(बुन्देली बाबू डेस्क) मध्यप्रदेश के इतिहास के सबसे रहस्यमय और चर्चित व्यापम कांड का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। ताजा मामला विगत वर्ष संपन्न हुई पटवारी भर्ती परीक्षा के हाल में ही आये परिणामों को लेकर उठ रही आशंकाओं और गंभीर अनियमिताओं के आरोपों को लेकर है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित इस परीक्षा के परिणामों की टॉपर सूची में प्रदेश के एक ही कालेज के 7 परीक्षार्थी के नाम दर्ज है जिसके बाद परीक्षा के परिणामों और उसे संपन्न कराने वाली ठेका कंपनी को लेकर सवाल उठाये जा रहे है। मामले को लेकर सबसे अधिक सक्रिय कांग्रेस नेता अरूण यादव ने मामले में प्रदेश सरकार को जमकर घेरा है।
अपने अधिकृत ट्विटर हैडिंल से पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाले की आशंका जताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. अरुण यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि व्यापम का नाम बदलने से उसकी कार्यप्रणाली नहीं बदली जा सकती।
मध्य प्रदेश व्यापाम का नाम भले ही बदलकर मप्र कर्मचारी चयन मंडल भोपाल कर दिया गया हो लेकिन परीक्षाओं में गड़बड़ी और घोटाले के आरोप लगने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला एमपी पटवारी भर्ती से जुड़ा है। ग्वालियर के कथित बीजेपी नेता के एक कॉलेज में परीक्षा देने वाले अधिकांश आवेदकों का एक ही सेंटर और मेरिट सूची में नाम आने से नया विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता अरुण यादव ने पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है।उन्होंने एक बार फिर व्यापमं में घोटाले की आशंका जताई है और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
मेरिट लिस्ट सामने आई तो गरमाया मामला
पटवारी भर्ती परीक्षा वर्ष 2022 के परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 की मेरिट लिस्ट आई, जिसकी आशंका थी वो सच हुई। टॉप 10 में से 7 बच्चों का सेंटर एनआरआई कॉलेज ग्वालियर है, 9 हज़ार चयनित अभ्यर्थियों में से लगभग 1 हज़ार चयनित अभ्यर्थियों का सेंटर एनआरआई कॉलेज था।
ज्यादातर टॉपर्स के हस्ताक्षर हिंदी में है व उनके इंग्लिश में 25/25 आये हैं।एक और अन्य ट्वीट में अरुण यादव ने लिखा है कि एक ही सेंटर से इतने टॉपर्स का आना, लगभग सबके हिंदी में हस्ताक्षर होना घोटाले की शंका को गहरा कर रहा है । शिवराज जी व्यापम का नाम बदलने से घोटाले बन्द नहीं होते उसके लिए कार्यवाही करना पड़ेगी ।इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं क्योंकि इसमें भी घोटाला हुआ है ।
पूर्व में भी जताया था अंदेशा लगाये थे आरोप
इससे पहले भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण यादव ने अपने बयान में कहा था कि पटवारी परीक्षा हो रही है, उसके परिणाम आ गए हैं, इसमें एक बड़ी चौंकाने वाली बात आई है कि ग्वालियर के निजी कॉलेज के कई बच्चे मेरिट लिस्ट में आए हैं। जिस तरह से व्यापमं का घोटाला मध्य प्रदेश में आया था उसके बाद ग्राम सेवक की परीक्षा मध्य प्रदेश में हुईं थी उसमें भी महा घोटाला किया गया था। अब सरकारी परीक्षा में भी बड़ा घोटाला सामने आया है। जिस कॉलेज बच्चे टॉपर आए हैं भारतीय जनता पार्टी के संबंधित कार्यकर्ता का कॉलेज है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, हाल ही में पीईबी द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 का रिजल्ट जारी किया गया था, लेकिन रिजल्ट आने के बाद कर्मचारी चयन मंडल टॉप 10 मेरिट लिस्ट जारी नहीं की है। इतना ही नहीं एक ही सेंटर के 3 छात्र मेरिट में भी आए हैं । दिलचस्प बात तो यह है कि संयुक्त परीक्षा की इतने कठिन पेपर में अन्य परीक्षा केंद्रों के आवेदक जहां 140 नंबर नहीं ला पाये, वहीं कथित तौर पर ग्वालियर के इस परीक्षा केंद्र के आवेदकों ने 180 नंबर तक हासिल कर लिये हैं। तमाम तरह के स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया में दिख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि जो आवेदक अंग्रेजी में हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे, उनके 160 से अधिक नंबर आए हैं और यह सभी आवेदक ग्वालियर के एक ही परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने पहुंचे थे।
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