फूड सेफ्टी अधिकारी के घर ईओडब्लू का छापा, 15 सालों में 600 गुना संपत्ति कमाई

कई बेशकीमती भूखण्डों और आवास के मालिक, शुगर मिल में भी निवेश

EOW raids food safety officer's house, earns 600 times wealth in 15 years
EOW raids food safety officer's house, earns 600 times wealth in 15 years

परसराम साहू (सागर) प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों पर लगातार शिकंजा कसने में लगी ऐजेंसियों की तमाम मशक्कत के बाद भी, भ्रष्ट अधिकारियों के पैसा प्रेम में कोई फर्क नजर नही आ रहा है। शुक्रवार सुबह सागर में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे के गोपालगंज थाना क्षेत्र के द्वारका विहार कालोनी में उनके निवास पर आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) द्वारा छापामार कार्रवाई की गई। शुक्रवार सुबह आठ बजे से समावार लिखे जाने तक जारी है।

ईओडब्‍ल्‍यू के करीब आधा दर्जन कर्मी उनके घर से संपत्ति संबंधी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। गौरतलब है कि अमरीश दुबे सागर में करीब पौने तीन साल से पदस्थ हैं। अमरीश दुबे के जबलपुर और नरसिंहपुर के ठिकानों पर भी की ईओडब्लयू की कार्रवाई की गई है।

ईओडब्ल्यू के डीएसपी एबी सिंह ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत के बाद आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे के जबलपुर और सागर स्थित निवास पर छापा मारा है. दुबे के जबलपुर के स्टार पार्क निवास पर आज सुबह से छापे कार्यवाही कर रही है.प्राथमिक जांच में एजेंसी को अनुपातहीन संपत्ति के सबूत मिलें है.टीम अभी दस्तावेज़ो को खंगाल रही है.

अन्य ठिकानो पर भी कार्रवाई करेगी ईओडब्ल्यू की टीम

जानकारी के मुताबिक अमरीश दुबे लंबे समय तक जबलपुर में पदस्थ रहे हैं. वर्तमान में वह सागर में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पर पर पोस्टेड हैं. प्रारंभिक जांच में खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे के पास आय से 600 प्रतिशत ज्यादा संपत्ति के दस्तावेज मिले. जांच एजेंसी को जबलपुर में दुबे के स्टार पार्क में 90 लाख का आलीशान ट्रिप्लेक्स और एक शुगर मिल में 90 लाख के इन्वेस्टमेंट के दस्तावेज़ का पता चला है. इसी तरह शताब्दीपुरम में 65 लाख की कीमत का 2400 वर्गफीट के प्लॉट के साथ नरसिंहपुर में दो प्लॉट, एक बैंक लॉकर की जानकारी मिली है. नरसिंहपुर में बैंक लॉकर खोलने के लिए जल्द ही ईओडब्ल्यू की टीम जाएगी.

कई करोड़ो तक पहुँच सकता है संपित्त का आंकड़ा

यहां बताते चलें कि अम्बरीष दुबे साल 2008 में सरकारी नौकरी में आये थे. 2011 में उन्हें जबलपुर में खाद्य सुरक्षा अधिकारी की ज़िम्मेदारी मिली थी.कुछ समय पहले उनका तबादला सागर कर दिया गया. फिलहाल उनके ठिकानों पर ईओडब्ल्यू की जांच जारी है. कहा जा रहा है कि अकूत संपत्ति का आंकड़ा कई करोड़ में पहुंच सकता है.

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