रवाई की गई। जिसमें बंगाली डॉक्टर के नाम से मशहूर रतिन राय की वर्षा अस्पताल में बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां जप्त की गई विभाग द्वारा पंचनामा कार्यवाही कर अस्पताल को सील किया गया। कार्यवाही के दौरान क्लीनिक में उपस्थित चिकित्सक मौके से फरार हो गया।
विभाग द्वारा विगत वर्षो में कई बार इस चिकित्सक की क्लीनिक को सील किया जा चुका है परंतु इसके बाद भी उसके द्वारा लोगो का धड़ल्ले से नियम विरूद्ध उपचार किया जा रहा है। चिकित्सा अमले द्वारा कार्रवाई में नगर की लगभग आधा दर्जन अन्य क्लीनिक पर पहुंचकर जांच की गई जहां सभी क्लीनिक पर बगैर रजिस्ट्रेशन के एवं बगैर डिग्री के संचालित होना पाया गया।
जिन्हें समझाइश देकर बंद करने के निर्देश दिए गए बीएमओ डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम दिवस कार्यवाही के दौरान नगर की आधा दर्जन से दवाखानों की जांच की गई है जहां क्लीनिक संचालित करने के लिए रजिस्ट्रेशन की कमी पाई गई साथ ही अन्य अनियमितताएं भी देखने को मिली वही उनका कहना है कि इसी तरह की कार्यवाही आगे और भी जारी रहेगी ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों को भी बख्शा नहीं जाएगा।
विकासखण्ड में चिकित्सकों की कमी बदहाल व्यवस्था
विकासखण्ड में सरकारी उपचार व्यवस्था के लिए एक सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र, 3 प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र एवं कई उपकेन्द्र संचालित है। परंतु उनमें चिकित्सकों एवं स्वास्थ अमले की कमी लंबे समय से है। नतीजन मजबूरी वश ग्रामीण झोलाछापों एवं नीम हकीमों तक उपचार के लिए पहुँच जाते है और स्वास्थ से खिलवाड़ का शिकार होते है।
विकासखण्ड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में पदस्थापना के मान से न तो चिकित्सक है न ही अन्य स्वास्थ अमला कई पद तो लंबे समय से रिक्त पड़े हुए है। इसी प्रकार प्राथमिक स्वास्थ केन्दों में भी चिकित्सकों की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
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