(बुन्देली बाबू डेस्क) मध्यप्रदेश की संस्कार धानी जबलपुर में विगत 16 जून दोपहर में भाजयुमो नेता और बिल्डर के धन्वतरी नगर में स्थित कार्यालय में गोली का शिकार हुई एमबीए छात्रा वेदिका सिंह की सोमवार को उपचार के दौरान मौत हो गई।
घटना के बाद से उसकी हालत नाजुक थी और वह लगातार मौत से संघर्ष कर रही अततः उसने दम तोड़ दिया। मौत के बाद अब मामले में आरोपी भाजयुमो के पूर्व मंडल महामंत्री प्रियांश विश्वकर्मा के विरूद्ध हत्या का मामला पंजीबद्ध होने की बात की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
जबलपुर के नागरथ चौक की निवासी एमबीए स्टूडेंट वेदिका शुक्रवार 16 जून की दोपहर एक बजे अपनी सहेली के साथ अपना मोबाइल फोन बेचने के लिए भाजयुमो के रानी दुर्गावती मंडल के पूर्व महामंत्री और बिल्डर प्रियांश विश्वकर्मा के लीला ग्रुप आफ बिल्डर्स एंड डेव्लपर्स के आफिस गई थी। आरोप है कि इस दौरान जब वह सोफे पर बैठी थी। तभी प्रियांश ने टेबल पर रखी पिस्टल उठाई। जिसके बाद प्रियांश ने पिस्टल लोड की और फायर कर दी थी। गोली सीधे वेदिका को जा लगी।
गोली लगने के कारण वह बेहोश हो गई थी। प्रियांश पहले उसे स्मार्ट सिटी अस्पताल ले गया था, हालात नहीं सुधरी तो वेदिका को दमोह नाका स्थित निजी अस्पताल ले गया और छोड़कर फरार हो गया। पुलिस द्वारा मामले में मृतिका के मरणासन्न कथन भी दर्ज किये गये थे जिसमें उसने प्रियांश द्वारा उसे गोली मारे की बात कही गई थी।
आरोपी ने किया था आत्मसमर्पण
घटना के बाद घायल युवती को दमोह नाका स्थित एक निजी चिकित्सालय में छोड़कर फरार हुए आरोपी की तलाश पुलिस द्वारा कई स्थानों पर की गई थी। आरोपी के तलाश में नरसिंहपुर पहुँची ने उसकी स्कार्पियों जिस पर भाजपा की झंडा लगा था बरामद की गई थी।
बाद में 19 जून को आरोपी द्वारा संजीवनी नगर थाने में पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण किये जाने की बात सामने आई थी। जिसके बाद पुलिस द्वारा एक दिन के लिए रिमांड पर लेने के बाद जेल भेज दिया गया था।
नाजुक रही हालत, अंततः हार गई जिंदगी की जंग
गोली लगने से घायल एमबीए छात्रा वेदिका सिंह की हालत शुरू से ही नाजुक बनी हुई थी परिजनों के मुताबिक उन्हे चिकित्सकों ने बताया था कि गोली पीठ को चीरती हुई उसके फेंफड़ों के पास जा पहुँची थी। जिसके कारण उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी उसके कई अंगो ने काम करना बंद कर दिया था उसे वेंटीलेटर में रखा गया था।
वारदात के एक सप्ताह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी वेदिका की रीड की हड्डी में फंसी गोली नहीं निकाली जा सकी थी। वेदिका के पेट की एक सर्जरी की गई थी, वहीं फेफड़े से भी गंदा खून निकाला जा चुका था, 25 जून को चिकित्सकों द्वारा उसका आपरेशन किया गया था परंतु 26 जून को उसने दम तोड़ दिया।
इकलोती संतान की मौत से माता-पिता का बुरा हाल
भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा की रिवॉल्वर से घायल वेदिका ठाकुर नामक युवती की सोमवार को मौत हो गई। उसकी मौत के बाद उसके परिवार में दुःख का माहौल है। वेदिका अपने माता पिता की इकलौती संतान थी। वह एमबीए की पढ़ाई कर रही थी। वेदिका की मौत से उसके माता पिता का रो-रो कर बुरा हाल है।
परिजनों का कहना है कि वो अपनी सहेली पायल के साथ कैसे धन्वतरी नगर में स्थित भाजपा नेता प्रियांशु विश्वकर्मा के आफिस पहुंच गई, उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है। परिजनों का ये भी कहना है कि घटना वाले दिन आरोपी प्रियांश का कॉल आया था। उसने कहा कि वेदिका का स्वास्थ्य ख़राब है और वह उसे अस्पताल लेकर जा रहा है।
अस्पताल पहुंचने पर उन्हें पता चला कि वेदिका को पीठ में गोली लगी है। इस घटना के बाद से प्रियांश विश्वकर्मा अपनी रिवॉल्वर लेकर फरार हो गया था।
भाजपा ने मामले से पल्ला झाड़ा, कांग्रेस हमलावर
घटना के बाद भाजपा के स्थानीय नेताओं और बड़े बड़े पदाधिकारियों ने मामले में आरोपी से पल्ला झाड़ लिया है। उनका कहना है कि आरोपी का भाजपा से दूर दूर तक नाता नही है न ही वह पार्टी में किसी पद पर कार्य कर रहा है। वही सोशल मीडिया पर उसकी भाजपा नेताओं के साथ कई फोटो सामने आये है।
उसके प्रापर्टी के धंधे में भी भाजपा नेताओं और उनके परिजनो से उसकी पार्टनरशिप की बाते भी की जा रही। वही मामले को लेकर विपक्ष प्रदेश सरकार को जमकर निशाना बना रहा है, घटना पर दुख व्यक्त करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा को निशाना बनाया है।
उन्होने कहा कि नेमावर से जबलपुर तक बेटियों बेटियों पर अत्याचार में आपकी पार्टी के लोगो का सीधा हाथ दिखाई दे रहा है। आप क्या इतने लाचार है कि इन्हे रोक नही पाते या इन्हे रोकना नही चाहते ? सत्ताधारी पार्टी के सरंक्षण में हो रहे अपराध मध्यप्रदेश के लिए सबसे बड़ी आफत बन गये है।
पुलिस विवेचना में कई तथ्य होंगे उजागर
जबलपुर में हुए इस गोली कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, मामले को लेकर विपक्ष भी हमलावर है, वही पुलिस विवेचना और मृतिका के कथन में भी घटना की वजह अब भी रहस्य बनी हुई है।
वही मृतिका के साथ आरोपी के आफिस गई मृतिका की सहेली जो घटना की चश्मदीद है पूरे परिदृश्य से गायब बनी हुई है। पुलिस विवेचना में मामले के कई रहस्यों के सामने आने और कई चेहरे बेनकाब होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
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