राकेश यादव (देवरीकलाँ) सागर जिले के केसली विकासखण्ड में निर्माणाधीन निवारी जलाशय में वर्षा के दौरान रिसाव होने के कारण ग्रामीण भयभीत है। ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों द्वारा बांध का पिचिंग कार्य पूरा होने के पूर्व ही नाला क्लोजर की कार्रवाई की गई है। जिसके कारण में बांध में पानी भरने के बाद रिसाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। मामले को लेकर निर्माण स्थल पर एकत्र हुए ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और विभाग के एसडीओ को ज्ञापन सौपकर कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला
दर असल सागर जिले के केसली विकासखण्ड के निवारी कलां गांव के समीप जल संसाधन विभाग द्वारा निवारी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना अंतर्गत लगभग 3353 लाख लागत से जलाशय का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिससे विकासखण्ड की 1154 कृषि भूमि की सिंचाई का अनुमान है, विभाग द्वारा विगत 5 वर्षो से अधिक समय के बाद भी ठेका कंपनी की कछुआ कार्य प्रणाली और अधिकारियों की उदासीनता के बाद भी परियोजना कार्य आधा-अधूरा पड़़ा है।
विभाग द्वारा समय पर कार्य पूर्ण न कर पाने के कारण विगत 2 वर्षो से ठेका कंपनी को लगातार एक्सटेंशन दिया जा रहा है, विभाग के मुताबिक ठेका कंपनी को इस माह जुलाई तक कार्य पूण किया जाना था परंतु ठेका कंपनी इसमें फिर असफल रही। इस वर्ष ग्रीष्मकाल के दौरान ही बांध की पार की पिचिंग का कार्य पूर्ण कर लिया जाना था परंतु यह कार्य अब भी आधा अधूरा है ठेका कंपनी द्वारा बांध के निचले भराव वाले हिस्से में तो पिचिंग की गई है परंतु लगभग 30 मीटर में पिचिंग शेष है।
इस दौरान मानसून की आमद के चलते ठेका कंपनी द्वारा नाला क्लोजर की कार्रवाई कर दी गई। जिसके बाद बांध से रिसाव और खेतों में पानी भरने से ग्रामीणों में भारी नाराजगी उत्पन्न हुई है।
खेतों में पानी भरने से फसले हो रही खराब
बांध निर्माण कंपनी द्वारा बांध में एकत्र पानी को नियंत्रित करने के लिए स्लूज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है जो नहरों में जरिये खेतों तक पहुँच रहा है जिसके कारण कई स्थानों पर कच्ची नहरे टूटने से खेत तालाब बन चुके है। खरीफ सीजन की फसले खराब होने से किसानों में खासी नाराजगी है। जिसके चलते निर्माण स्थल पर बड़ी संख्या में किसान एकत्र होकर मामले में ठेका कंपनी और विभाग का विरोध कर रहे है।
विधायक और विभाग के एसडीओ को ज्ञापन सौपा
मामले को लेकर नाराज किसानों ने क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव एवं विभाग के एसडीओ को ज्ञापन सौपकर मामले में ठेका कंपनी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि निर्माणाधीन निवारी बांध में निवारी कलां, निवारी खुर्द, मुहली, केंकरा, कुसमी एवं अमोदा सहित अन्य ग्रामों की भूमि अर्जन की गई थी।
परंतु विगत 6 वर्षो से बांध का निर्माण कछुआ गति से चल रहा है। ठेका कंपनी द्वारा बांध के 20 फीसदी हिस्से में ही पिचिंग की गई है इसके बाद भी नाला क्लोजर कर दिया गया है। बांध में आने वाले दो नालों का पानी एकत्र होने से जल भराव हो चुका है जिससे बांध की मिट्टी का कटाव हो रहा है और बांध फटने से अप्रिय स्थिति होने जन हानि एवं पशु हानि की संभावना है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बांध की पटल भराई में भी ठेका कंपनी द्वारा लापरवाही कर पटल में मुरम एवं पत्थर भरे गये है जिससे बांध की दीवाल कमजोर है। ज्ञापन में बताया गया कि बांध से उत्पन्न स्थिति के कारण निवारी खुर्द, निवारी कलां, चौकी, डुहली आदि में क्षति की संभावना है। मामले में विभागीय एसडीओ प्रशांत मालवीय ने ज्ञापन प्राप्त कर ग्रामीणों को बांध की मजबूती एवं क्षमता को लेकर अश्वस्त किया एवं पिचिंग एवं नहर का कार्य शीघ्र कराये जाने का आश्वासन दिया।
इनका कहना है
मामले में ज्ञापन देने आये ग्रामीणों के बात करते हुए क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव ने मामले में विभाग के उच्च अधिकारियों से बात की एवं प्रशासनिक अधिकारियों को मामले में सर्तकता बरतने और बांध की निगरानी सुनिश्चत करने की व्यवस्था किये जाने की बात कही। उन्होने कहा कि समय पर कार्य पूर्ण होने से किसानों को आपेक्षित लाभ मिलता परंतु अब निर्माण कार्य में हो रही लीपापोती बर्दास्त नही की सकती मामले में विभाग द्वारा उचित कदम उठाया जाए।
मामले के संबंध में विभाग के एसडीओ प्रवीण मालवीय ने बताया कि बांध के निर्माण कार्य में बिलंब के कारण उसे विभाग द्वारा एक्सटेंशन दिया गया है जो जुलाई में खत्म हो रहा है।
बांध में जल भराव की निचली सतह में पिचिंग कार्य हो चुका है ऊपरी हिस्से में शेष है जिसे वर्षाकाल के बाद शीघ्र ही पूर्ण करा लिया जाएगा। उन्होने बताया कि भराव से बांध को किसी प्रकार का खतरा नही है, बांध में जल भराव उसकी क्षमता से 30 फीसदी ही कराया जा रहा है। जल की निकासी के लिए एक गेट खोला गया है जिससे पानी लगातार निकल रहा है, ग्रामीणों की शिकायत के बाद गेट पर जमा हुई मिट्टी को मशीन साफ कराया गया है जिसके बाद पानी तेजी से निकल रहा है।
बांध में पानी का भराव किया जाना एवं उसे खाली कराना एक सामान्य प्रोसेस है जिस पर हमारी नजर बनी हुई है, बांध में एक चौकीदार भी नियुक्त है जो 24 घंटे निगरानी कर रहा है।
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