बेकाबू हुई सतपुड़ा भवन की आग, सेना के बाद एयर फोर्स बुलाई

प्रदेश की सियासी गर्मी बड़ी कांग्रेस ने लगाया सबूत मिटाने का आरोप

Satpura Bhawan fire uncontrollable, air force called after army
Satpura Bhawan fire uncontrollable, air force called after army

बुन्देली बाबू डेस्क) मध्यप्रदेश सरकार के भोपाल स्थित संचालनालय कार्यालय सतपुड़ा भवन में सोमवार दोपहर 3.30 बजे भीषण आग लग गई। जो देर राात्रि तक भी नहीं बुझाई जा सकी थी। 40 से ज्यादा दमकलें,एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी आग पर काबू नहीं पा सकीं। आग की भयावहता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री से बात करके वायु सेना की मदद मांगी। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी फोन पर बात की है। सीएम ने पीएम को घटना के बारे में पूरी जानकारी दी है।


मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा मदद मांगी है। सीएम शिवराज ने आग के कारणों का पता लगाने के लिए अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा के नेतृत्व में कमेटी भी गठित कर दी है। इस कमेटी में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह और फायर विभाग के एडीजी को शामिल किया गया है। यह कमेटी आग के प्रारंभिक कारणों का पता कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी।

3 माले आग से घिरे कई विभागों के दस्तावेज खाक

दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार के सचिवालय वल्लभ भवन के सामने संचालनालय सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन स्थित हैं। 6 मंजिला ऊंचे सतपुड़ा भवन में सोमवार दोपहर 3.30 बजे अचानक आग देखी गई। सबसे पहले जनजातीय कार्य विभाग के तीसरे माले में बने दफ्तर में आग लगी। इसके बाद विकराल हुई आग की लपटे भवन के चौथे, पांचवें और छठे माले तक पहुंच गई। चौथे माले में मध्य प्रदेश सरकार का प्रमुख स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय है। इस कार्यालय में कई अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में हुई शिकायतों संबंधी फाइलें रखी गई है। आग में ये फाइलें जलकर खाक हो गई हैं। इसके अलावा कई अन्य फाइलें भी जलकर खाक हो गई हैं।
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कांग्रेस का आरोप घोटालों को दबाने आग लगाई गई

कांग्रेस नेता अरुण यादव, जीतू पटवारी, के के मिश्रा, पीसी शर्मा सहित कई नेताओं ने सरकार साजिशन आग लगाने की आशंका जताई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आग जानबूझकर लगाई गई है, ताकि घोटालों को दबाया जा सके। कांग्रस प्रवक्ता के के मिश्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैंने तो पहले की आशंका जता दी थी कि सरकारी कार्यालयों में दस्तावेजों को खुर्द बुर्द करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। अब जबकि चुनाव का समय करीब आ गया है। अब हार का खतरा मंडरा रहा है तो सरकार अपने सभी काले राजों को दफनाना चाहती है।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सभी घोटाले स्वाहा, आदिम जाति कल्याण विभाग के घोटाले स्वाहा, कोविड घोटाला स्वाहा, व्यापंम घोटाला स्वाहा, शिवराज सरकार के 220 महीनों के शासन में 225 घोटाले स्वाहा, तमाम ज्ञात अज्ञात घोटाले स्वाहा कर दिए गए हैं।

काग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि ये आग पहली बार नही लगी है हर बार विधानसभा चुनाव के पहले आग क्यो लगती है, इससे पहले 17 सितम्बर 2018 को आग लगाई गई थी। उन्होने आरोप लगाया कि इस आग में 50 प्रतिशत कमीशन के भृष्टाचार के सबूतों को जलाया जा रहा है। क्या मुख्यमंत्री से नही पूछा जाना चाहिए कि पिछली बार लगी आग में कौन दोषी पाया गया किस पर अपराध कायम हुआ किस पर कार्रवाई हुई। एक बार फिर आग लग गई अब ये किसने लगाई क्यो लगाई।

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