(बुन्देली बाबू डेस्क) बाबा महाकाल की नगरी और मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी उज्जैन को लेकर विगत दो वर्षो से चला आ रहे मिथक आज समाप्त हो गया। जन सामान्य में ये धारणा वर्षो से चली आ रही थी कि उज्जैन के राजा बाबा महाकाल है जिसके चलते उनकी नगरी में कोई और राजा रात्रि में नही रूक सकता।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने उज्जैन में अपने निवास पर रात्रि विश्राम कर इस मिथक को तोड़ दिया है। माना जाता है कि कोई भी सीएम उज्जैन में रात्रि विश्राम नहीं करता है, ऐसा इसलिए कि उज्जैन के राजा बाबा महाकाल हैं। सीएम यादव का कहना है कि मैं उज्जैन का बेटा हूं और बाबा महाकाल मेरे पिता हैं। मैं महाकाल के मुख्य सेवक के रूप में काम कर रहा हूं, ना कि सीएम के रूप में।
मोहन यादव ने तोड़ा मिथक
सीएम मोहन यादव ने उज्जैन में एक जनसभा में कहा कि रात न बिताने के मिथक को तत्कालीन राजा दौलत राव सिंधिया ने बनाया था। राजा महादजी सिंधिया के निधन के बाद दौलत राव सिंधिया राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे। वे 1812 में राजधानी ले भी गए, मगर धीरे से एक मंत्र फूंक गए कि यहां कोई राजा रात को नहीं रहेगा, जिससे कोई कब्जा करने नहीं आए। यह उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था।
बताया क्यों रुके उज्जैन में
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अब हम भी कहते हैं कि राजा रात में नहीं रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि अरे राजा तो बाबा महाकाल हैं, हम सब तो उनके बेटे हैं। क्यों रात में नहीं रहेंगे। ब्रह्मांड में कोई बच नहीं सकता, अगर बाबा महाकाल ने टेढ़ी निगाह कर दी तो। मुझे पीएम मोदी ने कहा कि बनारस मैं संभालता हूं, मोहन जी, आप तो उज्जैन संभालो। मैं मुख्यमंत्री नहीं मुख्य सेवक हूं यहां पर।
सीएम यादव ने सुबह अधिकारियों की बैठक ली
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव रविवार सुबह उज्जैन के विकास के एजेंड को लेकर विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन में बैठक ली। तैयारियों को लेकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जिले में स्वीकृत, प्रचलित और प्रस्तावित योजनाओं का फोल्डर तैयार करवाया था।
मालूम हो कि मध्य प्रदेश के सीएम के बनने के बाद पहली बार डा. मोहन यादव ने उज्जैन में कोई प्रशासनिक स्तर पर की बैठक की। उज्जैन, उनका गृह नगर है और वे यहां के इतिहास, भूगोल और लोगों की जरूरत से भली-भांति वाकिफ हैं। बीते 10 वर्षों में अधिकांश योजनाएं उन्हीं के प्रयासों से बनीं।
अधिकांश धरातल पर उतरी और कुछ विशेष कारणों से लंबित रह गईं और बंद भी पड़ गईं। अब चूंकि वे ही प्रदेश के मुखियां हैं, ऐसे में उज्जैन में काम अब और अधिक सुगमता एवं शीघ्रता से होने की उम्मीद शहरवासियों में बंधी है।
महाकाल सवारी मार्ग चौड़ा किया जाएगा
उम्मीद, आवास मिशन, जल जीवन मिशन, अमृत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन के रूके-अधूरे कार्यों को पूरा कराने, शहर की सड़कों को जाम से मुक्त रखने को 8500 करोड़ रुपये के ग्रीन ट्रैफिक मोबिलिटी प्लान लागू कराने, शिप्रा शुद्धिकरण के लिए स्वीकृत कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना, एयरपोर्ट, रोप-वे, आइआइटी इंदौर का सैटेलाइट कैम्पस, हरिफाटक पुल की चारों भुजाओं का दोहरीकरण, मेडिकल डिवाइस पार्क, सरकारी मेडिकल कालेज, फ्रीगंज समानांतर पुल का निर्माण और महाकाल सवारी मार्ग चौड़ीकरण शुरू कराने की है।
इसके अलावा विक्रम उद्योगपुरी के 39 उद्योगों का संचालन जल्द शुरू कराने की है, ताकि अच्छा रोजगार पाकर लोग अपना जीवन स्तर ऊंचा उठा सकें। इधर, अफसरों ने उज्जैन को सीएम का शहर होने के नाते इसे विश्वस्तरीय एक आदर्श शहर बनाने की दिशा में भी काम शुरू कर दिया है। अमले को हिदायत दी गई है कि यहां जो भी काम हो गुणवत्ता के साथ टिकाऊ और खुबसूरत हों। सारे काम समय सीमा में हों।
Leave a Reply