(बुन्देली बाबू डेस्क) मध्यप्रदेश में भाजपा के मोहन यादव मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र की महिला मंत्री प्रतिमा बागरी जनचर्चा का केन्द्र है. दरअसल पार्टी के वरिष्ठ और प्रदेश के दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर मंत्रीमंडल में जगह पाने वाली प्रतिमा पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बनी है. भाजपा संगठन के लिए कार्य कर चुकी प्रतिमा की पार्टी के प्रति निष्ठा को इसकी वजह बताया जा रहा है.
सोमवार को घोषित हुए मोहन सरकार के मंत्री मण्डल की सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम सतना के रैगांव से पहली बार विधायक बनीं प्रतिमा बागड़ी का है। प्रतिमा मध्यवर्ग की परिवार में पैदा हुई हैं। प्रतिमा विधायक बनने से पहले महिला मोर्चा महामंत्री भी रहीं है और उन्होंने संगठन में काम किया है। इस बार भाजपा ने उन्हें रैगांव विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरा था। प्रतिमा का जन्म अप्रैल 1988 में हुआ था।
दरअसल, प्रतिमा बागरी विंध्य क्षेत्र सतना जिले की रैगांव सीट से विधायक है। साथ ही उनको सांसद गणेश सिंह के करीबियों में से एक माना जाता है। पहली बार ही विधायक बनी प्रतिमा बागरी को एमपी में नई बन रही कैबिनेट में मंत्री बनने का मौका मिला है। उन्होंने इसका श्रेय पार्टी के प्रति निष्ठा को बताया है।
उप चुनाव हारने के बाद की जोरदार वापसी
प्रतिमा बांगरी को प्रदेश में वर्ष 2021 में सतना की रैगांव विधानसभा सीट में हुए उप चुनाव में बीजेपी द्वारा प्रत्याशी बनाया गया था परंतु उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा था। जिसके बाद से उन्होने क्षेत्र में अपनी सक्रियता बरकरार रखह और 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जोरदार वापसी करते हुए अपनी प्रतिद्वंदी कांग्रेस की सिटिंग विधायक कल्पना वर्मा को 41 हजार से अधिक वोटों से हराते हुए विधायक बनी अब इनका नाम नए सीएम मोहन यादव की कैबिनेट में मंत्री पद के लिए आगे आ गया है।
खेती को बताया आय का साधन
निर्वाचन आयोग में दिए गए एफिडेविट में प्रतिमा ने अपनी संपत्ति 6 करोड़ रूपये से अधिक बताई गई है। अपनी आय व्यवसाय खेती को बताया था। उन्हें पहली बार विधायक बनने के साथ मंत्रिमंडल में बतौर राज्य मंत्री शामिल किया जा रहा है।
मंत्री बनाये जाने पर दिया निष्ठा और ईमानदारी का संदेश
दूसरी बार में रैगांव से विधानसभा चुनाव जीती प्रतिमा बागरी पहली बार में ही मंत्री बनने जा रही है। इस पर उन्होंने कहा कि बीजेपी एक संगठन है। कब किस छोटे से कार्यकर्ता को कहा पहुंचा दे उस कार्यकर्ता के अंदर काम करने का भाव होना चाहिए। पार्टी के लिए इमानदारी से काम करना चाहिए और हर परिस्थिति में पार्टी के साथ होना चाहिए। इसी का परिणाम है कि मैं यहां हूं। निष्ठा और ईमानदारी से हमें पार्टी का काम किया है और कार्यकर्ताओं के बीच रही हूं। अपने क्षेत्र को भी नहीं छोड़ा है।
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