(देवरीकलाँ) विगत मंगलवार शाम देवरी रहली मार्ग पर अनियंत्रित डंफर ने बाईक सवारों को टक्कर मार दी जिससे डंफर की चपेट में आने से दोनो की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। उक्त युवक भाजपा द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा में शामिल होकर दमोह से वापिस से लौट रहे थे उसी दौरान परासिया ग्राम के समीप उन्हे डंफर ने रौंद दिया।
मामले में रहली थाना पुलिस द्वारा प्रकरण संज्ञान में लेकर कार्रवाई की गई है। मामले को लेकर मृतकों के परिवार जनों में भारी नाराजगी है और इसी के चलते उन्होंने बुधवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव देवरी लाकर स्थानीय सिविल लाईन चौराहे पर शव रखकर प्रदर्शन किया एवं मृतक के आश्रितों को मुआवजे की मांग की।
घटना स्थल पर ही बाईक सवारों ने दम तोड़ा
परिजनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक गोविंद जाटव निवासी कौशल किशोर वार्ड एवं किशोरी पटैल निवासी बेलढाना मंगलवार सुबह भाजपा द्वारा आयोजित तिरंगा बाईक रैली में शामिल होने गये थे। रैली की अगुवाई केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा
के क्षेत्रीय सांसद प्रहलाद पटैल द्वारा की गई थी।
शाम को लगभग 6 बजे जब वह वापिस घर लौट रहे थे उसी दौरान देवरी रहली मार्ग पर ग्राम परासिया के समीप सामने से आ रहे डंफर क्रमांक एमपी 15 एचए 2297 ने उनकी बाईक क्रमांक एमपी 15 एमडब्लू 1308 को सामने से टक्कर मार दी जिससे वह बाईक गिरकर डंफर के पहियों की चपेट में आ गये जिससे घटना स्थल पर उनकी मौत हो गई।
मामले में रहली थाना पुलिस द्वारा प्रकरण संज्ञान में लेकर डंफर को जब्त कर कार्रवाई आरंभ कर दी है। मामले में पुलिस द्वारा शवों के पंचनामा एवं पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को परिजनों को सौप दिये थे।
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आक्रोशित परिजनों ने सड़क पर लगाया जाम
घटना को लेकर आक्रोशित परिजनो एवं नागरिकों ने स्थानीय सिविल लाईन चौराहे पर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के सामने
सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया एवं जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी मृतक के आश्रितों को मुआवजे एवं सरकारी नौकरी दिये जाने की मांग कर रहे थे ताकि उनका भरण पोषण संभव हो सके।
प्रदर्शन के दौरान लगभग 3 घंटे तक सड़क जाम रही और पुलिस द्वारा रूट डायवर्ट कर ट्रेफिक को निकालने में मशक्कत करनी पड़ी। सूचना के बाद घटना स्थल पर पहुंची तहसीलदार देवरी प्रीति रानी चौरसिया। और एसडीओपी शशिकांत सरयाम ने मृतकों के परिजनों को रेड क्रॉस मद से 50- 50 हजार रुपए की नगद राशि एवं नगर पालिका में मृतक गोविंद जाटव की पत्नी को नौकरी देने एवं किशोरी पटेल के परिजनों को जनपद पंचायत सीईओ द्वारा कर्मकार मंडल से 4 लाख रुपए की सहायता राशि आश्वासन देने के बाद चक्का समाप्त किया गया।
चक्का जाम और हंगामा को काबू में करने के लिए देवरी महाराजपुर गौरझामर पुलिस थानों का पुलिस बल तैनात किया गया था।
राजनैतिक रैलियों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी
राजनैतिक पार्टियों द्वारा आयोजित रैलियों एवं सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए एकत्र किये जाने वाले ग्रामीणों को लेकर सुरक्षा मानकों को सतत अनदेखी उजागर हो रही है। विगत वर्षों में प्रदेश भर में आयोजित रैलियों एवं सभाओं में पार्टी वर्करों सहित प्रशासन द्वारा जुटाई गई भीड़ में शारीरिक सुरक्षा एवं आर्थिक संरक्षण का आभाव सामने आया है।
विगत दिवसों में मध्यप्रदेश में आयोजित कई रैली और राजनैतिक सभाओं सहित धार्मिक सत्संगों में सुरक्षा मानकों के आभाव के चलते कई व्यक्ति काल कलवित हुए, यातायात बाधित हुआ और जान सामान्य को भी असज स्थितियों का सामना करना पड़ा। परंतु आश्चर्य है कि मीडिया सहित जागरूक वर्ग की प्रतिक्रियाओं में इसे सिर्फ प्रशासनिक नाकामी मानकर प्रशासन को ही आलोचना का केन्द्र माना गया।
और अपने रसूख के कारण आयोजक साफ बच निकले परंतु ऐसे मामलों में शिकार हुए व्यक्तियों और उनके आश्रितों के विषय में किसी ने ध्यान देने की जहमत नही उठाई। इन कार्यक्रमों के दौरान या उससे लौटते समय हुई दुर्घटनाओं में उनके परिवार के मुखिया के असामयिक निधन के बाद उनके परिवार के भरण पोषण की समस्याओं और उनके भविष्य को लेकर गंभीरता से विचार नही किया गया जो ऐसे आयोजन पर सवालिया निशान है।
ऐसा नही है कि ऐसे आयोजन विगत कुछ ही समय में किये गये है पूर्व में भी ऐसे आयोजनों के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आये है। विगत 2017 में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सागर में रविदास कुंभ का आयोजन किया गया था। जिसके आयोजन के बाद यात्रियों को लेकर लौट रही बस बस पलटने से देवरी विकासखण्ड के ग्राम सिलारी निवासी 4 व्यक्तियों एवं बिजौरा निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
एवं इस दुर्घटना में कई लोग घायल हुए जिसमें कुछ व्यक्तियों में स्थाई विकलांगता और शारीरिक अक्षमता के मामले सामने आये थे। घटना के तत्काल बाद भी पीड़ित परिजनों एवं ग्रामीणों की भारी नाराजगी सामने आई थी और उनके द्वारा देवरी में राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलाईन सड़क जाम कर दी गई थी।
परंतु प्रशासनिक आश्वासनों और राजनैतिक प्रति़द्वन्ता के मध्य फँसे पीड़ित के परिजनों को उनके वास्तविक हक की भारपाई आज दिनांक तक नही हो सकी। उक्त मामले में हुए प्रदर्शन और जाम मामले में पुलिस द्वारा क्षेत्रीय विधायक सहित अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण भी दर्ज किया गया था।
ऐसे आयोजनों के लिए गाइड लाईन आवश्यक
ऐसे राजनैतिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए जुटाई जाने वाली भीड़ को लेकर शासन द्वारा एक गाइड लाईन बनाया
जाना बेहद आवश्यक है। आयोजनो को लेकर सुरक्षा मानकों का निर्धारण एवं उसमें शामिल होने वाले व्यक्तियों के दुर्घटना
में शिकार होने की दशा में उनके आश्रितों को आर्थिक सुरक्षा के लिए भी स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये जाने आवश्यक है।
ऐसे आयोजनों में शामिल होने वाले व्यक्तियों को बीमा कव्हर देकर भी इन स्थितियों के लिए बेहतर विकल्प खोजे जा सकते है।
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