(देवरीकलां) सागर, नरसिंहपुर और दमोह जिले की सीमाओं में स्थित नौरादेही अभ्यारण इन दिनों बाघों के बढ़ती संख्या को लेकर खासी चर्चा में है, परंतु अभ्यारण में स्थित ग्रामों में मूलभूत आवश्यकताओं की कमी से जूझ रहे ग्रामीणों पर किसी का ध्यान नही है। नतीजन पानी और बिजली जैसी समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण अब आंदोलन की राह पर है।
ऐसा नही है कि यह इनकी कोई नई समस्या है कई वर्षो से मूलभूत सुविधाओं के आभाव में जीवन यापन कर रहे ये ग्रामीण टाईगर प्रोजेक्ट का लेकर ग्रामों के विस्थापन और नये पुनर्वास का इंतजार कर रहे है। दरअसल अभ्यारण नियमों के कारण उक्त ग्रामों में विद्युत खंबे और लाईने बिछाने के काम पर रोक है।
जिसके कारण ग्रामों के विद्युत की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में गाहे बगाहे विभाग द्वारा सोलर पैनल और विद्युत बल्व उपलब्ध कराये जाते है जो इनकी आवश्यकताओं की पूर्ति तो नही करते परंतु उनके जीवन निर्वाह में सहायक अवश्य सिद्ध होते है।
यही हाल कई ग्रामों में पेयजल व्यवस्था को लेकर है, अभ्यारण की सीमाओं में बसे अधिकांश ग्राम पठारी भूभाग का हिस्सा है जिनमें भूजलस्तर में कमी के कारण ग्रामीणों को पेयजल एवं निस्तारी कार्य के लिए पानी की समस्या को लेकर खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
अधिकांश ग्रामों में ग्रीष्मकाल में नदी नाले सूखने, कुंओ और हेण्डपंप में जलस्तर खत्म होने के बाद पानी समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है और ग्रामीणों को पानी के लिए कई किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। ऐसा नही है कि उक्त ग्रामों में प्रबंधन के लिए निर्वाचित ग्राम पंचायत समितिया नही है परंतु संसाधनों के आभाव और फंड की कमी से जूझती इस पंचायत समितिया इनकी समस्याओं के निदान को लेकर आत्मसमर्पण की मुद्रा में नजर आती है।
अभ्यारण के कई ग्रामों में पेयजल समस्या
वन नियमों के कारण सड़क और बिजली से महरूम अभ्यारण के कई ग्रामों में निवास कर रहे ग्रामीण गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे है अभ्यारण का अधिकांश हिस्से में भूमिगत जलस्तर गहराई पर होना एवं और सख्त सतह एक बड़ी समस्या है। सागर जिले के देवरी विकासखण्ड के अभ्यारण अंतर्गत ग्राम रमखिरिया, झमारा, भर्रई, अरसी, छींद, छिगौड़ा, झमरा सहित दमोह जिले के अभ्यारण अंतर्गत ग्रामों में पेयजल की समस्या गंभीर है।
टाइगर प्राजेक्ट के बाद ग्रामीणों की मुश्किले बढ़ी
नौरादेही अभ्यारण में बाघों को बसाने की सरकार की महत्वकांक्षी योजना ग्रामीणों के लिए खासी समस्या बन गई है, एक और बाघों की हलचल को लेकर उन्हे चौकन्ना रहना पड़ता है वही दूसरी और उनकी समस्याओं को लेकर नौरादेही अभ्यारण और प्रशासन के रवैये में बदलाव भी उनकी मुश्किलों को बढ़ाने वाला है।
देवरी विकासखण्ड के रमखिरिया गांव के ग्रामीणों के मुताबिक अभ्यारण प्रशासन द्वारा उनकी समस्याओं पर ध्यान नही दिया जाता है, ग्रामीणों का कहना है कि अभ्यारण प्रशसन द्वारा विगत 3 वर्ष पूर्व अन्य ग्रामों में ग्रामीणों को घरों के लिए सोलर पैनल प्रदाय किये गये थे परंतु उनके ग्राम को इससे अछूता रखा गया। ग्रामीणों में मुताबिक पानी की समस्या को लेकर वह कई बार प्रशासन को अवगत करा चुके है परंतु कोई निदानात्मक कार्रवाई नही हुई है।
ग्रीष्मकाल में ग्राम में पानी का आभाव है, गांव के 7 हेण्डपंप से 5 बंद हो चुके है वही 2 हेण्डपंप जलस्तर की कमी का सामना कर रहे है, एक कुंये से कुछ ग्रामीणों को ही पानी की आपूर्ति हो पाती है। जिसके कारण ग्रामीणों को 1 किलोमीटर दूर तक खेतों से पीने का पानी लाना पड़ता है।
जाम लगाया तो प्रशासन दिलाया भरोसा पर समस्या जस की तस
विगत 16 मई को ग्राम रमखिरिया में कई वर्षों से चली आ रही बिजली पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा भीम आर्मी की अगुवाई में आंदोलन किया गया, जिसमें महाराजपुर से तारादेही की ओर जाने वाली सड़क को जाम कर दिया गया था। 2 घंटो तक चले इस प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुँचे पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा 3 दिवस में समस्या के निराकरण का भरोसा दिलाया गया परंतु अवधि पूर्ण होने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
प्रदर्शन के दौरान मौके पर उपस्थित अनुविभागीय पुलिस अधिकारी देवरी पूजा शर्मा द्वारा जिला कलेक्टर सागर के मौखिक निर्देश पर बकायदा ग्रामीणों को लिखित आश्वासन के बाद भी समस्या नही सुलझ सकी है। अधिकारियों के मुताबिक ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन द्वारा दूसरे ही दिन ग्राम में बोरिंग मशीन भेजकर बोर खनन कराया गया था परंतु पठारी इलाके में भूजलस्तर आभाव के कारण सफलता नही मिल सकी है।
प्रशासन द्वारा मामले में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक सोलर पेनल और बल्व प्रदाय के लिए संबंधित विभाग को लिखा गया है उम्मीद है जल्द ही ग्रामीणों की विद्युत समस्या हल हो जाएगी।
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