(बुन्देली बाबू) प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जिले में लोकायुक्त ने बुधवार को पीएचई की सहायक यंत्री को सरकारी कार्यालय में 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। उक्त कार्रवाई विभाग के ठेकेदार द्वारा की गई शिकायत के बाद की गई। शिकायतकर्ता ठेकेदार ने विगत वर्ष 2020 में जल जीवन योजना के तहत घट्टिया ब्लाक के झीतरखेड़ी व कालूखेड़ी में पानी की टंकियां बनाई थी, नल लगाए थे। परंतु विभाग में अटके भुगतान के लिए रिश्वत की मांग की जा रही थी जिसके बाद उसके द्वारा लोकायुक्त की शरण ली गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संबंधित ठेकेदार द्वारा जिले के घट्टिया ब्लाक के झीतरखेड़ी व कालूखेड़ा में कुल 80 लाख रुपये का काम किया था। काम छह माह की बजाय चार माह विलंब से दस माह में पूरा किया था। मगर अधिकारियों ने उसका अंतिम भुगतान दस लाख रुपये रोक दिया था। इसे देने के एवज में सहायक यंत्री ने अधीक्षण यंत्री के नाम पर घूस की मांग की थी।
कार्रवाई के संबंध में लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि अक्षय पाटीदार निवासी क्षीरसागर पेशे से सिविल इंजीनियर है। पाटीदार मानश्री के नाम से फर्म संचालित करता है। शिकायतकर्ता अक्षय पाटीदार का आरोप है उसने अपनी फार्म मानसीश्री के नाम से ग्राम कालूखड़ी और झीतर खेड़ी मे जल जीवन मिशन मे 2020 मैं ठेका लिया था जो 2021 में 4 माह के विलंब से पूरा किया विलंब अवधि का निराकरण कराने के एवज में अपने वरिष्ठ अधिकारी एवम स्वय के नाम पर रिश्वत की मांग की जा रही थी
सीएम हेल्पलाईन पर की थी शिकायत
शिकायतकार्त ठेकेदार का कहना है कि वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन व विभागीय विलंब के कारण काम छह माह के बजाए दस माह में पूरा किया था। इस कारण अधिकारियों ने उसका अंतिम भुगतान दस लाख रुपये रोक दिया था। तीन साल से भुगतान के लिए पाटीदार परेशान हो रहा था। उसने सीएम हेल्प लाइन पर भी शिकायत कर दी थी। परंतु शिकायत लेवल चार पर शिकायत पहुंचने के बाद भी अधिकारी ठेकेदार का भुगतान करने को तैयार हुए थे। मगर पीएचई की सहायक यंत्री ने भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग की थी।
कार्रवाई से अधीनस्थ भी खुश
लोकायुक्त की कार्रवाई को लेकर पीएचई कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी खुश नजर आए। एक कर्मचारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि वह तीस साल से नौकरी कर रहा है। मेडम ने सभी कर्मचारियों को भी परेशान कर दिया था। डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार महिला अधिकारी ने अधीक्षण यंत्री के नाम पर रुपये की मांग की थी। हालांकि अधीक्षण यंत्री पर जांच के बाद ही कोई कार्रवाई होगी। कार्रपवाई में उप पुलिस अधीक्षक राजेश पाठक, उप पुलिस अधीक्षक श्री सुनील तालान हितेश, नीरज ,श्याम शर्मा, इसरार सहित लोकायुक्त का 12 सदस्यों का दल शामिल था।
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