(बुन्देली बाबू डेस्क) भारतीय कुश्ती जगत में विगत लंबे समय से चल रही पहलवानों की जंग रूकने का नाम नही ले रही, कुश्ती संघ के गलियारों से शुरू हुआ ये दंगल अब कानून की चौखट और सड़को तक पहुँच चुका है। गंभीर आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष के विरोध में लामबंद पहलवान एक के बाद एक अपने अवाार्ड लौटा रहे है। बजरंग पुनिया के बाद रेसलर विनेश फोगाट ने भी आज अपने अवार्ड वापिस कर दिया।
अपना अर्जुन अवार्ड और खेल रत्न अवॉर्ड करने वाली रेसलर विनेश फोगाट एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकीं है। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध में लंबे समय से चल रही लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली विनेश ने कुछ दिन पहले अवॉर्ड लौटाने का एलान किया था. आज वह अपना अवॉर्ड लौटाने प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर जा रही थीं परंतु पुलिस द्वारा उन्हें रास्ते में रोका गया जिसके बाद उन्होंने अपने अवॉर्ड को कर्तव्य पथ के बैरिकेड्स के पास रख दिया और वापिस लौट गई। जिसके बाद पुलिस द्वारा अवार्ड को कस्टडी में ले लिया गया है।
खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापिस लौटाये
रेसलर विनेश फोगाट जब अपना अवॉर्ड लौटाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर निकली तो उनके साथ कई खिलाड़ी एवं समर्थक उनके साथ चल रहे थे। रास्ते में विनेश को बड़ी संख्या में तैनात पुलिस द्वारा रोका गया इस दौरान पुलिस के इस व्यवहार को लेकर उनकी बहस भी हुई। बाद में विनेश कर्तव्य पथ पर अवार्ड रखकर वापिस लौट आई। वह पुलिस यह कहते हुई सुनी गई कि उनके अवॉर्ड को वे लोग पीएमओ पहुंचा दें.महिला कुश्ती में देश के झंडे फहराने वाली विश्व चैम्पीयन विनेश को साल 2016 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. साल 2020 में उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड मिला था.
प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था पत्र
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से सीधे जंग लड़ रही विनेश फोगाट ने 26 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखाकर अवॉर्ड लौटाने की बात कही थी. पत्र में विनेश ने लिखा था कि उन्हें मिले मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड का अब उनकी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है. विनेश ने लिखा था कि हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है, इसलिए वो अपना अवॉर्ड वापस करना चाहती हैं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये अवॉर्ड उनके ऊपर बोझ न बन सकें. विनेश से पहले बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड वापस कर दिया था.
साक्षी मलिक ने लिया सन्यास बजरंग ने अवार्ड लौटाया
भारतीय कुश्ती संघ चुनाव के नतीजे 21 दिसंबर को सामने आए थे. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी बताए जाने वाले संजय सिंह को संघ का अध्यक्ष चुना गया था. फैसला आने के कुछ देर पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का एलान कर दिया था.
इसके अगले दिन 22 सितंबर को बजरंग पूनिया भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने भी पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने जाने पर नाराजगी जाहिर की थी. और चुनाव जीतने के बाद बृजभूषण के बयान दबदबा है और दबदबा रहेगा का ख्ुालकर विरोध किया था.
खेल मंत्रालय ने नये संघ को किया निलंबित
बता दें कि 24 दिसंबर को केंद्रीय खेल मंत्रालय ने नवनियुक्त भारतीय कुश्ती संघ की पूरी कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया था. खेल मंत्रालय ने प्रेसिडेंट संजय सिंह के सभी हालिया फैसलों पर भी रोक लगा दी थी. अगले आदेश तक किसी भी तरह की गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया था.
ट्वीटर हैडिंल एक्स पर लिखी वेदना
अवॉर्ड वापस करने से पहले विनेश फोगाट ने कहा कि ष्यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए. देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुज़र रही हैं
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