(बुन्देली डेस्क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2006 से लागू मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना के अंतर्गत अब बेटियों को 51 हजार रूपये का चेक प्रदान किया जाएगा उक्त घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज देवास जिले के सोनकच्छ में आयोजित लाड़ली बहना सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान कही।
इस अवसर पर सोन कच्छ की बहनो एवं महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हे एक विशाल राशि भेंट कर महिला केन्द्रित योजनाओं एवं उनकी महिला कल्याण के प्रति संवेदनशीलता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब में मुख्यमंत्री बना तो मैने पहली योजना बनाई ताकि गरीब बेटियों में माता पिता को विवाह में पेरशानी न हो मामा मुख्यमंत्री हो तो बेटियों का विवाह धूमधाम से हो इसलिए यह मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना बनाई ताकि बेटियों की शादी धूमधाम हो सके। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा बेटियों के साथ धोखा किया गया।
इस योजना को बंद कर दिया गया था। कांग्रेस सरकार में इस योजना अंतर्गत जिन बेटियों के विवाह हुए उनकी विदा के बाद भी उन्हे योजना की राशि नही मिल सकी। कुछ बेटियों के घर भांजे-भांजियों के जन्म के बाद भी उन्हे योजना के चेक नही मिल सके। पर अब आपका भाई फिर मुख्यमंत्री है फिर से प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह में 49 हजार रूपये का चेक बेटियों के हाथ में दिया जा रहा है। आज मन में विचार आया कि 49 का आंकड़ा ठीक नही है इसलिए अब कन्या विवाह की राशि बढ़ाकर 51 हजार रूपये कर रहा हूं अब बेटियों के हाथ में 51 हजार रूपये का चेक दिया जाएगा।
क्या है मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना
मध्यप्रदेश में कन्या विवाह निकाह योजना या मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की शुरूआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्ष 2006 में आरंभ की गई थी। देश और विदेशो में अंतर्राष्ट्रीय मंचों से सराही गई योजना बाद में देश के कई राज्यों में शुरू की गई इसके व्यापक प्रभाव के कारण ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह महिलाओं के हृदय में विशेष स्थान बनाने में कामयाब रहे और लगातार मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब रहे। इसे महिला कल्याण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाता है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना का उद्देश्य
मध्यप्रदेश में वर्ष 2006 से लागू की गई इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में निवासरत गरीब, कल्याणी एवं परित्यागता महिलाओं को विवाह के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है। इस योजना का शुभारंभ 1 अप्रेल 2006 से हुआ था जो प्रदेश में लाखों निर्धन कन्याओं के विवाह मे आर्थिक सहायता उपलब्ध करा चुकी है। इस योजना का संचालन सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा किया जाता है।
योजना अंतर्गत प्रदेश के सभी वर्गो जिनमें सामान्य ,अन्य पिछड़ी जाति , अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति की पात्र गरीब कन्याये शामिल है को लाभ प्रदान किया जाता है। योजना योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दिन वधू को राशि रूपये 49000/- का अकाउन्ट पेयी चेक एवं सामूहिक विवाह आयोजनकर्ता निकाय को प्रति कन्या के मान से राशि रूपये 6000/- प्रदान किये जाते है। योजना का आयोजन नगरपालिका/नगरनिगम/जनपद पंचायत द्वारा किया जाता है। आवेदन के उपरांत 30 दिवसों में निराकरण की समय सीमा तय की गई है।
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