(बुन्देली बाबू) ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल के कारण पैदा हुई पेट्रोल डीजल की किल्लत के बीच अभी अभी बड़ा अपडेट सामने आया है। ट्रक ड्राइवर्स व ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल का मामला अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट पहुंच गया है और हाईकोर्ट ने हड़ताल पर सख्ती दिखाते हुए सरकार को सख्त आदेश दिए हैं। बता दें कि ट्रक ड्राइवर्स और ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के चलते मध्यप्रदेश में हाहाकार मचता नजर आ रहा है सबसे ज्यादा पेट्रोल डीजल को लेकर सामने आई है जिसके लिए लोग परेशान हो रहे हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश में ट्रक ड्रायवरों की हड़ताल के कारण उत्पन्न स्थितियों के चलते नागरिक उपभोक्ता मंच नामक संस्था द्वाराजबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हड़ताल को असंवैधानिक बताते हुए तत्काल खत्म किये जाने की मांग की गई थी। जिसकी सुनवाई चीज जस्टिस की बेंच में हुई थी, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी कर हड़ताल को खत्म कर परिवहन बहाल कराने को कहा गया है।
हड़ताल पर सख्त हाईकोर्ट
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल को लेकर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने सरकार को हड़ताल पर सख्त कार्रवाई करने आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने साफ लफ्जों में कहा है कि सरकार हड़ताल को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ये संभावना जताई जा रही है कि आज ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल खत्म हो सकती है।
हड़ताल के कारण ईधन का किल्लत, यातायात प्रभावित
बता दें कि नए हिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक एसोसिएशन ने हड़ताल का आह्वान किया था। जिसके बाद नए साल के पहले दिन 1 जनवरी से हड़ताल शुरु हो गई। देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेशभर में 30 हजार निजी बसों का संचालन नहीं हो पाया। सोमवार सुबह बेबस, बेपटरी हुई आम जिंदगी मंगलवार की सुबह फिर लाचार नजर आई। न ओला चल रही न उबर, इ-रिक्शा वाले भी तिगुना किराया मांग रहे हैं। इधर पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई न हो पाने से पेट्रोल-डीजल की किल्लत शुरु हो गई और अधिकतर पेट्रोल पंप सूखे रहे। जिन पर पेट्रोल था वहां काफी अधिक दामों पर पेट्रोल बेचे जाने की खबरें आई लेकिन इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ पेट्रोल पंपों पर नजर आई।
एस्मा लागू कर सकती है एमपी सरकार
मध्य प्रदेश सरकार चल रही ट्रांसपोर्टरों और ड्राइवरों की हड़ताल के मद्देनजर आम नागरिकों को राहत देने के लिए आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू करने पर विचार कर रही है. इसकी पुष्टि मध्य प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, राजेश राजोरा ने समाचार पत्र समूह इंडिया टुडे से बात करते हुए की. संबंधी समाचार प्रकाशित किये गये है, उन्होने कहा कि हम वैधता पर गौर करेंगे और यदि कानूनी रूप से अनुमति होगी तो ईएसएमए लागू करेंगे”. राजोरा ने दावा किया कि हड़ताल का प्रभाव कम हो रहा है और चीजें सामान्य हो रही हैं.
ईएसएमए आमतौर पर आवश्यक सेवाओं के रखरखाव के लिए लागू किया जाता है और सरकारी कर्मचारियों की कुछ श्रेणियां इसके दायरे में आती हैं. मध्य प्रदेश सरकार कानूनी विकल्प तलाश रही है कि क्या इसे आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति से जुड़े गैर सरकारी लोगों तक भी बढ़ाया जा सकता है.
क्या कहता है नया कानून
नये कानून के मुताबिक भारतीय न्याय संहिता की धारा 106. (1) जो कोई भी लापरवाही से या गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में न आने वाले किसी भी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा.
(2) जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा। जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा. इसी के विरोध में ड्राइवर्स हड़ताल कर रहे हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी है.
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