राकेश यादव (देवरीकलाँ) विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता के दौरान भी सागर जिले की कई मदिरा दुकानों पर शासन द्वारा तय दर से अधिक दामों पर शराब का विक्रय किया जा रहा है। सुराप्रेमियों के साथ हो रही इस खुली लूट पर आबकारी विभाग की घनघोर चुप्पी रहस्यमय है। विभाग के अधिकारियों द्वारा स्टॉक की नियमित चेकिंग के दौरान भी नियम विरूद्ध मदिरा का महंगे दामों पर विक्रय जारी रहता है। न तो दूकानों पर शासन द्वारा निर्धारित दरों की रेट लिस्ट चस्पा है न ही क्रेता को किसी प्रकार की रसीद प्रदान की जा रही है।
दरअसल विगत मंगलवार दोपहर आबकारी विभाग द्वारा शिकायत के बाद गौरझामर शराब दूकान का स्टॉक चेक किया गया था विभाग द्वारा दुकान का शटर बंद की गई यह जांच कार्रवाई कई सवालों को पीछे छोड़ गई। विभाग का अमला जांच के दौरान दूकानदार द्वारा की गई त्रुटियों को नजरअंदाज करता रहा और बाद में विभाग की महिला अधिकारी मीडिया को सब कुछ नियम संगत होने का दावा भी करती रही।
लगभग 2 घंटे तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद दूकान को क्लीन चिट दी गई। परंतु दूकान में रेट लिस्ट चस्पा न होने, सुराप्रेमियों से तय दर से अधिक दर पर शराब के विक्रय सहित उन्हे रसीद न दिये जाने जैसी गंभीर विसंगतिया उन्हे नजर नही आई।
सागर जिले में प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति और निर्देश बेअसर है, लंबे अरसे बाद भी जिले की अधिकांश कम्पोजिट शराब दूकानों पर न तो रेट लिस्ट है न ही रसीद काटी जा रही है, न ही ऑनलाईन भुगतान पेमेंट की व्यवस्था है। नतीजन जिले के सुराप्रेमी दूकानों पर अवैध वसूली का शिकार हो रहे है।
पूर्व में विभाग द्वारा इस बेजा वसूली को लेकर जिले की 4 दूकानों पर कार्रवाई कर उन पर जुर्माना भी लगाया गया था परंतु
बाद इस मुद्दे को लेकर विभाग चुप्पी साधे हुए है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के निर्देश बेअसर
आबकारी विभाग द्वारा कम्पोजिट दूकान लाईसेंस धारकों को शराब विक्रय संबंधी तय किये गये नियम ग्रामीण क्षेत्रों में बेअसर साबित हो रहे है। विभाग के अधिकारियों के नियमित निगरानी के दावों के विपरीत सागर जिले की अधिकांश ग्रामीण दुकानों पर न तो रेट लिस्ट लगाई गई है न ही दूकानों पर ग्राहकों को रसीद प्रदान की जा रही है। निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी विभाग की यह विसंगति लगातार जारी है।
जिले की ग्रामीण दूकानों पर देशी और विदेशी ब्रांडों की शराब शासन द्वारा निर्धारित दर से बहुत ज्यादा कीमत पर विक्रय
की जा रही है। शराब खरीदारों के मुताबिक कम्पोजिट दूकानों पर उनसे ऑनलाईन भुगतान नही लिया जा रहा है।
ऐसे मामलों में आबकारी विभाग के वरिष्ठ कार्यालय द्वारा दूकानों पर आबकारी अधिकारियों के नंबर चस्पा किये जाने के सख्त निर्देश है परंतु जिले की दूकानों पर तैनात जिम्मेदार अधिकारियों के न तो नंबर नजर आते है न ही उनके नियमित निगरानी दौरों की जानकारी ग्राहकों को हो पाती है।
शराब दुकानों पर सुराप्रेमियों से हो रही अवैध मनमानी वसूली के खिलाफ विभाग की कार्रवाई के बाद अब व्यवस्था में सुधार की संभावना निर्मित हुई है।
विभाग द्वारा तय किये गये है अधिकतम-न्यूनतम मूल्य
नई आबकारी व्यवस्था में विभाग द्वारा जिले में अधिकतम और न्यूनतम मूल्य निर्धारित किये गये है, जिसमें स्पष्ट है कि शराब के अधिकतम मूल्य से अधिक दर और न्यूनतम मूल्य से कम दर पर विक्रय करने पर लाईसेंस धारक के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
परंतु जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की दूकानों पर निर्धारित अधिकतम मूल्य से अधिक दर पर शराब विक्रय किया जा रहा है, इसी को छुपाने के लिए न तो दुकानों पर रेट लिस्ट चस्पा की गई है न ही ग्राहकों से ऑनलाईन पेमेंट की व्यवस्था है और न ही उन्हे रसीद दी जा रही है। जिले में देशी मसाला मदिरा लाल के 180 एमएल के लिए विभाग द्वारा अधिकतम मूल्य 90 रूपये एवं न्यूनतम मूल्य 78 रूपये निर्धारित किया गया है।
इसी प्रकार देशी प्लेन शराब के 180 एमएल के लिए अधिकतम मूल्य 65 रूपये और न्यूनतम मूल्य 55 रूपये निर्धारित है परंतु इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों में दोनो प्रकार के शराब क्वाटर 100 रूपये से अधिक पर विक्रय किये जा रहे है। इसी प्रकार प्रचलित अंग्रेजी शराब एवं विदेशी शराब की दरों में भी भारी अंतर पर विक्रय कर अवैध वूसली की जा रही है।
विभाग की नियमित निगरानी पर सवाल
आबकारी विभाग द्वारा लाईसेंसधारी शराब दूकानों के स्टॉक मिलान तथा विक्रय की निगरानी नियमित व्यवस्था लागू है, विभाग द्वारा दूकानों के माल उठाव और भंडारण पर भी सतत निगरानी रखी जाती है। ऐसे में ये कैसे संभव है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शराब ठेकेदारों की इस नियम विरूद्ध वसूली और मनमानी से अनभिज्ञ बने रहे।
दर असल शराब ठेकेदारों के राजनैतिक रसूख और दबंगी के कारण न तो सुराप्रेमी इनकी इस अवैध वूसली के विरूद्ध आवाज उठा पाते है न ही विभाग के जमीनी अधिकारी इस गोरखधंधे पर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा पाते है। विभाग द्वारा जिले में सुराप्रेमियों से हो रही अवैध वसूली के विरूद्ध की गई कार्रवाई के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति सुधार की संभावनाओं को बल मिला है।
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