बुन्देली बाबू डेस्क) मध्यप्रदेश में आफ्रिकन चीतो को बसाने के लिए कूनो नेशनल पार्क में शुरू हुई मुहिम एक के बाद एक लग रहे झटको से डगमगाती नजर आ रही है। मंगलवार दोपहर पार्क से एक और बुरी खबर सामने आई है. कूनो में बाड़े में बंद एक और नर चीते की मौत हो गई है।
मंगलवार को घायल अवस्था में पाये जाने के बाद उसके उपचार के दौरान ही नर चीता तेजस ने दम तोड़ दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मुहिम की मॉनिटरिंग टीम को तेजस घायल अवस्था मे मिला था, जिसके बाद मॉनिटरिंग टीम ने इलाज किया था, लेकिन उपचार के बाद भी चीते की जान नहीं बचाई जा सकी. बताया जा रहा है कि घंटो तक बेहोश रहा था.
वहीं चीते तेजस की मौत के बाद अब तक कूनो नेशनल पार्क मे 4 चीते ओर 3 शावकों की हो चुकी हे मौत. बता दें कि चीता तेजस उन चीतों में शामिल है, जिन्हें साउथ अफ्रीका से लाया गया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार साउथ आफ्रिका से लाया गया तेजस चीता पार्क में बने बाड़े में अकेला ही था। सुबह उसके गले पर चोट के निशान पाए गए थे, हालाकि चोट कैसे लगी इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नही की गई है। इसके बारे में कूनो डीएफओ पीके वर्मा का कहना है कि इसकी जांच की जा रही है क्योंकि बाड़े में साथ में कोई चीता नहीं था, इस समय केवल पांच चीते ही बाड़ों में हैं, जो कि अलग-अलग हैं।
कूनो प्रबंधन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सुबह लगभग 11 बजे मॉनिटरिंग टीम द्वारा नर चीता तेजस (बोमा क्रमांक 6) की गरदन के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान देखे गए। इसकी सूचना मॉनिटरिंग टीम द्वारा पालपुर मुख्यालय पर उपस्थित वन्य प्राणी चिकित्सकों को दी गई। वन्य प्राणी चिकित्सकों द्वारा मौके पर जाकर तेजस चीते का मुआयना किया और प्रथम दृष्टया घावों को गंभीर पाया।
कूनो नेशनल पार्क में 4 चीतो एवं 3 शावकों की मौत
इसके बाद तेजस को बेहोश कर उपचार करने के लिए अनुमति प्राप्त कर तैयारी के साथ चिकित्सकों का दल मौके पर रवाना हुआ। लेकिन जब टीम 2 बजे पहुंची तो नर चीता तेजस मृत पाया गया। चीता तेजस को लगी चोटों के संबंध में जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में चार चीते और तीन शावकों समेत अब तक 7 चीतों की मौत हो चुकी है।
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